Monday, 2 October 2017

कोई बताये , सावरकर के माफ़ीनामा पर चर्चा देशद्रोह है क्या?


कोई बताये , सावरकर के माफ़ीनामा पर चर्चा देशद्रोह है क्या?
टिप्पणियाँ
Ajay Sinha संघ के राजनीतिक दर्शन पर चर्चा जब भी होगी, यहीं से शुरु होगी !
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Suresh Sachan नकली राष्ट्रवादियों का यही वास्तविक चेहरा है।
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Prakash Sharma माफीनामा ही क्यों उनके जीवन की सम्पूर्ण घटनाओं की चर्चा कीजिये साथ ही उनकी भी अद्यतन चर्चा कीजिये जी अंग्रेजो से सेटिंग कर के स्वाधीनता आंदोलन के मसीहा बन गए और उनकी सन्तान पीढ़ी दर पीढ़ी इसकी मौज ले रहे है
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Kaushal Sharma अच्छा लगा आपने इस चर्चा को देशद्रोह नहीं कहा । आप द्वारा सुझाये गये मुददों पर चर्चा हुई है और आगे भी होगी लेकिन माफी माँगने के बावजूद सावरकर को "वीर" और पूरी सजा भुगतने वाले मार्क्स वादी शिव वर्मा को " देशद्रोही " कहने का औचित्य मुझे समझ मे नहीं आता। मै इस अध्याय को सुतर्को के साथ समझना चाहता हूँ। कोई समझायें तो?

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Prakash Sharma कहाँ होती है कौशल जी एक दिन सकारात्मक चर्चा गांधी पर की तो बुरा मान गए आप
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Kaushal Sharma मैंने कभी कुछ बुरा नही माना , न मानता हूँ। गाँधी को समझना है तो प्यारे लाल जी की " पूर्णाहुति " पढें।
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Prakash Sharma मैं पढलूँगा आप भी गोडसे में भाई की पुस्तक पढ़ेंगे क्या
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Kaushal Sharma मैने " गाँधी वध क्यों " और " गाँधी वध और मै " गोपाल गोडसे की दोनों किताबें पढी हैं और उसके बावजूद समझ नहीं पाया कि आप नाथूराम गोडसे को अपना आदर्श क्यों मानते हो ? नाथूराम गोडसे हत्यारा था और हत्यारा ही माना जायेगा। 2014 की जीत गाँधी की हत्या का समर्थन नहीं है ।
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Prakash Sharma Kaushal Sharma जी इसीलिए कभी कभी आपको वामपंथी कहता हूं कितनी शातिराना तरीके से आपने गोडसे को मेरा आदर्श घोषित कर दिया, जबकि ऐसी मैने कोई बात नही कही आपकी एक पुस्तक पढ़ने की सलाह पर मैंने आपको भी एक पुस्तक पढ़ने की एक सलाह दी, आप जैसे कथित अहिंसावादी, गांधी भक्त कभी गांधी जी पर खुली चर्चा नही कर सकते न ही ऐसी किसी खुली चर्चा का सामना कर सकते अगर साहस होता तो सरकारी शक्तियों का प्रयोग करके"मी नाथूराम बोलतोय" मैं नाथूराम बोलरहा हु नाटक का मंचन न रुकवाते
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Kaushal Sharma भाई, मुझे मंचन वाला संदर्भ मेरे संज्ञान मे नहीं है लेकिन अपने कानपुर मे उसका मंचन करा दे , मै उसे अवश्य देखूँगाँ । मै गाँधी को अपना आदर्श मानता हूँ और उनकी आलोचना सुनने को तैयार रहता हूँ परन्तु आप गोडसे की आलोचना क्यो नहीं सुन पाते ? जबकि आप खुद कहतें हैं कि वह आपका आदर्श नहीं है ।
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Prakash Sharma @फिर वही दांव मैने आपको आलोचना से कब रोका लेकिन समालोचना कीजिये किसी के अनुसार अगर उसमे कुछ अच्छा है तो सुनिए भी, गांधी जी को अपना आदर्श माने इसपर तो मैंने आजतक आपति उठाई नही
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Prakash Sharma मैने शिव वर्मा के बारे कब कोई टिप्पणी की आपको याद हो बताये मुझे तो1स्मरण नही
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Dinesh Yadav Yadi charcho ko koi desdroh Kahe to phir loktantra ke liye theek na hi hai
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Mohan Tewari कौशल जी,,,,मुझे यहाँ दुष्यंत जी का शेर,,,
ये सारा जिस्म बोझ से दब कर दुहरा हुआ होगा
मैं सजदे में नहीं था आपको धोखा हुआ होगा
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Rakesh Bajpai कत्तई नहीं ।सावरकर सहित और भी जैसे गोलवलकर हेडगेवार आदि पर भी तथ्यपरक चर्चा होनी चाहिए।
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Prakash Mishra Sir Aap sachmuch satya par Charcha karne me ghabrate nahi ' ye sach hai kiaaj paristhitijanya sthiti ye hai ki aisi charcha bhi karna ho to shayad Deshdrohi kahe Samaj' Prashna sahi hai aapka.
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Shantanu Tripathi कौन कहता है यह देशद्रोह है। बिल्कुल करिये, खुलकर करिये
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Mahesh Sharma मुझे शामिल किए बिना आपकी बहस अधूरी है
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Mahesh Sharma विरोध के लिए विरोध तो उचित नहीं है।
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Prakash Sharma Mahesh Sharma जी यही तो हो रहा है उन्हें समझाइए जो ये कर रहे हैं
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Mahesh Sharma उन्हीं से कहा, आप अपने को क्यों समझ रहे हैं?
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