Tuesday, 24 April 2018

बड़े पदों पर छोटे मन के लोग काबिज


बडे पदों पर
छोटे मन के लोग काबिज
हश्र
महाभियोग
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33 टिप्पणियाँ
टिप्पणियाँ
Randhir Sishodiya जिस परिपेक्ष्य में आप ने लिखा असहमति
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Suresh Yadav सिसोदिया साहब, 

"बडे पदों पर

छोटे मन के लोग काबिज 
हश्र
महाभियोग"

पोस्ट पर आपने एक खास परिपेक्ष्य में अपनी असहमति व्यक्त की है। क्या इस पोस्ट का एक दूसरा पक्ष भी हो सकता है? 
चुकि आप एक अधिवक्ता है, इसीलिए जिज्ञासावश यह सवाल मन आ गया और पूछ दिया।
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जवाब दें3 दिन
Kaushal Sharma मै भी मानता हूँ, धरती पर भगवान् के बाद जज साहब न्याय के देवता होते है लेकिन आप भी जानते है कि जज साहब लोग अब खुद अपनी गरिमा के प्रति संवेदनशील नहीं रह गये है ।
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जवाब दें4 दिन
Randhir Sishodiya पूर्णतया सहमत हूं । घोड़ा अपनी रातिब खुद बढावा लेता है ।
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जवाब दें4 दिनसंपादित
Shashikant Pandey किससे उम्मीद है कि वह महाभियोग ला सकता है अपरिपक्व विपक्ष केवल गाल बजाकर सन सनी फैलाने के अलावा कुछ कर नही सकता जब अविश्वास प्रस्ताव ला नही पाये जो राजनैतिक मुद्दा था यह तो न्यायपालिका के विरूद्ध है
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जवाब दें4 दिन
Kaushal Sharma भाई माॅ गंगा की तरह न्याय पालिका की स्वच्छता के लिए भी भगीरथ प्रयास की जरूरत है। महाभियोग उसका पहला चरण है ।
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Narendra Kumar Singh सुप्रीम कोर्ट का निर्णय तत्वों के आधार पर होता है सभी लोगों को मालूम
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जवाब दें4 दिन
Rakesh Bajpai होना ही चाहिए तथ्यपरक पर दुर्भाग्यवश ऐसा हो नही रहा है मित्र ।कई बार तो मीडिया ट्रायल (डिबेट) के दौरान जिम्मेदार मंत्री कोर्ट के आदेश के हफ्तों पहले जजमेंट का आभास दे दिया करते है।
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जवाब दें2 दिन
Chandra Shekhar Singh नहीं नहीं नहीं
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Sanjay Jha Ye kunchhit manasikata ke logo ki mansikata hai
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जवाब दें4 दिन
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जवाब दें4 दिन
Dinesh Gupta क्या बात है।
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जवाब दें4 दिन
Ajay Sinha इसका नतीजा जो भी हो, पर यह विरोध इतिहास में दर्ज हो जाए यह जरूरी है ।
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जवाब दें3 दिन
Prakash Sharma यह बड़े पदों पर बैठे छोटे मन के लोगो के कारण नही होरहा, वरन पुराने राजनीतिक दल में वंशवाद के कारण सर्वोच्च स्थान पर बैठे अयोग्य व अपरिपक्व नेतृत्व के कारण है,जिसका विरोध करने की क्षमता उस दल में किसी की नही, इसलिए सबसे पुराने और70 वर्षो तंक शासन कर चुके उस दल को नकारी जा चुकी विचारधाराओं के न जाने कौन कौन से दलों के चरण चुम्बन करने पड़ रहे हैं
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जवाब दें3 दिन
Rakesh Bajpai इसके लिए आपको परेशान होने की क्या आवश्यकता है, आप विचार इस तथ्य पर करें कि हमारी आपकी लगभग तीन पीढ़ियों के बुजुर्गो ने 70 साल तक जनसंघ कालांतर मे बीजेपी को सत्ता से बाहर क्यूं रख्खा ?और कांग्रेस को सत्तासीन क्यूं रख्खा?
