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Monday, 2 October 2017
सावरकर का माफीनामा
Kaushal Sharma
कल 09:32 पूर्वाह्न बजे
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सावरकर का माफीनामा श्री आर. सी. मजूमदार की पुस्तक पीनल सेटलमेन्ट्स इन अंडमान पृष्ट २११-२१३ पर दर्ज है
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Goutam Mahajan, Rakesh Bajpai और 26 अन्य लोग
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Narendra Kumar Yadav
इसके अलावा आधुनिक भारतीय इतिहास नवीन मूल्यांकन।
लेखक. । ,वी, एल ग्रोवर,. एवं यशपाल में भी उल्लेख है।
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कल 09:51 पूर्वाह्न बजे
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Mahesh Sharma
Koushal ji, this is my observation, I think your ideological transformation is on. This may be because of the trollers also. Reactionery force from eitherside pollute social atmosphere to some extent. We all are responsible.
Koushal जी, यह मेरा अवलोकन है, मुझे लगता है कि आपकी वैचारिक परिवर्तन चालू है । यह trollers की वजह से भी हो सकता है । Eitherside वायु प्रदूषण से कुछ हद तक reactionery बल बल. हम सब जिम्मेदार हैं.
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कल 10:50 पूर्वाह्न बजे
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Prakash Sharma
Mahesh Sharma
ji its not on its completed
Mahesh Sharma
जी अपनी पूरी नही पर अपनी पूरी
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कल 10:53 पूर्वाह्न बजे
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Mahesh Sharma
I learnt from you this principle. BE BOLD IN WHAT YOU STAND FOR.
मैं आप से इस सिद्धांत से सीखा. आप किस के लिए खड़े हो, बोल्ड हो.
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कल 10:59 पूर्वाह्न बजे
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Mahesh Sharma
U complete it sir, i appriciate u coz u always remain very cleared on your stand.
तुम इसे पूरा करो सर, मैं सराहना करता हूँ क्योंकि आप हमेशा आपके स्टैंड पर बहुत साफ़ रहते हैं.
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कल 10:57 पूर्वाह्न बजे
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Prakash Sharma
Sir who m i to complete its up to him n he is doing it very well but im abit shoked तो see this careful kenchul change
सर जो मैं उसे पूरा करने के लिए उसे पूरा करना चाहता हूँ और वह बहुत अच्छी तरह से काम कर रहा है लेकिन मैं abit shooked इसे देख रहा हूँ
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कल 11:01 पूर्वाह्न बजे
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Sandhya Mishra
res. prakash ji what do u mean by careful kenchul change?
Res. प्रकाश जी क्या आप सावधान परिवर्तन से क्या मतलब है?
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कल 12:19 अपराह्न बजे
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Prakash Sharma
Sandhya Mishra
जी u better understant
Sandhya Mishra
जी, आप बेहतर कि
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10 घंटे
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Kaushal Sharma
भाई महेश जी और प्रकाश जी
समझदारी की शुरूआत से गरीबी बेकारी अशिक्षा बीमारी मेरी प्राथमिकता रही हैऔर मै किसी भी सरकार का मूल्यांकन इस मोर्चे पर सरकार के प्रयासों से करता हूँ। हाँ यह सच है कि मै गाँधी नेहरू लोहिया जयप्रकाश अबदुल गफ्फार खान
मौलाना आजाद की तुलना मे सावरकर को कमतर आँकता हूँ। उनका माफ़ीनामा मुझे तकलीफ देता है लेकिन इस कारण मै उन्हे देशद्रोही नही मानता । उनकी एक विचारधारा है और असहमत होते हुये भी मै उसका सम्मान करता हूँ। एक दूसरी बात पिछले चुनाव मे मैने नीलिमा कटियार को वोट दिया है ।
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कल 11:08 पूर्वाह्न बजे
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Prakash Sharma
Kaushal Sharma
जी फिर तो इस कसौटी पर तो अंग्रेज बहुत बढ़िया थे बेकार भगाया उनको,,, भारी भूल की आपके सो कॉल्ड सुतन्त्रता ठेकेदारों ने
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19 घंटे
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Kaushal Sharma
स्वतंत्रता संग्राम के प्रति आपकी चिढ़ हमे दुख पहुँचाती है ।स्वतंत्रता संग्राम के प्रति आदर और उसके नायकों के प्रति श्रद्धा भाव रखना हम भारतीयों का करतवय है ।आपको भी स्वतंत्रता संग्राम का अनादर नहीं करना चाहिए।
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13 घंटे
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Prakash Sharma
फिर वही वामपंथी स्टाइलKaushal Sharmaजी मेरी किस बात से आपको लगा कि स्वतंत्रता संग्राम के प्रति मेरे मन मे कुछ चिढ़ है।मिथ्या दोषारोपण, मुझे क्रोध है स्वतंत्रता संग्राम के क्लीवता भरे अध्यायों से और वर्तमान स्वतंत्रता संग्राम ही अकेला नही है मेरी नजर मे
ं ये संग्राम छठी शताब्दी में उसी दिन आरम्भ हो गया था जब मुगलो का पहला हमला थाणे स्टेट पर हुआ था मेरा स्वतंत्रता संग्राम पुरु से आरंभ हो कर पृथ्वीराज,महाराणा सांगा,प्रताप,शिवा, लाल बाल पाल आजाद सुखदेव भगत राजगुर कुकाओ, नेवी विद्रोह से होते हुएअभी भी जारी है ,और आपका स्वतंत्रता संग्राम गांधी डायनेस्टी से आरम्भ हो कर 'दे दी हमे आजादी बिना खड्ग बिना ढाल' पर खत्म हो जाता हैआप सन्तुष्ट हो गए भुजा भग्न भारत माता से मेरा संग्राम अभी उसे महर्षि अरविंद की घोषणातक ले जाने की उत्कट इक्षा रखता है
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9 घंटे
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Mahesh Sharma
वोट गुप्त होता है। नीलिमा को वो दिया बताकर विरोधी स्वर को नरम करने का प्रयास तो नहीं, प्रकाश जी तीखे तेवर वाले नेता हैं। आप क्या भाजपा समर्थक वोटर हैं या तटस्थ हैं। उनसे बात करते समय मैं लचीला हो जाता हूं यह मेरी डिप्लोमेसी का हिस्सा है। हा हा हा हा, बहस इंज्वॉय किया जाना चाहिए, इससे गंभीरता समाप्त नहीं होती बल्कि रोचक हो जाती है।
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21 घंटे
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Mahesh Sharma
ताल ठोंक के
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Chandra Shekhar Singh
अब माफी नामा को जान कर या पढ कर कुछ नही उनसबको आगे लाए जो भारत के विकास मेँ योगदान देने वाले हो जैसे पुरानी पेंशन , सभी कार्ड घर पर ही बानायें ज़ायेंगे
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12 घंटे
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Suresh Yadav
माफीनामा और अन्य इतिहास की बातें करके उलझाए रखना आसान है। विकास की बातें करने से आगे कुछ सार्थक काम करने की जरूरत पड़ सकती है और ना करने पर लोगों के सवाल का जवाब भी देना पड़ सकता है। इसलिए इन दोनों में से जो आसान है लोग वही करना पसन्द करते हैं।
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