Friday, 23 December 2016

साजिश है बी.एस.एन.एल. को बन्द करने की



                                                   आदरणीय, रवि शंकर जी
             भारत सरकार डिजिटल इण्डिया और कैशलेस संव्यहार का लक्ष्य आपके मन्त्रालय के सार्थक सहयोग के बिना प्राप्त न कर सकेगी परन्तु आपका मन्त्रालय इस दिशा में कोई सार्थक पहल करता नही दिख रहा है। आपके मन्त्रालय की इण्टरनेट सेवाएं बैलगाड़ी युग से आगे नही बढ़ पा रही है। मैं नही जानता कि आपके नेतृत्व में कोई कमी है या नौकरशाह अपने निहित स्वार्थों के कारण पूरी योजना में पलीता लगाये हुए है। पिछले 15 दिन से मेरी पत्नी दिल्ली के लक्ष्मी नगर मोहल्लें में है और उनके पास बी.एस.एन.एल. का पोस्टपेड मोबाइल है परन्तु उनसे एक भी दिन बात नही हो सकी है। आप भी जानते है कि लक्ष्मी नगर मोहल्ला छात्रों/युवाओं का मोहल्ला है। जहाँ सभी डिजिटल रहना चाहते है और यदि आपका मन्त्रालय नई दिल्ली के अन्दर इस मोहल्ले में निर्बाध इण्टरनेट सेवाएं उपलब्ध नही करा पा रहा है तो कैसे मान लिया जाये कि निकट भविष्य में पूरे भारत को इण्टरनेट के द्वारा कैशलेस बनाया जा सकता है। प्राइवेट इण्टरनेट सेवा प्रदाता कम्पनियों का नेटवर्क गली मोहल्लों में काम करता है इसलिए कभी कभी मन करता है कि मान लिया जाये कि बी.एस.एन.एल. की इण्टरनेट सेवाओं को जानबूझकर फिसड्डी बना दिया गया है। इसके पहले रिलायन्स या रेमण्ड जैसे उद्योगों के हित संवर्धन के लिए नेशनल टेक्सटाइल कारपोरेशन की मिलों को घाटा दिखाकर बन्द कर दिया गया था, ठीक वैसी ही कोई साजिश बी.एस.एन.एल. को बन्द करने की तो नही की जा रही है? रवि शंकर भाई बी.एस.एन.एल. आम लोगो के लिए काम करता है जबकि रिलायन्स जिओ, एयरटेल, आइडिया, वोडाफोन जैसे सेवा प्रदाता केवल अपने लाभ के लिए काम करते है। मेरा निवेदन है कि कैशलेस संव्यवहार के प्रचार, प्रसार के लिए राजनैतिक लाफ्फाजी बन्द करके सुदूर गाँवो में इण्टरनेट सेवायें उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर सार्थक प्रयास करायें। 

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