Sunday, 6 October 2019

महात्मा गाँधी के सन्देश ..........4


महात्मा गाँधी के संदेश _______4
आर्थिक समानता हिंसारहित स्वाधीनता की कुंजी है । आर्थिक समानता लाने का प्रयास करने का अर्थ है , पूँजी और श्रम के शाश्वत संघर्ष की समाप्ति करना। इसका मतलब है कि जिन कुछ अमीर लोगों के हाथ मे राष्ट्र की अधिकतर सम्पत्ति केन्द्रित है , उनका प्रभाव घटाना और दूसरी ओर लाखों भूखे लोगों की आर्थिक स्थिति सुधारना । जाहिर है कि जब तक अमीरों और लाखों भूखे लोगों के बीच चौडी खाई मजबूत रहती है तब तक अहिंसा पर आधारित सरकार कायम करना असंभव है । नई दिल्ली की आलीशान इमारतों मे और गरीबों की दयनीय झुग्गियो झोपड़ियों जो भारी विरोधाभास है , वह स्वाधीन भारत मे , जहाँ गरीब को भी उतने ही अधिकार होंगे , जितने कि सबसे अमीर वयकति को, एक भी दिन नही टिक सकेगा । यदि संपत्ति और संपत्तिजन्य सत्ता का त्याग खुद नही किया जायेगा और सार्व जनिक कल्याण के लिये दूसरों को उसमे साझीदार नही बनाया जायेगा तो एक दिन हिंसात्मक और खूनी क्रांति होकर रहेगी ।
मै आपको एक मंत्र देता हूँ। जब भी आपको संदेह हो , या जब आप बहुत आत्मलिप्त हो जाॅये तो आप इसे आजमायें ।किसी ऐसे सबसे गरीब अथवा कमजोर बयकति का चेहरा याद करें जिसे आपने देखा हो और अपने से पूछें कि जो कदम आप उठाने जा रहे है , क्या उसे इससे कोई लाभ होगा? क्या इसकी सहायता से वह अपने जीवन और भाग्य का नियंता बन सकेगा? दूसरे शब्दो मे , क्या वह कदम भूखे पेट और आध्यात्मिक भूख से मारे लोगों के लिए स्वराज स्थापित करने मे सहायक होगा? तब आप देखेंगे कि आपकी शंकायें और आपका स्वार्थ मिटता जा रहा है ।

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