Wednesday, 20 December 2017

काँग्रेस की पराजय कुछ कहती है


कांग्रेस की पराजय कुछ कहती है
गुजरात मे सरकार भाजपा की बनेगी लेकिन संगठित प्रयास के बावजूद भाजपा नेतृत्व खुद की अपराजेय छवि को बनाये रखने मे सफल सिद्ध नहीं हो सका । यह सच है कि वर्तमान भारतीय राजनीति मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विशालकाय पर्वत की तरह स्थापित है परन्तु गुजरात चुनाव मे राहुल गाँधी ने इस पर्वत को दरका दिया है और यही उनकी उपलब्धि है । लगातार कई चुनाव हारते रहने से किसी दल की विचारधारा नष्ट नहीं हुआ करती । 1974 के उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव को याद कीजिए , इस चुनाव मे तब की जनसंघ ने अटल बिहारी बाजपेयी को मुख्य मंत्री के रूप मे प्रोजेक्ट करके चुनाव लडा और उसे बुरी तरह हार का सामना करना पडा जबकि पूरे प्रदेश मे कांग्रेस विरोधी माहौल था ।1984 के चुनाव मे खुद अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव हार गये थे । भाजपा को तेलुगु देशम से भी कम सीटें मिली थीं। रामाराव बडे नेता बनकर उभरे लेकिन उन सबकी तुलना मे अटल बिहारी बाजपेयी और भाजपा की प्रतिष्ठा मे कोई कमी नहीं आई और न पार्टी के कार्य कर्ता कभी निराश हुये। गुजरात चुनाव के पहले तक राहुल गाँधी को गम्भीरता से नहीं लिया जाता था लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान वे एकदम बदले हुए नजर आये और चुनावी विश्लेषकों को उनहोंने अपने प्रति नजरिया बदलने के लिए बाध्य कर दिया ।कोई कुछ भी कहे , मेरा अपना मानना है कि राहुल गाँधी ने अपने लिए, अपनी पार्टी के लिए सम्भावनाओं के नये द्वार खोल लिए है ।
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25 टिप्पणियाँ
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Devpriya Awasthi आत्म मुग्ध होकर भटकें नहीं तो राहुल के लिए संभावनाएं ही संभावनाएं हैं.
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18 दिसंबर को 11:40 अपराह्न बजे
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Aridaman Singh Please calculate every part of politics and than say. Because personal mentality and social mentality is differ alwaysअनुवाद देखें
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18 दिसंबर को 11:53 अपराह्न बजे
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Ashish Pandey Sir ji , 6th term for BJP. Congress shows again politics of caste . Any party can revive if they have vision and better management over competitive rival. Old yug of divide and rule has finished. Pls donot compare Atal ji with Rahul. Atal ji had a vision and created people like Modi ji. Dr ka beta MBBS karega tabhi Dr banega na ki family experience se dawa dega. BJP has seen capability of Modi ji and handover there legacy when everyone think BJP finished. Same way yogiji will be successer of Modiji. Tyag se virakti hoti hai tab tapasya main man lagta hai. We should be loyal for country not for any party. I have very less exp and knowledge compare to yours but sharing personal views. Excuse for modified thought.
सर जी, भाजपा के लिए 6 वां शब्द । कांग्रेस ने फिर जाति की राजनीति को दर्शाया । कोई भी पार्टी को पुनर्जीवित कर सकता है अगर वे प्रतिस्पर्धी प्रतिद्वंद्वी पर दृष्टि और बेहतर प्रबंधन हैं. विभाजन और नियम का पुराना युग समाप्त हो गया है. कृपया राहुल के साथ अटल जी की तुलना मत करो । अटल जी ने दर्शन किया और मोदी जी जैसे लोगों को पैदा किया । डॉ का बेटा एमबीबीएस करेगा तभी डॉ बनेगा ना की पारिवारिक अनुभव से दावा देगा भाजपा ने मोदी जी की क्षमता देखी है और जब हर किसी को लगता है कि बीजेपी ने खत्म कर दिया । इसी तरह योगी मोदीजी का successer होगा । Tyag से virakti होती है टैब तपस्या मुख्य आदमी lagtaâ है । हम देश के लिए वफादार होना चाहिए किसी भी पार्टी के लिए. मेरे पास बहुत कम exp और ज्ञान आपकी तुलना में है लेकिन व्यक्तिगत विचार साझा कर रहा है. संशोधित विचारों के लिए क्षमा करें.
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Amit Sharma बहोत उत्तम मित्र काफी मिलते हुए विचार जय श्री राम ।
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Ashish Pandey Jai Sri Ram Amit Ji. New generation should work on value addition to country in modified way instead of post and power for public show off.