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जवाब दें2 दिन
Kaushal Sharma महाभियोग पहली बार नहीं आया । इसके पहले खुद सुप्रीम कोर्ट की पहल पर सुप्रीम कोर्ट के ही न्यायमूर्ति जस्टिस रामास्वामी के विरूद्ध संसद मे महाभियोग के प्रस्ताव पर बहस हुई थी । कपिल सिब्बल जस्टिस रामास्वामी के वकील थे और उनहोंने भ्रष्टाचार के आरोपों को वित्तीय अनियमितता बताया था । संसद ने उनकी बात मान ली थी और प्रस्ताव पास नही हो सका था । उस समय सदन मे अटल जी , आडवाणी जी थे लेकिन सोनिया राहुल दोनों नहीं थे ।उस समय संसद मे या उसके बाहर किसी ने इस प्रस्ताव को न्याय पालिका पर हमला नही बताया था । सभी ने संजीदगी से बहस की और सुनी थी । आज न मालुम क्यों? हमारे आदरणीय दोस्त जस्टिस दीपक मिश्रा से ज्यादा चिन्तित है जबकि अभी संसद मे बहस शुरू भी नहीं हुई है। इसी को तो छोटा मन कहते हैं।
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जवाब दें3 दिन
Prakash Sharma उस समय कम से कम यह स्थिति तो थी दल की कि महाभियोग पर कुछ करवा सकता आज तो दूर दूर तक कोई संभावना नही फिर भी, और अगर चर्चा की ही बात थी तो अभी कुछ दिनों पूर्व पूरा बजट सत्र हल्ला मचा मचा कर क्यों बेकार कर दिया
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जवाब दें3 दिन
Rakesh Bajpai Prakash Sharma जी आंध्रप्रदेश , तेलंगाना और तमिलनाडु की सरकारें बीजेपी के सहयोगियों की है।वही सहयोगी दल वेल मे आकर शोरगुल करते रहे सत्ता पक्ष को और किसी हद तक विपक्ष को भी मैनेज करने की जिम्मेदारी विपक्ष की नही दोनो सदनों के पीठासीन अध्यक्षों व संसदीय कार्य मंत्री की है ।सुखराम प्रकरण मे बीजेपी ने इकत्तीस दिन संसद नही चलने दी थी और जब कांग्रेस ने सुखराम को पार्टी से निष्कासित कर दिया तो बीजेपी ने उसे गंगा जल मान लिया और उसे अपनी हिमाचल प्रदेश की सरकार का उप मुख्यमंत्री बना दिया था ।
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जवाब दें2 दिनसंपादित
Narendra Kumar Singh एक राजनीतिक दल के अध्यक्ष उनके हाथ में उस्तरा आ गया किसी की भी नाक काट सकता है
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Arvind Kumar Dixit Not admitted
स्वीकार नहीं किया
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अपने आप अनुवाद किया गया
3 दिन
Sanjeev Saraswat बड़े पदों के विरुद्ध छोटी मानसिकता का एक दिशाहीन प्रयास जिसकी तुलना पूर्व मै हुये प्रयास से नही की जा सकती हैं।ईश्वर इन निर्बल प्रयास को हिम्मत दे, साहस दे आने वाले परिणाम को स्वीकार करने की, एक नए मसले को पैदा करने की।
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Amit Bajpai महाभियोग प्रस्ताव के कारण विश्व पटल पर न्याय पालिका की छवि पर बट्टा लगा है ।
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Rakesh Bajpai अपनी ही करनी का फल है नेकियां रूशवाइयां ।आपके पीछे चलेंगी आपकी परछाइयां ।।
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जवाब दें2 दिन
Paras Nath Pandey महाभियोग लाने वाले महाशय देश को ठगा है,बट्टा छोटी बात है।
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जवाब दें2 दिन
Amit Bajpai जब हम किसी पर आरोप लगाते हैं तो उतनी ही मजबूती से साबित किया जाना भी जरूरी होता है ऐसा करने मेँ असफल होने पर पुनः आपकी बात को गम्भीरता से नही लिया जाता है ।
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जवाब दें3 दिनसंपादित
Arvind Jadon · Vikash Singh और 8 अन्य लोगों के मित्र
Congees are against Construction of Ram mandir which is investable based on the material on record...anti national have this last resort to put the CJI under pressure !!
