प्यार करो तो निभाओ भी
तुमने राधा को नही खुद को धोखा दिया है
तुमने राधा को नही खुद को धोखा दिया है
राधा ने अपने प्राणों की आहुति देकर तुम्हारे प्रति अपने प्यार और समर्पण का अहसास दुनिया को करा दिया लेकिन तुमने और तुम्हारे पिता ने उसे समझने और उसकी भावनाओं का सम्मान करने की कभी कोई कोशिश ही नहीं की। तुम जानते हो कि तुमने विद्यार्थी जीवन में ही इनजिनियरिंग की पढाई के दौरान राधा को अपने साथ ”अपना घर“ बसाने का साझा सपना देखने के लिए उत्प्रेरित किया था लेकिन अपनी कायरता या चन्टई में खुद तुमने उसका घर बसने के पहले ही उजाड़ दिया। उसके सब सपने बिखेर दिये। उसे अपने आपको अवांछित और अप्रिय मानने के लिए मजबूर किया। बेटा तुम नहीं जानते कि अवांछित और अप्रिय होने का दुख गरीबी और अभावों से कहीं ज्यादा कष्टदायी और जानलेवा होता है। तुमने उसे जानबूझकर इस कष्ट की ओर धकेला है। राधा ने तो तुम्हारी और तुम्हारे परिवार की खुशियों के लिए अपना जीवन तुम पर न्योछावर कर दिया ताकि तुम्हारा और तुम्हारे पिता का मनचाहा दहेज और अपनी जाति की पुत्रवधु पाने का सपना साकार हो सके। राधा ने तुम्हें अपने तरीके से अपना जीवन जीने की स्वतन्त्रता दे दी है। यह सच है कि तुम राधा का विश्वास भंग करने और उसे आत्महत्या के लिए दुष्पे्ररित करने के लिए जेल जा सकते थे लेकिन राधा ने तुम्हें माफ कर दिया इसलिए मैं कौन होता हूँ तुम्हें सजा दिलाने वाला ? बेटा कुछ ही दिनों बाद तुम्हारी मनचाही शादी हो जायेगी और तुम्हें याद भी नहीं रहेगा कि राधा नाम की कोई लड़की तुम्हारे जीवन में थी और उसने तुममें अपनी सारी खुशियाँ और अपनी दुनिया देखी थी लेकिन तुमने उसे केवल और केवल एक लड़की माना और जिस दिन उसे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस दिन तुम उसके पास नहीं थे। अपनी ही जाति की लड़की से शादी करने के लिए उसका प्यार तुम्हारे लिए घुटन बन गया । राधा तुम पर कभी बोझ नही रही, उसने हर स्तर पर इंजीनियरिंग कालेज से बॅगलौर तक एक सच्चे मित्र की तरह तुम्हारी मदद की ।तुम्हारे लिए तुम्हारे सम्मान के लिए उसने अपने परिवार का गुस्सा झेला परन्तु तुमने क्या किया ? अपनी जाति की लडकी से शादी करने का निर्णय सुनाकर उसे अकेलेपन के दावानल मे ढकेल दिया। मन तो आज भी करता है कि तुझे जेल भिजवाऊॅ लेकिन राधा की अन्तिम इच्छा को ध्यान मे रखकर मन मसोस कर रह जाता हूँ । कुछ दिनों में तुम शादी करोगे और फिर बेटा या बेटी के पिता भी बन जाओगे। तुम्हारे घर में तुम्हें किसी लड़की के साथ सम्मानजनक आत्मीय व्यवहार करने की शिक्षा नहीं दी गयी है इसलिए तुम्हें राधा की भावनाओं का निरादर करने में कभी कोई ग्लानि महसूस नहीं हुई। तुम भलीभाँति जानते हो कि राधा की मृत्यु के लिए तुम और तुम्हारा दहेज लोभी बाप जिम्मेदार है। अभी युवा हो , इंजिनीयर हो , किसी दूसरी लडकी को प्रेमजाल मे फॅसा लोगे लेकिन याद रखना , जीवन के संध्या काल मे तुम्हे अहसास होगा कि तुमने राधा को नही खूद अपने आपको धोखा दिया है । राधा ने तुम्हे माफ कर दिया लेकिन भगवान् तुम्हे दण्ड ज़रूर देगा राधा की माँ अब अनाथ हो गयी है। वे अपना शेष जीवन घुट घुटकर जियेंगी। तुम्हारी बेटी हो या बहन, साली हो या सरहज, प्लीज बेटा अब तुम किसी लड़की से अपनी बेटी से भी नही , प्यार मत करना, प्यार मत करना, प्यार मत करना। तुम्हारे जैसे बेटो की हरकतों के कारण ही माता पिता अपनी बेटियों को खुले आसमान मे उड़ने नहीं देते, उन पर हजार तरह की बन्दिसे लगाने को मजबूर हो जाते है।
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