जय श्री राम अमित जी । नई पीढ़ी को सार्वजनिक शो के लिए पोस्ट और शक्ति के बजाय संशोधित तरीके से देश के अतिरिक्त मूल्य पर काम करना चाहिए.
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Amit Sharma जिस देश में कोई सरकार दोबारा आ जाये तो आडिटोरियल लिखे जाते हो वँहा 22 साल की इन्कम्बेंसी, पटेल आंदोलन,जातिवाद का जहर,एस सी जिग्नेश , बैकवर्ड अल्पेश ,टैक्स रिफॉर्म जी एस टी , नोट बन्दी और उसके बाद भी बीजेपी सरकार बना रही है तो कृपया अब बस ---/ कभी मायावती,अखिलेश,य कोई और नाम बताये जो दोबारा लगातार वर्तमान में जीता हो सही एनालिसिस बहोत जरुरी है दूर न जाए हिमांचल को उदाहरण मान ले जवाब मिल जाएगा।
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कल 12:04 पूर्वाह्न बजे
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Ankit Tiwari राहुल नहीं हार्दिक पटेल और बीजेपी दोनों बधाई के पात्र है | हार्दिक से पट्टीदारों पे अपनी पकड़ साबित की और बीजेपी ने मध्य और उत्तर गुजरात के अपने गण बचाये | चुनाव में राहुल कोई फैक्टर था ही नहीं | शंकर सिंह वाघेला पे दांव लगाते तो शायद आकंड़े उलटे हो सकते थे | कांग्रेस समझ ही नहीं पायी की मौके को कैसे भुनाना है | सिर्फ राहुल गाँधी की छवि सुधारने के चक्कर में चुनाव हार गयी |
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जवाब देंकल 12:13 पूर्वाह्न बजेसंपादित
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Ganga Prasad Yadav राहुल के लिए अपार सम्भावना देखने से पहले यह मत भूले कि देश की जनता को गाँधी माडल नही गुजरात माडल ही मंजूर है! अभी 2019 मे देश के सामने एक बार फिर गम्भीरता से लेने न लेने पर जनता को विचार करने का अवसर मिलने वाला है राहुल ने निश्चय ही ताजपोशी के समय यदि सोनिया, मनमोहन के पैर छूकर आशीर्वाद ले लिया होता तो निश्चित रूप से भारत की भोली भाली जनता शायद गम्भीरता से लेती कि गम्भीरता आ गयी?पहाड के दरकने का भ्रम तो दूर पहाड की पगडण्डीयो पर चढने के प्रयास की हिम्मत जुटा पाना भी अभी दूर की कौड़ी साबित हुई दिखाई दी जातिवादी, अतिवादी,नारो के सहारे किसी की कोई कभी जीत नही हुई न ही सरकार बन सकने का सपना ही पूरा हुआ है! अटल जी की तुलना राहुल से कदापि नही की जानी चाहिए ? राहुल से बड़ी जनसभा तो हार्दिक पटेल की हुई भीड़ हार्दिक के नाम पर जुटती भाषण राहुल देते 6ठवी बार भा•ज•पा• सरकार यह है गुजरातीयो का प्यार!
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कल 12:34 पूर्वाह्न बजेसंपादित
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Ambuj Agarwal 1990 के विशवनाथ प्रताप सिंह के आरक्षण के बाद देश की राजनीति को किसी भी पुराने अनुभव से तुलना नही कि जा सकती ,
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कल 03:07 पूर्वाह्न बजे
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Rajat Kumar Agarwal जो बच्चा fail हो गया वो pass बच्चे से कह रहा है ,
यार तुमने जैसा सोचा था उससे नंबर कम aae तुम्हारे ,
सम्भाल लो भईया , अगली बार अच्छे से पढ़ना !!
