Saturday, 25 May 2019

आदरणीया कनक जी


आदरणीया कनक जी
आपने सकारात्मक बात कही है ।
मै आपसे सहमत हूँ लेकिन कुछ लोग है जो आजादी की लडाई के दौरान अपनी कायरता छिपाने के लिए महात्मा गाँधी की हत्या को पहले जायज और।फिर अपने कहे के लिए माफी माँगने का स्वांग रचकर देश को गुमराह कर रहे है और ऐसे लोगो को बेनकाब करना भी नागरिक जिम्मेदारी है ।
Kanak Saumya
गोडसे
मैं ये चर्चा नहीं करूंगी कि वो देशभक्त थे या आतंकी।।
चलिए मान लेते हैं कि आतंकी या गद्दार नहीं थे.
सच्चे देश प्रेमी थे.
अब देश के बहुत से नागरिक हत्यारे भी हैं
मान लीजिए गोडसे भी उन्ही हत्यारों में से एक थे.
गांधी की हत्या से पहले गोडसे पर कोई आपराधिक आरोप नहीं है.
गाँधी की हत्या के बाद भी न तो उन्होने कोई और अपराध किया और न ही इस अपराध से बचने के लिए कोई बहाने पेश किए. भागने की कोशिश नहीं की. खुद समर्पण कर दिया.
फांसी की सजा के खिलाफ अपील तक नहीं की
साबित है कि गोडसे गांधी से व्यक्तिगत रूप से खिन्न थे.
परंतु
भारत का संविधान खिन्नता के किसी भी स्तर पर कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं देता. इसलिए गोडसे ने जो किया सांवैधानिक तौर पर तो गलत ही था
गोडसे को फांसी दी जा चुकी है.
अगर वो हत्यारे हैं या वो आतंकवादी होते तब भी ज्यादा से ज्यादा फांसी की सजा ही दी जा सकती थी.
जो उनको दी भी गई.
तो अब
गोडसे का नाम लेकर बेवज़ह के विवाद क्यों खड़े किए गए हैं???
संविधान भी कहता है और नैतिकता भी कि अपराध करने के लिए सजा काटने के बाद व्यक्ति दोषमुक्त हो जाता है.
तो फिर
गोडसे का नाम लेने का क्या औचित्य है???
अब समय है कि आज शेष आतंकवादियों और अपराधियों को यथा शीघ्र तय सजा दी जाए.
आज जो आतंक फैला हुआ है वो गोडसे का नाम जपने या गोडसे को कोसने से समाप्त नहीं होगा.
गांधी को गोडसे ने तब न भी मारा होता तो वो आज जिंदा नहीं होते. बल्कि सच कहें तो साल दो साल में अपनी मौत मर गए होते.
अब समय अतीत को कुरेदने का नहीं
वर्तमान का मंथन कर भविष्य के निर्माण का है.
आतंकियों से घिन का प्रमाण दो.
चुन चुन कर आतंकियों को खत्म करो.
जयहिंद
टिप्पणियाँ
  • Mrinal Dey आतंक।
    आतंकी।
    आतंकवाद।

    इन सबका हो सत्यानाश।
  • Suresh Yadav कनक सौम्या मैडम, आपकी बात बिल्कुल सही है। गोडसे, जो अब सिर्फ अतीत का हिस्सा है, उसे गोडसे ही रहने दिया जाना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए। उसे उसके किये की सजा भी मिल चुकी है। वह हत्यारा था, आतंकी था या सनकी था, ये बातें आज देश के भविष्य के लिए कोई माईने नहीं रखती हैं।
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