अवैध कमाई पर रोकथाम असम्भव
बात सुनने मे खराब लग रही होगी लेकिन पूरी बात पढ लो , फिर गाली दे लेना । भाई हममें से सभी लोग अवैध कमाई या कह लें भ्रष्टाचार को निजी जीवन मे खराब मानते है । भ्रष्टाचारियों को फाँसी की सजा देने का समर्थन भी करते हैं लेकिन अवसर मिलते ही घूस लेने से कभी नहीं चूकते । कई बार तो घूस लेना अपना अधिकार मांगते हैं।एक मित्र ने कल हमसे एक सिफारिश के लिए कहा , उसने बताया कि एक साक्षी को परीक्षित कराने के लिए सरकारी वकील दस हजार रूपये माॅग रहे हैं जबकि पन्द्रह हजार रूपये पहले ही ले चुके हैं।मेरे पास पैसे नही है आप कह दे, तो शायद मान जाये , मैने उससे कहा कि उनसे मेरा नाम बताओ , मान जायेंगे लेकिन कुछ ही देर बाद लौट कर उसने जो कुछ मुझे बताया , उसे सुनकर मै हतप्रभ हो गया।कल से मै परेशान हूँ, सोच नहीं पा रहा हूँ, करूँ क्या? इसलिये आप सबसे अपनी ब्यथा शेयर कर रहा हूँ। मित्रो मै निजी तौर पर जानता हूँ कि पूरी ब्यवस्था की चाल , चरित्र और चेहरा बदलने का सुबह शाम उद्घोष करने वाले इस सरकारी वकील को नियुक्ति के लिए किसी को एक कप चाय नही पिलानी पडी है । नियुक्ति के लिए उनसे अपेक्षा की गई थी कि वे अपना काम ईमानदारी और पारदर्शिता से करेंगे और किसी भी दशा मे पैसा लेकर समाज के ब्यापक हितों के साथ समझौता नहीं करेंगे और अपनी कुशलता बढाये रखकर दोषियों को दण्डित कराने का कारण बनेंगे।
हममें से कई लोगों ने कांग्रेस शासन काल मे नियुक्त डी जी सी क्रिमिनल श्री युनुस अली से लेकर वर्तमान मे कार्यरत शासकीय वकीलों का चाल चरित्र और चेहरा देखा है , सपा , बसपा, भाजपा सरकारों मे नियुक्त अपने मित्रों को देखा है , देख रहे है , क्या हम आप किसी मे कोई अन्तर देख पा रहे है ? यदि नहीं तो इसके कारणों की चर्चा से हम कतराते क्यों है ? भाई समझो यदि हम समाज मे बदलाव चाहते हैं तो हमे इसकी शुरूआत स्वयं से करनी होगी। गुण्डा राज न भ्रष्टाचार ____________का उद्घोष करने वाले मित्रों का सार्वजनिक जीवन दूसरों से भिन्न होना ही चाहिए और यदि किसी को एक कप चाय पिलायें बिना नियुक्ति पाने वाले मित्र भी सार्वजनिक जीवन में पैसा लेकर समाज के हितों के साथ समझौता करने से नहीं चूक रहे है तो हमे मान लेना चाहिए कि अवैध कमाई या भ्रष्टाचार को रोकने की बातें करना सरासर बेईमानी है ।
बात सुनने मे खराब लग रही होगी लेकिन पूरी बात पढ लो , फिर गाली दे लेना । भाई हममें से सभी लोग अवैध कमाई या कह लें भ्रष्टाचार को निजी जीवन मे खराब मानते है । भ्रष्टाचारियों को फाँसी की सजा देने का समर्थन भी करते हैं लेकिन अवसर मिलते ही घूस लेने से कभी नहीं चूकते । कई बार तो घूस लेना अपना अधिकार मांगते हैं।एक मित्र ने कल हमसे एक सिफारिश के लिए कहा , उसने बताया कि एक साक्षी को परीक्षित कराने के लिए सरकारी वकील दस हजार रूपये माॅग रहे हैं जबकि पन्द्रह हजार रूपये पहले ही ले चुके हैं।मेरे पास पैसे नही है आप कह दे, तो शायद मान जाये , मैने उससे कहा कि उनसे मेरा नाम बताओ , मान जायेंगे लेकिन कुछ ही देर बाद लौट कर उसने जो कुछ मुझे बताया , उसे सुनकर मै हतप्रभ हो गया।कल से मै परेशान हूँ, सोच नहीं पा रहा हूँ, करूँ क्या? इसलिये आप सबसे अपनी ब्यथा शेयर कर रहा हूँ। मित्रो मै निजी तौर पर जानता हूँ कि पूरी ब्यवस्था की चाल , चरित्र और चेहरा बदलने का सुबह शाम उद्घोष करने वाले इस सरकारी वकील को नियुक्ति के लिए किसी को एक कप चाय नही पिलानी पडी है । नियुक्ति के लिए उनसे अपेक्षा की गई थी कि वे अपना काम ईमानदारी और पारदर्शिता से करेंगे और किसी भी दशा मे पैसा लेकर समाज के ब्यापक हितों के साथ समझौता नहीं करेंगे और अपनी कुशलता बढाये रखकर दोषियों को दण्डित कराने का कारण बनेंगे।
हममें से कई लोगों ने कांग्रेस शासन काल मे नियुक्त डी जी सी क्रिमिनल श्री युनुस अली से लेकर वर्तमान मे कार्यरत शासकीय वकीलों का चाल चरित्र और चेहरा देखा है , सपा , बसपा, भाजपा सरकारों मे नियुक्त अपने मित्रों को देखा है , देख रहे है , क्या हम आप किसी मे कोई अन्तर देख पा रहे है ? यदि नहीं तो इसके कारणों की चर्चा से हम कतराते क्यों है ? भाई समझो यदि हम समाज मे बदलाव चाहते हैं तो हमे इसकी शुरूआत स्वयं से करनी होगी। गुण्डा राज न भ्रष्टाचार ____________का उद्घोष करने वाले मित्रों का सार्वजनिक जीवन दूसरों से भिन्न होना ही चाहिए और यदि किसी को एक कप चाय पिलायें बिना नियुक्ति पाने वाले मित्र भी सार्वजनिक जीवन में पैसा लेकर समाज के हितों के साथ समझौता करने से नहीं चूक रहे है तो हमे मान लेना चाहिए कि अवैध कमाई या भ्रष्टाचार को रोकने की बातें करना सरासर बेईमानी है ।
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