Order Order!!
Tuesday, 24 April 2018
बड़े पदों पर छोटे मन के लोग काबिज
Kaushal Sharma
20 अप्रैल को 06:16 अपराह्न बजे
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बडे पदों पर
छोटे मन के लोग काबिज
हश्र
महाभियोग
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Prashant Bajpai, Sandeep Shukla और 88 अन्य लोग
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33 टिप्पणियाँ
टिप्पणियाँ
Randhir Sishodiya
जिस परिपेक्ष्य में आप ने लिखा असहमति
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4 दिन
Suresh Yadav
सिसोदिया साहब,
"बडे पदों पर
छोटे मन के लोग काबिज
हश्र
महाभियोग"
पोस्ट पर आपने एक खास परिपेक्ष्य में अपनी असहमति व्यक्त की है। क्या इस पोस्ट का एक दूसरा पक्ष भी हो सकता है?
चुकि आप एक अधिवक्ता है, इसीलिए जिज्ञासावश यह सवाल मन आ गया और पूछ दिया।
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3 दिन
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Kaushal Sharma
मै भी मानता हूँ, धरती पर भगवान् के बाद जज साहब न्याय के देवता होते है लेकिन आप भी जानते है कि जज साहब लोग अब खुद अपनी गरिमा के प्रति संवेदनशील नहीं रह गये है ।
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4 दिन
Randhir Sishodiya
पूर्णतया सहमत हूं । घोड़ा अपनी रातिब खुद बढावा लेता है ।
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4 दिन
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Shashikant Pandey
किससे उम्मीद है कि वह महाभियोग ला सकता है अपरिपक्व विपक्ष केवल गाल बजाकर सन सनी फैलाने के अलावा कुछ कर नही सकता जब अविश्वास प्रस्ताव ला नही पाये जो राजनैतिक मुद्दा था यह तो न्यायपालिका के विरूद्ध है
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4 दिन
Kaushal Sharma
भाई माॅ गंगा की तरह न्याय पालिका की स्वच्छता के लिए भी भगीरथ प्रयास की जरूरत है। महाभियोग उसका पहला चरण है ।
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4 दिन
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Narendra Kumar Singh
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय तत्वों के आधार पर होता है सभी लोगों को मालूम
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4 दिन
Rakesh Bajpai
होना ही चाहिए तथ्यपरक पर दुर्भाग्यवश ऐसा हो नही रहा है मित्र ।कई बार तो मीडिया ट्रायल (डिबेट) के दौरान जिम्मेदार मंत्री कोर्ट के आदेश के हफ्तों पहले जजमेंट का आभास दे दिया करते है।
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2 दिन
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Chandra Shekhar Singh
नहीं नहीं नहीं
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4 दिन
Sanjay Jha
Ye kunchhit manasikata ke logo ki mansikata hai
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4 दिन
Rajendra Prakash Srivastava
बहुत सही कमेंट
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4 दिन
Dinesh Gupta
क्या बात है।
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4 दिन
Ajay Sinha
इसका नतीजा जो भी हो, पर यह विरोध इतिहास में दर्ज हो जाए यह जरूरी है ।
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3 दिन
Prakash Sharma
यह बड़े पदों पर बैठे छोटे मन के लोगो के कारण नही होरहा, वरन पुराने राजनीतिक दल में वंशवाद के कारण सर्वोच्च स्थान पर बैठे अयोग्य व अपरिपक्व नेतृत्व के कारण है,जिसका विरोध करने की क्षमता उस दल में किसी की नही, इसलिए सबसे पुराने और70 वर्षो तंक शासन कर चुके उस दल को नकारी जा चुकी विचारधाराओं के न जाने कौन कौन से दलों के चरण चुम्बन करने पड़ रहे हैं
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3 दिन
Rakesh Bajpai
इसके लिए आपको परेशान होने की क्या आवश्यकता है, आप विचार इस तथ्य पर करें कि हमारी आपकी लगभग तीन पीढ़ियों के बुजुर्गो ने 70 साल तक जनसंघ कालांतर मे बीजेपी को सत्ता से बाहर क्यूं रख्खा ?और कांग्रेस को सत्तासीन क्यूं रख्खा?
