Monday, 2 October 2017

जेटली जी आपसे शालीन प्रतिक्रिया की अपेक्षा थी


जेटली जी आपसे शालीन प्रतिक्रिया की अपेक्षा थी
आप शायद भूल गए आदरणीय अटल बिहारी बाजपेयी ने इण्डिया टुडे के तत्कालीन सम्पादक प्रभु चावला के प्रश्न " आपके बाद कौन " के जवाब मे आप और प्रमोद महाजन जी का नाम शीर्ष नेतृत्व के लिये सुझाया था और शायद इसी कारण बी जे पी मे द्वितीय पंक्ति को प्रथम पंक्ति मे पदोन्नति के लिए आपको राज्य सभा मे दल का नेता बनाया गया था इसलिए आम भारतीय आपसे प्रतिकूल परिस्थितियों मे भी शालीन ब्यवहार की अपेक्षा करताहै लेकिन अपनी ही पार्टी के श्रेष्ठ एवं ज्येष्ठ राजनेता श्री यशवंत सिन्हा की तथ्य पूर्ण आलोचना के जवाब मे आपने अनरगल दोषारोपण करके श्री सिन्हा का नहीं खुद अपना अपमान किया है ।
आपको भी याद होगा , मुलायम सिंह के प्रथम मुख्य मंत्रितव काल मे श्री नारायण दत्त तिवारी ने किसी आर्थिक मसले पर सरकार की आलोचना की थी । उसके जवाब मे मुलायम सिंह ने अपने समाजवादी स्वभाव के अनुकूल उन पर कोई दोषारोपण नहीं किया बल्कि अपने तात्कालीन वित्त मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा और सम्बन्धित अधिकारियों के साथ उनके घर पहुँचे और उन्ही से गलती सुधार देने का अनुरोध किया ।गलती तो कोई निकली नहीं लेकिन उसके बाद से आर्थिक मामलों पर नारायण दत्त तिवारी फिर कभी मुलायम सरकार की आलोचना नहीं कर सके । भाई ,अटल जी आपको अपना वारिस मानते थे , इसलिए आपसे शालीन प्रतिक्रिया की अपेक्षा थी । हम सबको लगता था कि आप असहमति का सम्मान करेंगे और श्री यशवंत सिन्हा की तथ्य पूर्ण आलोचना का तथ्य पूर्ण जवाब देकर शालीनता का एक नया अध्याय लिखेंगे परन्तु आप भी औरों जैसे निकले ।
9 टिप्पणियाँ
टिप्पणियाँ
Mohan Tewari बौने हुए विराट हमारे गांव में
चोरों के हैं ठाठ हमारे गांव में
प्रबंधित करें
Suresh Yadav Though many of BJP leaders have become arrogant to some extent but Arun Jaitley Ji is leading the pack. He is arrogance personified.अनुवाद देखें
प्रबंधित करें
Narendra Kumar Yadav एक संस्कारित दल के व्यक्ति से असंसकारित आचरण की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी।
लगता है सत्ता मद मे बोखला गये हैं।
प्रबंधित करें
Prakash Sharma जेटली जी की अशालीनता को कुछ उधृत भी करदे, बस इतना स्मरण रखे संवाद जिस प्रकार शुरू होता है वैसे ही समाप्त भी वैसे यशवंत सिन्हा जी ने ये महत्वपूर्ण सुझाव प्रधानमंत्री या वित्त मंत्री तक तत्काल क्यों नही पहुँचाये अब ये अरोपमत लगा दीजिएगा की उनसे कोई मिलना नही चाहता था
प्रबंधित करें
DN DwivediAdvocate Bade bhai ye gandi rajniti me pale bade hue vo parjivi hai jovakt par sab bhool keval ochhi harkato par ll.d kar rhe ho apni vani ka kaushal gandi pratikriya me n do
प्रबंधित करें
Suresh Sachan सत्ता के बाद भी व्यक्ति शालीन बना रहे, यह साधारण मनुष्य के बस की बात नहीं। इनमें अहम बहुत आ गया है।
प्रबंधित करें
Narendra Kumar Yadav अहम और वहम राजनीति में नहीं पालना चाहिए।सभी की सुनना लोकतंत्र में आवश्यक है 
वरना लोकतंत्र का कोई मानें नहीं रहेगा।
प्रबंधित करें

No comments:

Post a Comment