जेटली जी आपसे शालीन प्रतिक्रिया की अपेक्षा थी
आप शायद भूल गए आदरणीय अटल बिहारी बाजपेयी ने इण्डिया टुडे के तत्कालीन सम्पादक प्रभु चावला के प्रश्न " आपके बाद कौन " के जवाब मे आप और प्रमोद महाजन जी का नाम शीर्ष नेतृत्व के लिये सुझाया था और शायद इसी कारण बी जे पी मे द्वितीय पंक्ति को प्रथम पंक्ति मे पदोन्नति के लिए आपको राज्य सभा मे दल का नेता बनाया गया था इसलिए आम भारतीय आपसे प्रतिकूल परिस्थितियों मे भी शालीन ब्यवहार की अपेक्षा करताहै लेकिन अपनी ही पार्टी के श्रेष्ठ एवं ज्येष्ठ राजनेता श्री यशवंत सिन्हा की तथ्य पूर्ण आलोचना के जवाब मे आपने अनरगल दोषारोपण करके श्री सिन्हा का नहीं खुद अपना अपमान किया है ।
आपको भी याद होगा , मुलायम सिंह के प्रथम मुख्य मंत्रितव काल मे श्री नारायण दत्त तिवारी ने किसी आर्थिक मसले पर सरकार की आलोचना की थी । उसके जवाब मे मुलायम सिंह ने अपने समाजवादी स्वभाव के अनुकूल उन पर कोई दोषारोपण नहीं किया बल्कि अपने तात्कालीन वित्त मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा और सम्बन्धित अधिकारियों के साथ उनके घर पहुँचे और उन्ही से गलती सुधार देने का अनुरोध किया ।गलती तो कोई निकली नहीं लेकिन उसके बाद से आर्थिक मामलों पर नारायण दत्त तिवारी फिर कभी मुलायम सरकार की आलोचना नहीं कर सके । भाई ,अटल जी आपको अपना वारिस मानते थे , इसलिए आपसे शालीन प्रतिक्रिया की अपेक्षा थी । हम सबको लगता था कि आप असहमति का सम्मान करेंगे और श्री यशवंत सिन्हा की तथ्य पूर्ण आलोचना का तथ्य पूर्ण जवाब देकर शालीनता का एक नया अध्याय लिखेंगे परन्तु आप भी औरों जैसे निकले ।
आप शायद भूल गए आदरणीय अटल बिहारी बाजपेयी ने इण्डिया टुडे के तत्कालीन सम्पादक प्रभु चावला के प्रश्न " आपके बाद कौन " के जवाब मे आप और प्रमोद महाजन जी का नाम शीर्ष नेतृत्व के लिये सुझाया था और शायद इसी कारण बी जे पी मे द्वितीय पंक्ति को प्रथम पंक्ति मे पदोन्नति के लिए आपको राज्य सभा मे दल का नेता बनाया गया था इसलिए आम भारतीय आपसे प्रतिकूल परिस्थितियों मे भी शालीन ब्यवहार की अपेक्षा करताहै लेकिन अपनी ही पार्टी के श्रेष्ठ एवं ज्येष्ठ राजनेता श्री यशवंत सिन्हा की तथ्य पूर्ण आलोचना के जवाब मे आपने अनरगल दोषारोपण करके श्री सिन्हा का नहीं खुद अपना अपमान किया है ।
आपको भी याद होगा , मुलायम सिंह के प्रथम मुख्य मंत्रितव काल मे श्री नारायण दत्त तिवारी ने किसी आर्थिक मसले पर सरकार की आलोचना की थी । उसके जवाब मे मुलायम सिंह ने अपने समाजवादी स्वभाव के अनुकूल उन पर कोई दोषारोपण नहीं किया बल्कि अपने तात्कालीन वित्त मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा और सम्बन्धित अधिकारियों के साथ उनके घर पहुँचे और उन्ही से गलती सुधार देने का अनुरोध किया ।गलती तो कोई निकली नहीं लेकिन उसके बाद से आर्थिक मामलों पर नारायण दत्त तिवारी फिर कभी मुलायम सरकार की आलोचना नहीं कर सके । भाई ,अटल जी आपको अपना वारिस मानते थे , इसलिए आपसे शालीन प्रतिक्रिया की अपेक्षा थी । हम सबको लगता था कि आप असहमति का सम्मान करेंगे और श्री यशवंत सिन्हा की तथ्य पूर्ण आलोचना का तथ्य पूर्ण जवाब देकर शालीनता का एक नया अध्याय लिखेंगे परन्तु आप भी औरों जैसे निकले ।
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