Saturday, 7 October 2017

आयकर विभाग कानपुर नगर का भ्रष्टाचार


आयकर विभाग कानपुर मे बयापत भ्रष्टाचार, अनियमितता और मनमानेपन से आज माननीय वित्त राज्य मंत्री श्री शिव प्रताप शुक्ला को अवगत कराने का अवसर प्राप्त हुआ। मैने उन्हें बताया कि आयकर वसूली अधिकारी श्री राम भार्गव ने खुद एक फर्जी डिमांड बनाकर श्री जितेन्द्र कुमार शाव का एक वित्त पोषित फ्लेट अटैच कर लिया और आयकर विधि के तहत उसे एच ड़ी एफ सी लखनऊ की सुपुर्दगी मे दे दिया ।जितेन्द्र कुमार शाव को भगोड़ा घोषित करके उनके सभी बैंक खाते सीज कर लिये लेकिन कई-कई बार माँग किये जाने के बावजूद कथित बकाये आयकर से सम्बन्धित विवरण नहीं बताये गये ।आयकर विभाग कानपुर माननीय हाई कोर्ट इलाहाबाद के समक्ष भी कथित बकायेदारों का विवरण प्रस्तुत नहीं कर सका । फिर भी उसने हाईकोर्ट के समक्ष राम भार्गव के भ्रष्टाचार को सदाचरण बताया लेकिन कथित बकायेदारों का कोई विवरण न होने के कारण हाई कोर्ट ने सम्पूर्ण कार्यवाही को उत्पीड़न बताकर सभी आदेशों को अवैधानिक घोषित कर दिया परन्तु आयकर विभाग ने एच ड़ी एफ सी की सुपुर्दगी से वापस लेकर फ्लेट जितेन्द्र कुमार शाव को नहीं दिया ।पता चला है कि एच ड़ी एफ सी ने अपनी सुपुर्दगी का दुरूपयोग करके फ्लेट किसी और को सौंप दिया और दूसरी ओर उत्पीड़न के लिए दोषी घोषित अधिकारी राम भार्गव को पदोन्नति देकर सहायक आयकर आयुक्त बना दिया जबकि सतर्कता आयुक्त ने उन्हें निलम्बित करने की अनुशंसा की है । पिछले चार वर्षो के दौरान मै खुद सभी प्रधान आयकर आयुक्तों से मिला हूँ। सभी कहते है , अन्याय हुआ है , भ्रष्टाचार हुआ है परन्तु दोषी अधिकारी राम भार्गव को दणड़ित करने और फ्लेट वापस करने के लिए कभी किसी ने कोई सार्थक प्रयास नहीं किया । आज मंत्री जी को बताया, पहले तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ , उनहोंने सी बी ड़ी टी मे विशेष सचिव और सदस्य श्री अरविंद मोदी से पूँछा , क्या ऐसा भी हो सकता है ? हाई कोर्ट इलाहाबाद द्वारा दोषी घोषित किये जाने के बावजूद प्रमोशन कैसे हो गया ?
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3 टिप्पणियाँ
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Surendra Pratap Singh किस्सा तो अभी अधूरा है
फिर क्या हुआ ?
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Kaushal Sharma गम्भीर चर्चा हुई है , अति शीघ्र सुखद परिणाम सामने आयेगा
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21 घंटे
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Surendra Pratap Singh हम आशा करते हैं
कहीं जांच में न चला जाय जिसका भय है जैसा होता है ?
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Chandra Shekhar Singh जान की बाजी अगर अधिकारी लगाये तो सौदा भी सस्ता है ज़ब कोर्ट के आदेश को ना माने तो हम जी जीकर क्या करेंगे और मेरा धन भी रहकर क्या होगा एेसे केस मे अपनी जान की बाजी टाटा नगर रेलवे स्टेशन पर sp लगाये थे , दिल्ली के sp भी बाजी लगाये थे , आंदमोहन singhpar बिहार sp का जान की बाजी के बाद क्या हुआ .... कुछ सरकारी अधिकारी कोर्ट की बात को नही मानते तब जनता फैसला सुनाती है
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15 घंटे
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Suresh Sachan इसी का नाम संघर्ष है। आपका प्रयास जरूर सफल होगा और भ्रष्टाचारी अवश्य दण्डित होगें। इस देश की व्यवस्था ही येसी है कि न्याय देर से मिलता है लेकिन संघर्ष करने वालों की जीत होनी तय है।
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2
7 घंटे
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