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2 दिन
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Kaushal Sharma
महाभियोग पहली बार नहीं आया । इसके पहले खुद सुप्रीम कोर्ट की पहल पर सुप्रीम कोर्ट के ही न्यायमूर्ति जस्टिस रामास्वामी के विरूद्ध संसद मे महाभियोग के प्रस्ताव पर बहस हुई थी । कपिल सिब्बल जस्टिस रामास्वामी के वकील थे और उनहोंने भ्रष्टाचार के आरोपों को
वित्तीय अनियमितता बताया था । संसद ने उनकी बात मान ली थी और प्रस्ताव पास नही हो सका था । उस समय सदन मे अटल जी , आडवाणी जी थे लेकिन सोनिया राहुल दोनों नहीं थे ।उस समय संसद मे या उसके बाहर किसी ने इस प्रस्ताव को न्याय पालिका पर हमला नही बताया था । सभी ने संजीदगी से बहस की और सुनी थी । आज न मालुम क्यों? हमारे आदरणीय दोस्त जस्टिस दीपक मिश्रा से ज्यादा चिन्तित है जबकि अभी संसद मे बहस शुरू भी नहीं हुई है। इसी को तो छोटा मन कहते हैं।
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3 दिन
Prakash Sharma
उस समय कम से कम यह स्थिति तो थी दल की कि महाभियोग पर कुछ करवा सकता आज तो दूर दूर तक कोई संभावना नही फिर भी, और अगर चर्चा की ही बात थी तो अभी कुछ दिनों पूर्व पूरा बजट सत्र हल्ला मचा मचा कर क्यों बेकार कर दिया
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3 दिन
Rakesh Bajpai
Prakash Sharma
जी आंध्रप्रदेश , तेलंगाना और तमिलनाडु की सरकारें बीजेपी के सहयोगियों की है।वही सहयोगी दल वेल मे आकर शोरगुल करते रहे सत्ता पक्ष को और किसी हद तक विपक्ष को भी मैनेज करने की जिम्मेदारी विपक्ष की नही दोनो सदनों के पीठासीन अध्यक्षों व संसदीय
कार्य मंत्री की है ।सुखराम प्रकरण मे बीजेपी ने इकत्तीस दिन संसद नही चलने दी थी और जब कांग्रेस ने सुखराम को पार्टी से निष्कासित कर दिया तो बीजेपी ने उसे गंगा जल मान लिया और उसे अपनी हिमाचल प्रदेश की सरकार का उप मुख्यमंत्री बना दिया था ।
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2 दिन
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Narendra Kumar Singh
एक राजनीतिक दल के अध्यक्ष उनके हाथ में उस्तरा आ गया किसी की भी नाक काट सकता है
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3 दिन
ठाकुर सौरभ भदौरिया
कानपुर का यही हाल है
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3 दिन
Arvind Kumar Dixit
Not admitted
स्वीकार नहीं किया
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अपने आप अनुवाद किया गया
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3 दिन
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Sanjeev Saraswat
बड़े पदों के विरुद्ध छोटी मानसिकता का एक दिशाहीन प्रयास जिसकी तुलना पूर्व मै हुये प्रयास से नही की जा सकती हैं।ईश्वर इन निर्बल प्रयास को हिम्मत दे, साहस दे आने वाले परिणाम को स्वीकार करने की, एक नए मसले को पैदा करने की।
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3 दिन
Amit Bajpai
महाभियोग प्रस्ताव के कारण विश्व पटल पर न्याय पालिका की छवि पर बट्टा लगा है ।
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3 दिन
Rakesh Bajpai
अपनी ही करनी का फल है नेकियां रूशवाइयां ।आपके पीछे चलेंगी आपकी परछाइयां ।।
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2 दिन
Paras Nath Pandey
महाभियोग लाने वाले महाशय देश को ठगा है,बट्टा छोटी बात है।
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2 दिन
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Amit Bajpai
जब हम किसी पर आरोप लगाते हैं तो उतनी ही मजबूती से साबित किया जाना भी जरूरी होता है ऐसा करने मेँ असफल होने पर पुनः आपकी बात को गम्भीरता से नही लिया जाता है ।
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3 दिन
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संपादित
Arvind Jadon
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Vikash Singh
और
8 अन्य लोगों
के मित्र
Congees are against Construction of Ram mandir which is investable based on the material on record...anti national have this last resort to put the CJI under pressure !!
