लड़कियों का सेटल होना मतलब शादी
मेरी अपनी बेटी दिल्ली के एक मीडिया समूह मे सीनियर सब एडीटर के पद पर कार्यरत है । मेरे रिशतेदारों और निकटतम मित्रों को उसके सेटल होने की चिन्ता सताने लगी है । मै बताता हूँ कि अपने क्षेत्र मे स्थायित्व की दिशा मे उसकी गति ठीक ठाक है । अपने तरीके से अपनी पसन्द का जीवन जी रही है लेकिन कोई संतुष्ट नही होता। अपनी मेहनत के बल पर अपना मुकाम बनाने वाली लड़कियों के हम माता पिता खुद अपनी बेटियों का भविष्य उनकी शादी मे तलाशते है । हम आज भी उनहे अपने ही घर मे दिवतीय श्रेणी का नागरिक मानते है और इसीलिये उनकी निजी उपलब्धियाँ उनकी आत्मनिर्भरता हमे उनके सुखमय भविष्य की गारन्टी नही देतीं ।विवाह मे ही उनका भविष्य सुरक्षित माना जाता है। हम और हमारेसमाज ने बेटियों के लिए विवाह और मातृत्व सुख प्राप्त करना अनिवार्य बना दिया है जबकि प्रायः देखा जाता है कि विवाह के बाद कई प्रतिभाशाली बेटियाँ बचपन से मेहनत करके अर्जित मुकाम गँवा बैठती है और यदि पति के साथ कोई विवाद हो गया तो नये सिरे से उन्हे अपना मुकाम पाने मे नाकों चने चबाने पड़ते है । हमें अपने सोच मे बदलाव लाकर अपनी बेटियों की निजी उपलब्धियों पर गर्व और उनकी आत्मनिर्भरता का सम्मान करना सीखना होगा ।
मेरी अपनी बेटी दिल्ली के एक मीडिया समूह मे सीनियर सब एडीटर के पद पर कार्यरत है । मेरे रिशतेदारों और निकटतम मित्रों को उसके सेटल होने की चिन्ता सताने लगी है । मै बताता हूँ कि अपने क्षेत्र मे स्थायित्व की दिशा मे उसकी गति ठीक ठाक है । अपने तरीके से अपनी पसन्द का जीवन जी रही है लेकिन कोई संतुष्ट नही होता। अपनी मेहनत के बल पर अपना मुकाम बनाने वाली लड़कियों के हम माता पिता खुद अपनी बेटियों का भविष्य उनकी शादी मे तलाशते है । हम आज भी उनहे अपने ही घर मे दिवतीय श्रेणी का नागरिक मानते है और इसीलिये उनकी निजी उपलब्धियाँ उनकी आत्मनिर्भरता हमे उनके सुखमय भविष्य की गारन्टी नही देतीं ।विवाह मे ही उनका भविष्य सुरक्षित माना जाता है। हम और हमारेसमाज ने बेटियों के लिए विवाह और मातृत्व सुख प्राप्त करना अनिवार्य बना दिया है जबकि प्रायः देखा जाता है कि विवाह के बाद कई प्रतिभाशाली बेटियाँ बचपन से मेहनत करके अर्जित मुकाम गँवा बैठती है और यदि पति के साथ कोई विवाद हो गया तो नये सिरे से उन्हे अपना मुकाम पाने मे नाकों चने चबाने पड़ते है । हमें अपने सोच मे बदलाव लाकर अपनी बेटियों की निजी उपलब्धियों पर गर्व और उनकी आत्मनिर्भरता का सम्मान करना सीखना होगा ।
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