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कल 05:22 पूर्वाह्न बजे
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Jitendra Kumar Pandey कांग्रेस की हार से ही संविधान विरोधी नियम को जनता के सामने रखकर आरक्षण की मांग कर कांग्रेस का यही हाल होगा क्योंकि जहाँ भी इनकी सरकार रही कहीं अल्पसंख्यक को धर्म के आधार पर ५% आरक्षण देने की बात करना जबकि संविधान में ५०% से ज्यादा आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता है।
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कल 07:03 पूर्वाह्न बजे
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Adv Manharan Gopal Awasthi गुजरात चुनाव में हार जीत किसी की भी हुई हो ,परन्तु दो समवैधानिक संस्थाएँ अपनी साख खो गयी, एक चुनाव आयोग जो आचार संहिता की लाज बचाने में असमर्थ रहा ,दोनों दलों के शीर्ष नेताओं ने इसे तोड़ा और चुनाव आयोग बेबस हो पांडवो की तरह लाज लूटता देखता रहा,दूसरा प्रधान मंत्री स्वयं जिन्होनेचुनाव की हार के भय से इस घृणित कार्य को स्वयम किया,जबकि इसके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करने का दायित्व उन्ही पर था,प्रधान मंत्री जीने पूर्व प्रधान मंत्रीमनमोहन सिंह ,पूर्व उप राष्ट्रपति,पूर्व सेनाध्यक्ष,एवम कई पूर्व राजनायिकों पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री श्री कसूरी के साथ एक रात्रिभोज मेमिल कर देश के विरुद्ध षड्यंत्र रचने का झूठा आरोप लगाना स्वयं प्रधान मंत्री द्वारापदीय मर्यादा केविरुद्ध आचरण करना रहा,ये दोनों घटनाएं गुजरात के चुनाव में तो पार्टीयों की हार जीत करा गईं पर देश हरा गईं।
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कल 07:13 पूर्वाह्न बजे
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Suresh Yadav बहुत सही विश्लेषण। चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री दोनों ही संवैधानिक पदों की गरिमा इस चुनाव में तहस नहस हुई है।
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Sanjay Kumar Singh हर जीत में हार व हर हार में जीत होती है फर्क सिर्फ इतना ही है कि हमारी नजरिया कैसी है ? कल हमने अपने एक कांग्रेसी मित्र को बधाई क्या दी वो उल्टा पड़ गया क्योंकि हमारी व उनकी सोच में जमी आसमां की दूरी है वे कुछ बोल पाते उनसे पहले ही एक मुंसी ने कहा हां अब तो ये प्रधानमंत्री बन जाएंगे न...
मैं नाम से संजय हुँ दृष्टि भी अब करीब की नही दूर की हो गयी है ऐसा प्रतीत होता है हम किसी की बुराई व अच्छाई गिनायें बेहतर होता आत्म अवलोकन कर अपने शुभचिंतको को नेक पैगाम दें क्योंकि fb पर हम कुछ भी लिखते हैं एक पार्टी की गुलामी का शिकार हो जाते हैं आशा करता हूँ भ्र्ष्टाचार व कांग्रेसमुक्त सरकार में सांसे पहले से प्रदूषणमुक्त महसूस करेंगे...जय बाला जी
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कल 07:42 पूर्वाह्न बजे
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Kaushal Sharma संजय भाई 
आप अपने विचारों पर स्थिर रहें और अपने विजन (दृष्टिकोण ) को निजी अनुभवों से निरन्तर सॅवारते रहें। फेसबुक मे तटस्थ भाव से सामने वाले के विचारों को सुनने और समझने वालों की संख्या कम है ।यहाँ तो किसी को भी किसी दल विशेष का समर्थक घोषित करने या उ
से देशद्रोही बता देने का प्रचलन बढ गया है लेकिन आप या आप जैसे स्वतन्त्र सोचने वाले ही लीक से हटकर कुछ नया कर पाते है इसलिये कोई कुछ भी कहे , आप अपने मन की बात कहते रहिये, समाज को उसकी जरूरत है।
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Sanjay Kumar Singh आभार 
आपके उदगार ही हमें स्वतंत्र अभिव्यक्ति प्रकट करने को बाध्य करता है...
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Chandra Shekhar Singh जनमत का सैलाब से हर नेता को सीख लेना चाहिए
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कल 08:00 पूर्वाह्न बजे
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Randhir Sishodiya आरक्षण के बिरोध में मिला जनादेश है पार्टियाँ आत्ममंथन करें
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कल 08:16 पूर्वाह्न बजे
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Sushil Kumar Hargava Fully agreed with your views.
आपके विचारों से पूरी तरह सहमत हो गए.
