Friday, 14 July 2017

लड़कियों का सेटल होना मतलब शादी


लड़कियों का सेटल होना मतलब शादी
मेरी अपनी बेटी दिल्ली के एक मीडिया समूह मे सीनियर सब एडीटर के पद पर कार्यरत है । मेरे रिशतेदारों और निकटतम मित्रों को उसके सेटल होने की चिन्ता सताने लगी है । मै बताता हूँ कि अपने क्षेत्र मे स्थायित्व की दिशा मे उसकी गति ठीक ठाक है । अपने तरीके से अपनी पसन्द का जीवन जी रही है लेकिन कोई संतुष्ट नही होता। अपनी मेहनत के बल पर अपना मुकाम बनाने वाली लड़कियों के हम माता पिता खुद अपनी बेटियों का भविष्य उनकी शादी मे तलाशते है । हम आज भी उनहे अपने ही घर मे दिवतीय श्रेणी का नागरिक मानते है और इसीलिये उनकी निजी उपलब्धियाँ उनकी आत्मनिर्भरता हमे उनके सुखमय भविष्य की गारन्टी नही देतीं ।विवाह मे ही उनका भविष्य सुरक्षित माना जाता है। हम और हमारेसमाज ने बेटियों के लिए विवाह और मातृत्व सुख प्राप्त करना अनिवार्य बना दिया है जबकि प्रायः देखा जाता है कि विवाह के बाद कई प्रतिभाशाली बेटियाँ बचपन से मेहनत करके अर्जित मुकाम गँवा बैठती है और यदि पति के साथ कोई विवाद हो गया तो नये सिरे से उन्हे अपना मुकाम पाने मे नाकों चने चबाने पड़ते है । हमें अपने सोच मे बदलाव लाकर अपनी बेटियों की निजी उपलब्धियों पर गर्व और उनकी आत्मनिर्भरता का सम्मान करना सीखना होगा ।
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46 टिप्पणियाँ
टिप्पणियाँ
Durgesh Gupta सर इतनी बड़ी सोच हमारे यहाँ किसी की नहीं
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Equity Shailendra Jaibabashiv!
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Dharmendra KR Singh सर नमन करता हूँ आपको 
मेरी बेटी अभी मात्र बारह वर्ष की है, हूबहू यही सोंच मेरी भी है, अच्छे संस्कारों के साथ 'सबसे बड़ा रोग क्या कहेंगे लोग' को दरकिनार कर बेटी की शिक्षा दीक्षा के प्रति पूरा ध्यान भी है. उसके निर्णायक बनने के दौर तक और उसके बाद उत्साहवर
...और देखें
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Dayakrishna Kandpal जय हिन्द।मेरी एक मित्र इसी सोच के साथ आगे बढी । खूब मान सम्मान व धन कमाया स्वतन्त्र विचारो के साथ जीवन जिया आज वह 44साल की है ।अब माँ 75वर्ष की है रोजगार छोडकर उसकी सेवा मे लगी है ।सगे सम्बन्धियो ने मुह मोड लिया है ।आज उसे समकक्ष जीवन साथी की तलास है। मेरी भी एक बिटिया है।युरोपीय जीवन शैली मे ढालू या भारतीय संस्कार दोराहे पर हू
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Prakash Mishra Sir sachmuch vicharniya aur hamare purampara se juda satya hai
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Rohit Misra Bilkul najariya badlna samay ki jarurat hai kafi log aage bhi aaye hai
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Sanjeev Mishra यकीनन यही होना चाहिए। आपकी सोच लोगों का नजरिया बदलने वाली है।
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Hargovind Adhikari Bahut hi ucchch vichar
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Sanjana Gupta Agarwal काश !! हर बेटी को आप जैसा पिता मिले ........सादर नमन
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Mukesh Vissarwal Insan बिलकुल सही कहा sir आपने
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Gopal Chauhan बहुत सुंदर विचार बड़े भाई
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Pooja Gupta सर जी यही सोच अगर 50प्रतिशत लोगो की भी हो जाऐ तो तो महिलाओ की दोयम दर्जे की जिन्दगी न बितानी पड़े
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Adv Suman Lata Katiyar इस सच्चाई को कोई नकार नहीं सकता।
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Kanti Shikha मुख्य है बेटियों के अपने सपनों का पूरा होना और अपना लक्ष्य हासिल करना, आत्मनिर्भर बनना... शादी गौण है।
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Kumari Sneha अंकल आप ऐसे ही हम लोगों को उत्साहित करते रहें।
