आज करीब दस वर्षों के लंबे अंतराल के बाद वर्ष 2003 से 2006 के बीच रात दिन के साथी नवीन अजमानी से उनके नोयडा स्थित घर में मुलाकात हुई। हमने नवीन के साथ अनगिनत यात्रायेें की और प्रदेश के लगभग सभी जनपदों में माध्यासथम अधिनियम के तहत पारित एवार्ड के प्रवर्तन के लिए बिना टी सी बनवाये इजरा दाखिल की है। हम लोगों को कभी इजरा के लिए स्टांप ड्यूटी नहीं अदा नहीं करनी पड़ी। नवीन चेन्नई चले गए और यहाँ कंपनियों के नये अधिकारियों ने हमें आउटडेटेड घोषित कर दिया और अब कोर्ट में इजरा दाखिल करते समय स्टांप ड्यूटी ( कोर्ट फीस नहीं) अदा करनी पड़ती है और मुनसरिम रिपोर्ट के लिए दो महीने बाद की तारीख लगाई जाती है। हम लोग एक बार बिहार की बगहा कोर्ट बैलगाड़ी से गये थे। विभिन्न जनपदों में तरह-तरह के अनुभव मिले थे। आज उन सभी यादों को ताजा किया। बहुत अच्छा लगा। चार घंटे कब बीत गये, पता ही नहीं चला। नवीन की विदुषी पत्नी दीक्षिता ने पुत्रवधू की तरह आदर सत्कार किया। उसने भी हम दोनो की बाताे में आनन्द लिया। मेरी बेटी भी साथ थी। उसे भी आनन्द आया। आज बहुत दिन बाद मन खुश हुआ।
No comments:
Post a Comment