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Saturday, 21 April 2018
बड़े पदो पर छोटे मन के लोग काबिज
Kaushal Sharma
कल 06:16 अपराह्न बजे
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बडे पदों पर
छोटे मन के लोग काबिज
हश्र
महाभियोग
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Sandeep Shukla, Pankaj Kumar Sharma और 74 अन्य लोग
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Randhir Sishodiya
जिस परिपेक्ष्य में आप ने लिखा असहमति
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1 दिन
Suresh Yadav
सिसोदिया साहब,
"बडे पदों पर
छोटे मन के लोग काबिज
हश्र
महाभियोग"
पोस्ट पर आपने एक खास परिपेक्ष्य में अपनी असहमति व्यक्त की है। क्या इस पोस्ट का एक दूसरा पक्ष भी हो सकता है?
चुकि आप एक अधिवक्ता है, इसीलिए जिज्ञासावश यह सवाल मन आ गया और पूछ दिया।
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22 घंटे
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Kaushal Sharma
मै भी मानता हूँ, धरती पर भगवान् के बाद जज साहब न्याय के देवता होते है लेकिन आप भी जानते है कि जज साहब लोग अब खुद अपनी गरिमा के प्रति संवेदनशील नहीं रह गये है ।
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1 दिन
Randhir Sishodiya
पूर्णतया सहमत हूं । घोड़ा अपनी रातिब खुद बढावा लेता है ।
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1 दिन
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संपादित
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Shashikant Pandey
किससे उम्मीद है कि वह महाभियोग ला सकता है अपरिपक्व विपक्ष केवल गाल बजाकर सन सनी फैलाने के अलावा कुछ कर नही सकता जब अविश्वास प्रस्ताव ला नही पाये जो राजनैतिक मुद्दा था यह तो न्यायपालिका के विरूद्ध है
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1 दिन
Kaushal Sharma
भाई माॅ गंगा की तरह न्याय पालिका की स्वच्छता के लिए भी भगीरथ प्रयास की जरूरत है। महाभियोग उसका पहला चरण है ।
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1 दिन
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Narendra Kumar Singh
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय तत्वों के आधार पर होता है सभी लोगों को मालूम
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1 दिन
Chandra Shekhar Singh
नहीं नहीं नहीं
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1 दिन
Sanjay Jha
Ye kunchhit manasikata ke logo ki mansikata hai
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1 दिन
Rajendra Prakash Srivastava
बहुत सही कमेंट
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1 दिन
Dinesh Gupta
क्या बात है।
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23 घंटे
Ajay Sinha
इसका नतीजा जो भी हो, पर यह विरोध इतिहास में दर्ज हो जाए यह जरूरी है ।
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23 घंटे
Prakash Sharma
यह बड़े पदों पर बैठे छोटे मन के लोगो के कारण नही होरहा, वरन पुराने राजनीतिक दल में वंशवाद के कारण सर्वोच्च स्थान पर बैठे अयोग्य व अपरिपक्व नेतृत्व के कारण है,जिसका विरोध करने की क्षमता उस दल में किसी की नही, इसलिए सबसे पुराने और70 वर्षो तंक शासन कर चुके उस दल को नकारी जा चुकी विचारधाराओं के न जाने कौन कौन से दलों के चरण चुम्बन करने पड़ रहे हैं
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23 घंटे
Kaushal Sharma
महाभियोग पहली बार नहीं आया । इसके पहले खुद सुप्रीम कोर्ट की पहल पर सुप्रीम कोर्ट के ही न्यायमूर्ति जस्टिस रामास्वामी के विरूद्ध संसद मे महाभियोग के प्रस्ताव पर बहस हुई थी । कपिल सिब्बल जस्टिस रामास्वामी के वकील थे और उनहोंने भ्रष्टाचार के आरोपों को
वित्तीय अनियमितता बताया था । संसद ने उनकी बात मान ली थी और प्रस्ताव पास नही हो सका था । उस समय सदन मे अटल जी , आडवाणी जी थे लेकिन सोनिया राहुल दोनों नहीं थे ।उस समय संसद मे या उसके बाहर किसी ने इस प्रस्ताव को न्याय पालिका पर हमला नही बताया था । सभी ने संजीदगी से बहस की और सुनी थी । आज न मालुम क्यों? हमारे आदरणीय दोस्त जस्टिस दीपक मिश्रा से ज्यादा चिन्तित है जबकि अभी संसद मे बहस शुरू भी नहीं हुई है। इसी को तो छोटा मन कहते हैं।
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22 घंटे
Prakash Sharma
उस समय कम से कम यह स्थिति तो थी दल की कि महाभियोग पर कुछ करवा सकता आज तो दूर दूर तक कोई संभावना नही फिर भी, और अगर चर्चा की ही बात थी तो अभी कुछ दिनों पूर्व पूरा बजट सत्र हल्ला मचा मचा कर क्यों बेकार कर दिया
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21 घंटे
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Narendra Kumar Singh
एक राजनीतिक दल के अध्यक्ष उनके हाथ में उस्तरा आ गया किसी की भी नाक काट सकता है
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21 घंटे
ठाकुर सौरभ भदौरिया
कानपुर का यही हाल है
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21 घंटे
Arvind Kumar Dixit
Not admitted
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21 घंटे
Sanjeev Saraswat
बड़े पदों के विरुद्ध छोटी मानसिकता का एक दिशाहीन प्रयास जिसकी तुलना पूर्व मै हुये प्रयास से नही की जा सकती हैं।ईश्वर इन निर्बल प्रयास को हिम्मत दे, साहस दे आने वाले परिणाम को स्वीकार करने की, एक नए मसले को पैदा करने की।
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21 घंटे
Amit Bajpai
महाभियोग प्रस्ताव के कारण विश्व पटल पर न्याय पालिका की छवि पर बट्टा लगा है ।
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21 घंटे
Amit Bajpai
जब हम किसी पर आरोप लगाते हैं तो उतनी ही मजबूती से साबित किया जाना भी जरूरी होता है ऐसा करने मेँ असफल होने पर पुनः आपकी बात को गम्भीरता से नही लिया जाता है ।
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21 घंटे
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संपादित
Arvind Jadon
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Vikash Singh
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के मित्र
Congees are against Construction of Ram mandir which is investable based on the material on record...anti national have this last resort to put the CJI under pressure !!
