डी.जी.एस.एण्ड डी. (आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशालय) का अस्तित्व दिनांक 31.10.2017 से समाप्त हो जायेगा। मोदी सरकार ने भारत सरकार के लिए खरीद फरोख्त करने वाले इस महत्वपूर्ण विभाग को बन्द करके फ्लिपकार्ट टाइप एक कम्पनी Gem spv Portal बनाने का निर्णय लिया है। इसके पहले राजीव गाँधी के कार्यकाल में उनके वाणिज्य मन्त्री अरुण नेहरू ने वर्ष 1984 में इस विभाग को अपने निजी कारणों से निष्प्रभावी बना दिया था। डी.जी.एस.एण्ड डी. आजादी के पहले से केन्द्र सरकार के सभी विभागों के लिए खरीद फरोख्त का काम करती रही है और उसके लिए इस विभाग के पास एक सुविचारित पर्चेज सिस्टम है और इस सिस्टम के तहत इन्फीरियर क्वालिटी की आपूर्ति को चिन्हित करना आसान होता है। अरुण नेहरू चेरी ब्लासम कम्पनी के मुलाजिम थे और इस विभाग ने उनके द्वारा की गई आपूर्ति को कई बार रिजेक्ट किया था जिसके कारण वे इस विभाग से चिढ़ते थे। अरुण नेहरू डी.जी.एस.एण्ड डी. के सिस्टम से पृथक कोई पर्चेज सिस्टम स्थापित नही कर सके और न उनके बाद के किसी मन्त्री ने इस दिशा में कोई सुविचारित नीति निर्धारित की जिसके कारण सप्लायरों की आमद साउथ ब्लाक तक बढ़ गई और कमतर गुणवत्ता के माल की आपूर्ति और दामों में कृत्रिम बढ़ोत्तरी का सिलसिला तेजी से बढ़ा, तहलका जैसे काण्ड देश को झेलने पड़े। अरुण नेहरू केन्द्रीय मन्त्री होने के पहले बहुराष्ट्रीय कम्पनी में मुलाजिम थे इसलिए डी.जी.एस.एण्ड डी. के प्रति उनकी चिढ़ समझ में आती है परन्तु वर्तमान सरकार का कोई मन्त्री बहुराष्ट्रीय कम्पनी का मुलाजिम नही रहा है और न भारत सरकार के साथ आपूर्ति का व्यवसाय करता था इसलिए किस मन्त्री के दबाव एवं प्रभाव में डी.जी.एस.एण्ड डी. को बन्द करने का निर्णय लिया गया, समझ से परे है। मुझे लगता है कि इस निर्णय पर पुर्नविचार किया जाना चाहिए।