Congés राम मंदिर के निर्माण के खिलाफ हैं जो रिकॉर्ड पर आधारित सामग्री पर आधारित है... एंटी नेशनल के पास यह अंतिम उपाय है कि मुख्य मुख्य को दबाव में डाल दें!!
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अपने आप अनुवाद किया गया
3 दिन
Reeta Tripathi Satta se bahar chhatpata rahe vipakshi dal satta wapus pane ke liye baura gaye hain aur itne nimn star par utar aaye hain. Ye public ke samne expose hote jaa rahe hain.
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जवाब दें3 दिन
Kaushal Sharma रोज के कारनामों से प्रतिष्ठा बढती है क्या? जिला जज कानपुर देहात विनोद कुमार यादव भ्रष्टाचार के आरोप मे निलम्बित हुये है , इसकी चर्चा करना न्यायालय की अवमानना है क्या?
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Sanjay Jha Aap bargalane ka prayas kar rahe hai
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जवाब दें3 दिन
Kaushal Sharma संजय भाई
मै बरगला नहीं रहा हूँ। मै केवल इतना चाहता हूँ कि धरती के इन भगवानो को साफ साफ मालुम हो जाये कि सबके सब अपना आचरण सुधार ले और अपने बीच के भ्रष्टाचारियों को चिन्हित करके बाहर का रास्ता दिखायें अन्यथा अब भारत के लोग , भारत के लोगों के लिए हर स्
तर पर खुद भ्रष्टाचारियों को चिन्हित करके बाहर का रास्ता लगायेंगे । आप खुद भी जानते हो न्याय पालिका के अन्दर घुस आई कमजोरियाँ पूरी ब्यवस्था को सडा रही हैं और यदि न्यायिक सुधार तुरन्त नहीं किये गये तो लोकतंत्र को गम्भीर क्षति होगी । मेरी बात को एक वकील के नाते सुनो और उसमे अपने निजी अनुभव को जोड़कर सुधार का मार्ग प्रशस्त करो ।
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जवाब दें3 दिन
Sanjay Jha Thanks sir
धन्यवाद सर
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अपने आप अनुवाद किया गया
3 दिन
Sanjeev Saraswat भ्रस्टाचार एक व्यक्तिगत आचार है, इससे न्यायालय का कोई संबंद्ध नहीं है, नही यह किसी नियमों के विरुद्ध है।यह व्यक्ति का आचरण समाज द्वारा स्थापित मूल्यों के विरुद्ध हैं, आपकी चिंता सच मे चिन्तन करने योग्य हैं यह हमारे समाज के एक रूप से हमारा सामना कराती हैं।
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Sudhakar Mishra नेताओं के घटिया सोच का द्योतक है महाभियोग !