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Ambuj Agarwal बहुत ही अच्छा लगा मगर हमारा समाज अभी भी महिलाओं को दोयम दर्ज की सोच में पारिवारिक सुख शांति की जगह अशान्ति में फसा है जबकि भारतीय समाज से ही इंदिरा नुई, अरुंधति भटाचार्य , चंदा कोचर ,ओर सुषमा स्वराज जैसी नारियो ने कीर्तिमान स्थापित किये है । जयहिन्द
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Bajpai Arvind Bahut hi sundar vichar swaagat hai sharma ji
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Manisha Mishra Well said...har ladki ka inspiration uske ma baap hi hote hai..aaj beto se jyada betiya apne ma baap ke jaan hai...aur aap jaise pita ho to betiyo ko kisi sahare ki jaroorat nhi uske paas do ratn hai...shiksha aur uske ma pita...to phir saari kaynat uske paas hai...
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Chetram Panwar · Mukesh Vissarwal Insan का मित्र
Veri good sir
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Pradeep Shukla सभी ऊचाँइया हाँसिल करने के बाद भी बेटियों के मामले में ऐसा लगता है कि अभी कुछ बाकी है ?नौकरी पेशा बेटियां उम्र के एक पड़ाव पर जाकर महसूस करती हैँ कि उन्हें कोई साथी सहयोगी चाहिए, पर सम्भव नहीं हो पाता ।उस समय उनके माँ बाप का सम्बल भी नही रह जाता,ऊचाँइया...और देखें
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Vivekanand Singh वाह अंकल प्राउड ऑफ़ यू🙏🙏
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Versha Srivastava Bahut hi uttam vichar sir
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Arun Dixit Absolutely correct. It is to day demand.अनुवाद देखें
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Rajiv Batia यह बात आपने इस तरह से कह कर कई पिताओ की बहुत बडी मदद कर दी 
आभार
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Ramshyam Kashyap · Kanti Shikha का मित्र
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Suresh Yadav बहुत सामयिक पोस्ट। प्रतिभाशाली बेटियों का बचपन से मेहनत करके अर्जित किये हुए मुकाम को गँवाना उनके जीवन का बहुत बड़ा सेटबैक होता है। यह परिस्थिति उनके ऊपर आने वाली दोतरफा जिम्मेदारियों के कारण पैदा होती है। बेटियों को इससे बचाने में पेरेंट्स का रोल अहम ह...और देखें
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Sanjay Shukla उत्तम विचार भाई साहब
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Girdhar Dwivedi बेटी के लिए परिवार व कैरियर दोनों बहुत आवश्यक है
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Anil Mishra आप के विचारो से मै सहमत हूँ
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Dolly Dolly · Kanti Shikha और 1 अन्य के मित्र
सही कहा सर
मैं भी ऐसी ही एक मां हूं मेरी बेटी आत्मनिर्भर हैं शादी नहीं करना चाहती, उसके फैसले के खिलाफ नहीं मैं,,बस एक चिंता सताती है, मेरे गुजर जाने के बाद उसका ध्यान कौन रखेगा उसके साथ कौन होगा,
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Jaya Sharma Bahut hi aacha vichar
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Anand Sharma बहुत सही बात।
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Vishal Sharma Sahi kaha bhaiya
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Uma Chadha आज के दौर में ये मायने बदल गये हैं.
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Rekha Sharma आप सही नेतृत्व कर रहे है भाई साहेब महिलाओ को दोयम दर्ज की सोच नही रखना चाहिये।
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Adv Sharad Pandey UNCLE JI CHARANSPRSH ,I AGREE WITH U :-अनुवाद देखें
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Manmeet Kaur · Sanjana Gupta Agarwal का मित्र
May all father's think the same
अनुवाद देखें
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Sushil Yadav बहुत बढ़िया सर्
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