Congés राम मंदिर के निर्माण के खिलाफ हैं जो रिकॉर्ड पर आधारित सामग्री पर आधारित है... एंटी नेशनल के पास यह अंतिम उपाय है कि मुख्य मुख्य को दबाव में डाल दें!!
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अपने आप अनुवाद किया गया
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3 दिन
Reeta Tripathi
Satta se bahar chhatpata rahe vipakshi dal satta wapus pane ke liye baura gaye hain aur itne nimn star par utar aaye hain. Ye public ke samne expose hote jaa rahe hain.
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3 दिन
Kaushal Sharma
रोज के कारनामों से प्रतिष्ठा बढती है क्या? जिला जज कानपुर देहात विनोद कुमार यादव भ्रष्टाचार के आरोप मे निलम्बित हुये है , इसकी चर्चा करना न्यायालय की अवमानना है क्या?
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3 दिन
Sanjay Jha
Aap bargalane ka prayas kar rahe hai
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3 दिन
Kaushal Sharma
संजय भाई
मै बरगला नहीं रहा हूँ। मै केवल इतना चाहता हूँ कि धरती के इन भगवानो को साफ साफ मालुम हो जाये कि सबके सब अपना आचरण सुधार ले और अपने बीच के भ्रष्टाचारियों को चिन्हित करके बाहर का रास्ता दिखायें अन्यथा अब भारत के लोग , भारत के लोगों के लिए हर स्
तर पर खुद भ्रष्टाचारियों को चिन्हित करके बाहर का रास्ता लगायेंगे । आप खुद भी जानते हो न्याय पालिका के अन्दर घुस आई कमजोरियाँ पूरी ब्यवस्था को सडा रही हैं और यदि न्यायिक सुधार तुरन्त नहीं किये गये तो लोकतंत्र को गम्भीर क्षति होगी । मेरी बात को एक वकील के नाते सुनो और उसमे अपने निजी अनुभव को जोड़कर सुधार का मार्ग प्रशस्त करो ।
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3 दिन
Sanjay Jha
Thanks sir
धन्यवाद सर
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अपने आप अनुवाद किया गया
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3 दिन
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Sanjeev Saraswat
भ्रस्टाचार एक व्यक्तिगत आचार है, इससे न्यायालय का कोई संबंद्ध नहीं है, नही यह किसी नियमों के विरुद्ध है।यह व्यक्ति का आचरण समाज द्वारा स्थापित मूल्यों के विरुद्ध हैं, आपकी चिंता सच मे चिन्तन करने योग्य हैं यह हमारे समाज के एक रूप से हमारा सामना कराती हैं।
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3 दिन
Sudhakar Mishra
नेताओं के घटिया सोच का द्योतक है महाभियोग !
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3 दिन
Kaushal Sharma
सुधाकर भाई
हम सब जज साहब को माई लार्ड, परवरदिगार , कहकर आदर देते है परन्तु सच यह है कि अब इनमे से कई " जज" नही रह गये और न्यायिक अधिकारी हो गये है और अपने आपको शासक मानकर काम करते हैं।
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3 दिन
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Rakesh Bajpai
यक्षप्रश्न यह है कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के द्वारा सी जे आई की कार्यप्रणाली पर तमाम प्रश्नचिह्न खड़े किये जिनमे जज लोया की मृत्यु सहित कई सरकार को कटघरे मे खड़ा करने वाले मुकदमे व पी आई एल को एक विशेष जज के पास आवंटन करन
े के खुल्लम खुल्ला आरोप लगाये गये ।सामान्यतः एसे जजों से इस्तीफे तक मांगे जाने चाहिए, क्योंकि आरोप प्रमाणित हो सकते थे, जिसकी राष्ट्रव्यापी चर्चा हो सकती थी ।इसलिए उन जजों को सामान्य चेतावनी तक नही दी गयी।राहुल गांधी ने कहा कि वरिष्ठ जजों ने गंभीर विषय प्रेस कॉन्फ्रेंस मे उठाऐ हैं इनकी गहराई से जांच कराई जानी चाहिए ।जहां तक अवमानना की बात है तो सी जे आई स्वयं सक्षम है कि जजों से लेकर जनसामान्य पर विधिक कार्रवाई कर सकते है ।भाजपा के वरिष्ठ से कनिष्ठ नेतागण के पेट मे दर्द क्यों है ?ऐसा प्रतीत होता है कि 2019 तक भाजपाई, अपने पैदा होने वाले बच्चों को भी राहुल गान्धी की साजिश करार देकर उनको देश से माफी मांगने को धरना-प्रदर्शन करेंगे ।
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3 दिन
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संपादित
Suresh Yadav
क्या बात कही है!! आईना दिखा दिया।
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3 दिन
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Pradeep Shukla
अन्याय के खिलाफ कदम सराहनीय, किसी से न्याय पालिका का प्रभावित हो काम करना घातक,
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3 दिन
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संपादित
Janardan Dwivedi
Aap kyoun U. O. I. Ki roti kha rahen hai? Tyag do abhi.Der mat karo.
