Wednesday, 22 August 2018

माननीय सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश

चित्र में ये शामिल हो सकता है: पाठ

माननीय सर्वोच्च न्यायालय का यह आदेश कानपुर जेल मे अर्थहीन हो चुका है । विचाराधीन बन्दी अमित गुप्ता के पैर के नाखून जेल मे उखाड़ लिये गये परन्तु कोई कार्यवाही नही हुई , जाॅच के नाम पर शोषक अधीक्षक से आख्या मांगी गई है और उधर जेल के अन्दर अमित गुप्ता पर अमानवीय यातनाओं का कहर बढ गया है ।
टिप्पणियाँ
Deepak Sootha It's really a noble task to have brought the wrong doings, illegal acts and atrocities of jail superintendent of Kanpur jail in public notice. Your post will be conducive to stop harassment of Amit Gupta like under trails by jail authorities. Pulling out of nails of an individual is quite inhuman and unlawful and blatant violation of SC order, as cited.
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Dinesh Yadav भैया आपका कार्यक्रम jmd चैनलपर चलरहाहै,राधेराधे
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