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Kaushal Sharma सुधाकर भाई 
हम सब जज साहब को माई लार्ड, परवरदिगार , कहकर आदर देते है परन्तु सच यह है कि अब इनमे से कई " जज" नही रह गये और न्यायिक अधिकारी हो गये है और अपने आपको शासक मानकर काम करते हैं।
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जवाब दें3 दिन
Rakesh Bajpai यक्षप्रश्न यह है कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के द्वारा सी जे आई की कार्यप्रणाली पर तमाम प्रश्नचिह्न खड़े किये जिनमे जज लोया की मृत्यु सहित कई सरकार को कटघरे मे खड़ा करने वाले मुकदमे व पी आई एल को एक विशेष जज के पास आवंटन करने के खुल्लम खुल्ला आरोप लगाये गये ।सामान्यतः एसे जजों से इस्तीफे तक मांगे जाने चाहिए, क्योंकि आरोप प्रमाणित हो सकते थे, जिसकी राष्ट्रव्यापी चर्चा हो सकती थी ।इसलिए उन जजों को सामान्य चेतावनी तक नही दी गयी।राहुल गांधी ने कहा कि वरिष्ठ जजों ने गंभीर विषय प्रेस कॉन्फ्रेंस मे उठाऐ हैं इनकी गहराई से जांच कराई जानी चाहिए ।जहां तक अवमानना की बात है तो सी जे आई स्वयं सक्षम है कि जजों से लेकर जनसामान्य पर विधिक कार्रवाई कर सकते है ।भाजपा के वरिष्ठ से कनिष्ठ नेतागण के पेट मे दर्द क्यों है ?ऐसा प्रतीत होता है कि 2019 तक भाजपाई, अपने पैदा होने वाले बच्चों को भी राहुल गान्धी की साजिश करार देकर उनको देश से माफी मांगने को धरना-प्रदर्शन करेंगे ।
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जवाब दें3 दिनसंपादित
Suresh Yadav क्या बात कही है!! आईना दिखा दिया।
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Pradeep Shukla अन्याय के खिलाफ कदम सराहनीय, किसी से न्याय पालिका का प्रभावित हो काम करना घातक,
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Janardan Dwivedi Aap kyoun U. O. I. Ki roti kha rahen hai? Tyag do abhi.Der mat karo.
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Kaushal Sharma मैने ऐसा कौन सा अपराध किया है जिसके कारण मुझे वकालत बंद कर देने की सलाह आप दे रहे हैं? न्याय पालिका पर मेरी टिप्पणियों का आप सशक्त प्रतिवाद करें, लेकिन नाराजगी में प्रतिक्रिया व्यक्त न करें। लोकतांत्रिक सद्भाव बनाये रखें।
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Rakesh Bajpai चार साल मे पिछले सरकारी प्रोजेक्ट्स के फीते काटने के अलावा नया तो कोई काम किया नही, कम से कम आपकी गुहार पर कथित भ्रष्टाचार मे आकंठ डूबे लोगों को चौबीस घंटे के लिए विधिक प्रक्रिया के अंतर्गत जेल भेजने का साहस दिखाना चाहिए था
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Jai Shankar Bajpai कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना सभी को अभिब्यक्ति का अधिकार है ।
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Ashutosh Pandey भाई साहब शर्मा जी सादर नमस्कार आप महाभियोग के पक्ष में हैं कि विपक्ष में
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Srikant Upadhyay
Srikant Upadhyay बहुत ही शर्म की बात है श्रीमान जी पाप कानून के जानकार होने के बावजूद भी इस तरह यह शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं शर्म आनी चाहिए आपको और आप कांग्रेस की तरफदारी कर रहे हैं न्यायपालिका की छवि खराब करके आम जनता के मन में
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2 दिन
Kaushal Sharma श्रीकान्त जी शर्म मुझे क्यो? आपको आनी चाहिए। मेरी टिप्पणी के मर्म को समझे बिना अभद्र टिप्पणी करके आपने मुझे अपमानित करने का कुत्सित प्रयास किया है । आप टिप्पणी और उसके साथ की उप टिप्पणियों को भी पढें, फिर अपनी राय हम पर थोपें तो अच्छा लगेगा। बिना पढे , दुराग्रह मे प्रतिक्रिया न करें।
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2 दिन
Sarv Jeet · Devpriya Awasthi और 17 अन्य लोगों के मित्र
Hum logo ko Garv hai Kaushal sir aap mudo ko ek hi chasme se na dekhkar sahi aur satik vishleshad karte hai,,,,good job sir
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2 दिन
Amit Bajpai विपक्षी दल इसी प्रकार विरोध की उलटी धारा में विरोध करते रहे तो मुझे आशा ही नही बल्कि पूर्ण विश्वास है की आप सब की भरसक मेहनत के बल con.. मुक्त का सपना पूरा होगा
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2 दिन
Sanjay Tewari शर्मा जी आप अपनी टिप्पणी का मतलब समझा दे
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2 दिन
Narendra Kumar Yadav कौशल भाई मुख्य न्यायाधीश के विरूद्ध पहली बार आया है।
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अपने आप अनुवाद किया गया
2 दिन

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