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3 दिन
Kaushal Sharma
मैने ऐसा कौन सा अपराध किया है जिसके कारण मुझे वकालत बंद कर देने की सलाह आप दे रहे हैं? न्याय पालिका पर मेरी टिप्पणियों का आप सशक्त प्रतिवाद करें, लेकिन नाराजगी में प्रतिक्रिया व्यक्त न करें। लोकतांत्रिक सद्भाव बनाये रखें।
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3 दिन
Rakesh Bajpai
चार साल मे पिछले सरकारी प्रोजेक्ट्स के फीते काटने के अलावा नया तो कोई काम किया नही, कम से कम आपकी गुहार पर कथित भ्रष्टाचार मे आकंठ डूबे लोगों को चौबीस घंटे के लिए विधिक प्रक्रिया के अंतर्गत जेल भेजने का साहस दिखाना चाहिए था
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2 दिन
Jai Shankar Bajpai
कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना सभी को अभिब्यक्ति का अधिकार है ।
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2 दिन
Ashutosh Pandey
भाई साहब शर्मा जी सादर नमस्कार आप महाभियोग के पक्ष में हैं कि विपक्ष में
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2 दिन
Srikant Upadhyay
बहुत ही शर्म की बात है श्रीमान जी पाप कानून के जानकार होने के बावजूद भी इस तरह यह शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं शर्म आनी चाहिए आपको और आप कांग्रेस की तरफदारी कर रहे हैं न्यायपालिका की छवि खराब करके आम जनता के मन में
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2 दिन
Kaushal Sharma
श्रीकान्त जी शर्म मुझे क्यो? आपको आनी चाहिए। मेरी टिप्पणी के मर्म को समझे बिना अभद्र टिप्पणी करके आपने मुझे अपमानित करने का कुत्सित प्रयास किया है । आप टिप्पणी और उसके साथ की उप टिप्पणियों को भी पढें, फिर अपनी राय हम पर थोपें तो अच्छा लगेगा। बिना पढे , दुराग्रह मे प्रतिक्रिया न करें।
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2 दिन
Sarv Jeet
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Devpriya Awasthi
और
17 अन्य लोगों
के मित्र
Hum logo ko Garv hai Kaushal sir aap mudo ko ek hi chasme se na dekhkar sahi aur satik vishleshad karte hai,,,,good job sir
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2 दिन
Amit Bajpai
विपक्षी दल इसी प्रकार विरोध की उलटी धारा में विरोध करते रहे तो मुझे आशा ही नही बल्कि पूर्ण विश्वास है की आप सब की भरसक मेहनत के बल con.. मुक्त का सपना पूरा होगा
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2 दिन
Sanjay Tewari
शर्मा जी आप अपनी टिप्पणी का मतलब समझा दे
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2 दिन
Narendra Kumar Yadav
कौशल भाई मुख्य न्यायाधीश के विरूद्ध पहली बार आया है।
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2 दिन
Prashant Bajpai
Nice
अच्छा
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अपने आप अनुवाद किया गया
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2 दिन
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