माल्या खुद मेरा चश्मा मुम्बई से दिल्ली लाये थे
अपने एक सांसद दोस्त के साथ मै विजय माल्या से उनके मुम्बई स्थित घर पर मिला हूँ । उनके घर की फिल्मी चकाचौंध देखकर मै हतप्रभ था और खुली आँखों से मै उनके घर का इंटीरियर देख लेना चाहता था इसलिए अपना चश्मा उतार कर वहीं रख दिया और चलते समय उसे वहीं छोड आया । एक सप्ताह बाद मेरा चश्मा खुद माल्या जी दिल्ली लेकर आये और उसे मुझ तक पहुँचाया । यह बहुत छोटी बात है लेकिन इससे उनकी संवेदनशीलता का परिचय मिलता है । बेशक वे डिफाल्टर है लेकिन उन्हें अपराधी मानना न्यायसंगत नहीं है । हम सब जानते है , अपने अमिताभ बच्चन दिवालिया होने की स्थिति मे आ गये थे , उनका बॅगला नीलाम होने ही वाला था लेकिन तत्कालीन बैंक अधिकारियों ने उन्हे बकाया राशि अदा करने के अवसर दिये और उनहोंने बैक की बकाया राशि अदा कर दी । मैने कई बडी फायनेंस कम्पनियों के लिए काम किया है । एक डिफाल्टर की गाडी रिपजेस कर ली गई और उसे बेचने की तैयारी की जा रही थी । इसी बीच डिफाल्टर की पत्नी अपनी दो अबोध बेटियों के साथ मैनेजर के पास आयी और गाडी छोड देने का अनुरोध किया । उसकी मौखिक गारंटी पर गाडी छोड दी गई । मै नही जानता , उस महिला ने क्या किया? लेकिन उसने पुराना डिफाल्ट क्लियर कराया और बाद की भी सभी किश्तें अदा कराई ।इस घटना को बताकर मै कहना चाहता हूँ कि माल्या हों या अन्य कोई डिफाल्टर , उसे बकाया राशि अदा करने के अवसर दिये ही जाने चाहिए । अपराधी बताकर उसे बदनाम करने से लोन फॅस जाता है ।
अपने एक सांसद दोस्त के साथ मै विजय माल्या से उनके मुम्बई स्थित घर पर मिला हूँ । उनके घर की फिल्मी चकाचौंध देखकर मै हतप्रभ था और खुली आँखों से मै उनके घर का इंटीरियर देख लेना चाहता था इसलिए अपना चश्मा उतार कर वहीं रख दिया और चलते समय उसे वहीं छोड आया । एक सप्ताह बाद मेरा चश्मा खुद माल्या जी दिल्ली लेकर आये और उसे मुझ तक पहुँचाया । यह बहुत छोटी बात है लेकिन इससे उनकी संवेदनशीलता का परिचय मिलता है । बेशक वे डिफाल्टर है लेकिन उन्हें अपराधी मानना न्यायसंगत नहीं है । हम सब जानते है , अपने अमिताभ बच्चन दिवालिया होने की स्थिति मे आ गये थे , उनका बॅगला नीलाम होने ही वाला था लेकिन तत्कालीन बैंक अधिकारियों ने उन्हे बकाया राशि अदा करने के अवसर दिये और उनहोंने बैक की बकाया राशि अदा कर दी । मैने कई बडी फायनेंस कम्पनियों के लिए काम किया है । एक डिफाल्टर की गाडी रिपजेस कर ली गई और उसे बेचने की तैयारी की जा रही थी । इसी बीच डिफाल्टर की पत्नी अपनी दो अबोध बेटियों के साथ मैनेजर के पास आयी और गाडी छोड देने का अनुरोध किया । उसकी मौखिक गारंटी पर गाडी छोड दी गई । मै नही जानता , उस महिला ने क्या किया? लेकिन उसने पुराना डिफाल्ट क्लियर कराया और बाद की भी सभी किश्तें अदा कराई ।इस घटना को बताकर मै कहना चाहता हूँ कि माल्या हों या अन्य कोई डिफाल्टर , उसे बकाया राशि अदा करने के अवसर दिये ही जाने चाहिए । अपराधी बताकर उसे बदनाम करने से लोन फॅस जाता है ।
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