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Upendra Awasthi निश्चित ही राहुल गाँधी जी ने जिस निडरता व गंभीरता से गुजरात की कमान स्वयं संभालते हुए पूरा चुनाव लड़ा है वो उनकी जो छवि देश व समाज मे आरएसएस व बीजेपी द्वारा बनाई गई थी उससे बिल्कुल विपरीत है ।
पूरी सरकारी मशीनरी सहित स्वयं प्रधानमंत्री जिस प्रकार से गुज
रात चुनाव में आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे थे उससे ये पहले ही साबित हो गया था कि कही न कही राहुल गाँधी जी ने उनको जमीन पर लाकर मेहनत करने के लिए विवश कर दिया ।

इस चुनाव में राहुल गाँधी जी विपक्ष के एक बड़े नेता के रूप में मोदी जी के विरोध में अपने आपको स्थापित करने में पूर्णतया कामयाब हो गए है ।
बहुत समय से नेतृत्वविहीन सा हो चुका विपक्ष निश्चित ही अब भविष्य में एक नई ऊर्जा व नए तेवरों के साथ राहुल गाँधी जी के नेतृत्व में हम सबके सामने होगा ।
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कल 08:59 पूर्वाह्न बजे
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Deepu Pandey आज बरबस बचपन के दिन याद आ गये।हाईस्कूल, इंटरमीडिएट बोर्ड मे फेल की पंचवर्षीय योजना वालों की काफी संख्या होती थी।वे छात्र जानते थे कि वे कभी पास नहीं हो सकते, पर परिवार के दबाव मे हर बार परीक्षा देते थे।परिणाम वहीं असफलता।कई बार तो बहुत जोर शोर से बताया जाता था कि इस बार तीन विषय में पास है जबकि पिछली दफे सभी विषय में फेल था।इसी बात से संतुष्ट हो जाते थे परिवार के लोग और ईष्ट मित्र तथा समर्थक।कुछ कुछ ऐसा ही है ये विष्लेषण, जिसमे पूर्व की कुछ राजनैतिक घटनाओं से असफल परीक्षार्थी को सफल बताने काप्रयास किया गया है।मुझे कोई दिक्कत भी नहीं है। असफलता को अधूरी सफलता कहना शब्दों की जादूगरी हो सकती है सच नहीं।फिर भी आपको और आपसे सहमत सभी मित्रों को हार्दिक बधाई।
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कल 09:30 पूर्वाह्न बजे
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Kaushal Sharma दीपू भाई 
हम दोनों एक दूसरे से सहमत असहमत हो सकते है पर आपने मेरे विचारों का सम्मान करके मुझे अनुग्रहीत किया है ।यही लोकतांत्रिक स्पिरिट है जिस हम सबको प्रोत्साहित करना चाहिए।
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Deepu Pandey आ.कौशल जी,अनुग्रह जैसा कुछ भी नहीं है।आप हमारे वरिष्ठ है।आपकी पोस्ट बहुत सारगर्भित एवं सामाजिक चेतना को लेकर होती है इसलिए इंतजार रहता है। आपने इसपर अपना ध्यान आकृष्ट किया मेरे लिए यही पर्याप्त है,आभार।
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Adv Shree Prakash Tiwari उत्तम विश्लेषण
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कल 09:43 पूर्वाह्न बजे
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Mohan Tewari मेरा विश्लेषण कहता है,,, पराजय के,,बाद,,,राहुल,,,रोज सीख रहे हैं,,, और,,,,मोदी जी,,,,विजय के,,,दम्भ में,,,रोज,,,कुछ,,,नैतिक,, मानवीय मूल्यों को भूलते ,,,जा रहे,,,
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कल 09:47 पूर्वाह्न बजे
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Prakash Mishra Jeetna alag baat hai kaisa jeeta vo alagh baat . Agar chunaav k poorva GST kam karna Gujrat me petrol se lekar kuch cheejon par price kam na hote tab ? Chunaav Aayog chup raha.
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कल 11:52 पूर्वाह्न बजे
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Dhani Ram Gupta Najariya Rahul ka badala topi utar ker coat ke bahar janeu tang liya
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जवाब देंकल 04:06 अपराह्न बजे
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Jai Shankar Bajpai यह सत्य है कि गुजरात का चुनाव मोदी बनाम कांग्रेस बना दिया गया और बीजेपी व सरकार ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला इसके बावजूद चुनाव परिणाम यह बताते हैं कि कांग्रेस मुक्त भारत एक दिवा स्वप्न है ।
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कल 06:23 अपराह्न बजे
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Amit Bajpai ये जीत राजनीतिक कुशलता की जीत हुई bjp गुजरात में अपराजेय रही यानि विपक्षी आप को पराजित नहीँ कर सके ।फ़िर भी आत्ममुग्धता है ।
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Mahesh Sharma अमित शाह ने मांगी 182 में से 150 सीट गुजरातियों ने दी 99
भाई GST भी तो कटेगी 28%
182×28%=51

150-51=99 गुजराती हिसाब पक्का करते है.
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Sandhya Mishra rule is rule . It should be everywhere.
नियम नियम है. यह हर जगह होना चाहिए.
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Sandhya Mishra blkul sahi kaha ganga prasad ji ne
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