Tuesday, 1 January 2019

पौने छः बजे लगी अदालत


पौने छ:बजे लगी अदालत
आज रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेशी के लिये लखनऊ मे था । अदालत का समय प्रातः 10 बजे से 05 बजे तक का होता है। अवकाश के दिन मजिस्ट्रेट दो बजे के बाद ही आते है , लेकिन आज माननीय पौने छ: बजे आये , उस समय तक कोर्ट रूम के अलावा पूरे परिसर मे अन्धेरा हो गया था , सीढ़ियों से उतरते समय मै खुद गिरते-गिरते बचा । वहाँ उपस्थित सभी लोग परेशान थे लेकिन माननीय इस सबसे बेखबर थे । वहाँ उपस्थित पुलिस कर्मियों को भी माननीय के आने के समय की जानकारी नहीं थी । अपनी न्याय पालिका आये दिन देश की अन्य संस्थाओं को कोई न कोई ज्ञान दिया करती है , आदर्श की लम्बी लम्बी बातें करती है परन्तु अपनी अधीनस्थ अदालतों की संवेदनहीनता के प्रति कभी कोई चिंता प्रगट नही करती ।वास्तव मे अवकाश के दिन अदालत मे उपस्थित होकर रिमांड मजिस्ट्रेट आम जनता पर कोई अहसान नही करते , अवकाश के दिन उपस्थिति उनकी ड्यूटी का पार्ट है । वे संविधान, कानून और नियम कायदों के ऊपर नही है । निर्धारित समय पर कोर्ट रूम मे उपस्थित रहकर मुकदमें सुनने के लिए ही उनकी नियुक्ति की गई है इसलिये अवकाश के दिन भी कोर्ट रूम मे उनके बैठने के समय की सूचना नोटिस बोर्ड पर चसपा की जानी चाहिए ।
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