दोगलेपन की पराकाष्ठा
मुंह मे राम, बगल मे छुरी
की अवधारणा पर विश्वास करती है प्रज्ञा ठाकुर
थूक कर चाटने मे इन्हें कभी शर्म नही आती
मुंह मे राम, बगल मे छुरी
की अवधारणा पर विश्वास करती है प्रज्ञा ठाकुर
थूक कर चाटने मे इन्हें कभी शर्म नही आती