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21 घंटे
Reeta Tripathi
Satta se bahar chhatpata rahe vipakshi dal satta wapus pane ke liye baura gaye hain aur itne nimn star par utar aaye hain. Ye public ke samne expose hote jaa rahe hain.
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20 घंटे
Kaushal Sharma
रोज के कारनामों से प्रतिष्ठा बढती है क्या? जिला जज कानपुर देहात विनोद कुमार यादव भ्रष्टाचार के आरोप मे निलम्बित हुये है , इसकी चर्चा करना न्यायालय की अवमानना है क्या?
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20 घंटे
Sanjay Jha
Aap bargalane ka prayas kar rahe hai
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20 घंटे
Kaushal Sharma
संजय भाई
मै बरगला नहीं रहा हूँ। मै केवल इतना चाहता हूँ कि धरती के इन भगवानो को साफ साफ मालुम हो जाये कि सबके सब अपना आचरण सुधार ले और अपने बीच के भ्रष्टाचारियों को चिन्हित करके बाहर का रास्ता दिखायें अन्यथा अब भारत के लोग , भारत के लोगों के लिए हर स्
तर पर खुद भ्रष्टाचारियों को चिन्हित करके बाहर का रास्ता लगायेंगे । आप खुद भी जानते हो न्याय पालिका के अन्दर घुस आई कमजोरियाँ पूरी ब्यवस्था को सडा रही हैं और यदि न्यायिक सुधार तुरन्त नहीं किये गये तो लोकतंत्र को गम्भीर क्षति होगी । मेरी बात को एक वकील के नाते सुनो और उसमे अपने निजी अनुभव को जोड़कर सुधार का मार्ग प्रशस्त करो ।
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20 घंटे
Sanjay Jha
Thanks sir
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20 घंटे
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Sanjeev Saraswat
भ्रस्टाचार एक व्यक्तिगत आचार है, इससे न्यायालय का कोई संबंद्ध नहीं है, नही यह किसी नियमों के विरुद्ध है।यह व्यक्ति का आचरण समाज द्वारा स्थापित मूल्यों के विरुद्ध हैं, आपकी चिंता सच मे चिन्तन करने योग्य हैं यह हमारे समाज के एक रूप से हमारा सामना कराती हैं।
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20 घंटे
Sudhakar Mishra
नेताओं के घटिया सोच का द्योतक है महाभियोग !
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20 घंटे
Kaushal Sharma
सुधाकर भाई
हम सब जज साहब को माई लार्ड, परवरदिगार , कहकर आदर देते है परन्तु सच यह है कि अब इनमे से कई " जज" नही रह गये और न्यायिक अधिकारी हो गये है और अपने आपको शासक मानकर काम करते हैं।
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20 घंटे
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Rakesh Bajpai
यक्षप्रश्न यह है कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के द्वारा सी जे आई की कार्यप्रणाली पर तमाम प्रश्नचिह्न खड़े किये जिनमे जज लोया की मृत्यु सहित कई सरकार को कटघरे मे खड़ा करने वाले मुकदमे व पी आई एल को एक विशेष जज के पास आवंटन करन
े के खुल्लम खुल्ला आरोप लगाये गये ।सामान्यतः एसे जजों से इस्तीफे तक मांगे जाने चाहिए, क्योंकि आरोप प्रमाणित हो सकते थे, जिसकी राष्ट्रव्यापी चर्चा हो सकती थी ।इसलिए उन जजों को सामान्य चेतावनी तक नही दी गयी।राहुल गांधी ने कहा कि वरिष्ठ जजों ने गंभीर विषय प्रेस कॉन्फ्रेंस मे उठाऐ हैं इनकी गहराई से जांच कराई जानी चाहिए ।जहां तक अवमानना की बात है तो सी जे आई स्वयं सक्षम है कि जजों से लेकर जनसामान्य पर विधिक कार्रवाई कर सकते है ।भाजपा के वरिष्ठ से कनिष्ठ नेतागण के पेट मे दर्द क्यों है ?ऐसा प्रतीत होता है कि 2019 तक भाजपाई, अपने पैदा होने वाले बच्चों को भी राहुल गान्धी की साजिश करार देकर उनको देश से माफी मांगने को धरना-प्रदर्शन करेंगे ।
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19 घंटे
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संपादित
Suresh Yadav
क्या बात कही है!! आईना दिखा दिया।
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8 घंटे
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Pradeep Shukla
अन्याय के खिलाफ कदम सराहनीय, किसी से न्याय पालिका का प्रभावित हो काम करना घातक,
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6 घंटे
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संपादित
Janardan Dwivedi
Aap kyoun U. O. I. Ki roti kha rahen hai? Tyag do abhi.Der mat karo.
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48 मिनट
Kaushal Sharma
मैने ऐसा कौन सा अपराध किया है जिसके कारण मुझे वकालत बंद कर देने की सलाह आप दे रहे हैं? न्याय पालिका पर मेरी टिप्पणियों का आप सशक्त प्रतिवाद करें, लेकिन नाराजगी में प्रतिक्रिया व्यक्त न करें। लोकतांत्रिक सद्भाव बनाये रखें।
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