सर्वश्रेष्ठ बिजनेस मैगजीन ‘बिजनेस टुडे’ के ताजा अंक में मेरी बिटिया अपराजिता की बाईलाइन पहली स्टोरी छपी है। मैंने तो कभी सोचा भी नही था कि ग्रेजुएशन तक हिन्दी मीडियम में पढ़ने और मेरा खुद का अंग्रेजी से जन्मजात वैर होने के कारण मेरे बच्चे अंग्रेजी वातावरण में अपने आपको स्थापित कर पायेंगे। कई राजनैतिक पत्रकार मेरे निकटतम हैं और उसके जोखिम और सम्भावनाओं से मैं परिचित था। बिजनेस की पत्रकारिता में मेरी जानकारी शून्य थी और जब उसने इस क्षेत्र में शुरुआत करने का निर्णय लिया, तो मै डर रहा था। मेरे कई मित्रों ने भी मुझे बिटिया को पत्रकारिता के क्षेत्र में न भेजने की सलाह दी थी लेकिन बिटिया पत्रकार बनने पर अमादा थी और न मालूम क्यों मै पत्रकारिता को व्यवसाय नही, एक मिशनरी दायित्व मानता हूँ इसलिए मैंने सहर्ष उसे इस क्षेत्र में जाने दिया। आज मुझे लगता है कि उसका निर्णय सही था और बिजनेस टुडे के साथ पत्रकारीय जीवन शुरु करके उसने अपने आपको सही साबित किया है और मुझे भी सन्तुष्ट होने का अवसर दिया है।
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