आदरणीय प्रकाश जी
आप अपनी राजनीति कीजिए, उनहें अपना काम करने दीजिये। पत्रकार का सत्ता का गुलाम होना लोकतंत्र के हित मे नही है । महाराष्ट्र मे इन्दिरा गाँधी प्रतिभा प्रतिष्ठान का भ्रष्टाचार राम बहादुर राय ने जनसत्ता मे उजागर किया था और उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने उस रिपोर्ट पर कार्यवाही की थी । उनहोंने यह नही कहा था कि राम बहादुर राय भाजपा से समबदध है इसलिये रिपोर्ट फर्जी है या रामबहादुर राय देशद्रोही है ।blitz मे आर के करंजिया के लेख इन्दिरा गाँधी को परेशान करते थे । " दिनमान " ने कभी कांग्रेस की नीतियों का समर्थन नही किया । हमारे जैसे बहुत से लोग दिनमान पढते हुये कांग्रेस विरोधी बने परन्तु कांग्रेस ने अपने विरोधियो को कभी देशद्रोही नही कहा और आपको अपना हर विरोधी देशद्रोही नजर आता है । आजादी की लडाई को आप धोखा मानते हो , अंग्रेजों के चाटुकार राजा रजवाड़ों को महान देशभक्त बताते हो , अपने कर्मचारियों को उनका वाजिब हक न देने वाले धनकुबेरों को आप समाज का उद्धारक बताते हो । मतलब हर वो आदमी जो आपके साथ है , केवल वही देशभक्त है और सबके सब देशद्रोही चोर उचक्के बेईमान है । भाई इस देश को महान बनाने मे सभी दलो और सभी देशवासियों का अमूल्य योगदान है । अभी चार साल पहले सत्ता मे आये हो और प्रदर्शन ऐसा करते हो कि यदि आप सत्ता मे नही आते तो देश बिक चुका होता । भाई अच्छी तरह समझ लो , मेरा है न तेरा है देश सबका है और यदि न समझी गई यह बात तो नुकसान सबका है । इसलिए मेरा करवदध निवेदन है कि रवीश , पुण्य प्रसून वाजपेयी , अभिसार जैसे पत्रकारों का सम्मान करो न करो लेकिन केवल राजनैतिक विरोध के कारण उनहें देशद्रोही बताने का अभियान बन्द कर दो । राजनैतिक कारणों से अपने विरोधियो को देशद्रोही बताने की प्रवृत्ति देश-हित मे नही है ।
आप अपनी राजनीति कीजिए, उनहें अपना काम करने दीजिये। पत्रकार का सत्ता का गुलाम होना लोकतंत्र के हित मे नही है । महाराष्ट्र मे इन्दिरा गाँधी प्रतिभा प्रतिष्ठान का भ्रष्टाचार राम बहादुर राय ने जनसत्ता मे उजागर किया था और उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने उस रिपोर्ट पर कार्यवाही की थी । उनहोंने यह नही कहा था कि राम बहादुर राय भाजपा से समबदध है इसलिये रिपोर्ट फर्जी है या रामबहादुर राय देशद्रोही है ।blitz मे आर के करंजिया के लेख इन्दिरा गाँधी को परेशान करते थे । " दिनमान " ने कभी कांग्रेस की नीतियों का समर्थन नही किया । हमारे जैसे बहुत से लोग दिनमान पढते हुये कांग्रेस विरोधी बने परन्तु कांग्रेस ने अपने विरोधियो को कभी देशद्रोही नही कहा और आपको अपना हर विरोधी देशद्रोही नजर आता है । आजादी की लडाई को आप धोखा मानते हो , अंग्रेजों के चाटुकार राजा रजवाड़ों को महान देशभक्त बताते हो , अपने कर्मचारियों को उनका वाजिब हक न देने वाले धनकुबेरों को आप समाज का उद्धारक बताते हो । मतलब हर वो आदमी जो आपके साथ है , केवल वही देशभक्त है और सबके सब देशद्रोही चोर उचक्के बेईमान है । भाई इस देश को महान बनाने मे सभी दलो और सभी देशवासियों का अमूल्य योगदान है । अभी चार साल पहले सत्ता मे आये हो और प्रदर्शन ऐसा करते हो कि यदि आप सत्ता मे नही आते तो देश बिक चुका होता । भाई अच्छी तरह समझ लो , मेरा है न तेरा है देश सबका है और यदि न समझी गई यह बात तो नुकसान सबका है । इसलिए मेरा करवदध निवेदन है कि रवीश , पुण्य प्रसून वाजपेयी , अभिसार जैसे पत्रकारों का सम्मान करो न करो लेकिन केवल राजनैतिक विरोध के कारण उनहें देशद्रोही बताने का अभियान बन्द कर दो । राजनैतिक कारणों से अपने विरोधियो को देशद्रोही बताने की प्रवृत्ति देश-हित मे नही है ।
No comments:
Post a Comment