Saturday, 8 July 2017

आदरणीय प्रकाश जी, क्षमा करें


आदरणीय प्रकाश जी, क्षमा करें
गाँधी पर दुराग्रहों को त्याग कर खुले मन से बात करने मे किसी को आपत्ति नहीं है । गाँधी का जीवन पारदर्शी है । संघर्ष और रचनात्मकता उनकी विशिष्टता है परन्तु इन दिनों गाँधी के चरित्र हनन का अभियान काफी तेज हो गया है । गोडसे को महिमामंडित करनेका अभियान भी साथ साथ जारी है । प्रकाश जी इतिहास गवाह है कि शहीद भगतसिंह राजगुरु सुखदेव ने सावरकर
की तरह अपनी रिहाई के लिए अंग्रेज़ों से माफी नही माँगी । उन्होंने गाँधी या किसी से अपने लिए रहम की सिफारिश करने की अपेक्षा नहीं की । इस मुद्दे पर आप गोडसे के बयान पर नही , खुद भगतसिंह द्वारा पंजाब के गवर्नर को लिखे पत्र पर विश्वास करे जिसमें उनहोंने खुद को सरेआम गोली मारकर फाँसी देने की माँग की थी । आप सब गाँधी के अन्ध विरोध मे भगतसिंह के साथ माफी की बात जोड़ कर गाँधी का नहीं शहीद भगतसिंह राजगुरु सुखदेव का अपमान करते है । जहाँ तक विभाजन मे गाँधी के दोष का सवाल है , उसके लिए यदि आप भाजपा नेता जसवंत सिंह की किताब और डाक्टर राम मनोहर लोहिया की किताब पढी ले , तो स्थिति साफ हो जायेगी । राजनैतिक कारणों से आप माने या न माने लेकिन सच यही है कि देश विभाजन के लिए पटेल और नेहरू बराबर के दोषी है और दोनों ने गाँधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाकर उन्हे अपमानित किया था ।आपने प्रात: स्मरणीय लोगों की सूची मे गाँधी का नाम शामिल भी कर रखा है और उनका चरित्र हनन भी करते है , यह दोहरा मापदण्ड है । भाजपा खुद गाँधीवादी समाजवाद की बात करती है और इससे गाँधी की श्रेष्ठता स्थापित होती है ।
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30 टिप्पणियाँ
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Anurag Vijai Agnihotri गाँधी जी के अंध-विरोधियों को आईना दिखा रही है आप की पोस्ट......
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6 जुलाई को 09:07 पूर्वाह्न बजे
Suresh Yadav अग्निहोत्री जी, गांधी जी का विरोध अंध-विरोध नहीं हैं। यह तो देश के राजनैतिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को बदलने की एक सोची समझी साजिश और दशकों से खुद के अंदर दबी हुई कुण्ठा और हीन भावना से बाहर निकलने का एक प्रतिक्रियावादी प्रयास है। सफल होगा या नहीं यह तो भविष्य ही बताएगा।
Anurag Vijai Agnihotri सही कहाँ आप ने पूरा का पूरा इतिहास बदलने की साजिश निरन्तर की जा रही है ...ऐसे विचारधारा के लोग गांधीवादी विचारों के खिलाफ लगातार आजादी से पहले से अब तक दुष्प्रचार करते आ रहे है उनकी इस साजिश को जाने बिना लोग उनकी बातो मे आकर गांधी जी को पढे़ या जाने बिना उनका विरोध करने लगते है..
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6 जुलाई को 10:42 पूर्वाह्न बजे
Suresh Yadav गाँधी का विरोध करके लोग थोड़ी बहुत खुद की कुण्ठा दूर कर सकते हैं या अपने मन को हल्का कर सकते हैं। इससे अधिक और कुछ भी संभव नहीं। क्योकि गाँधी एक विचारधारा है और मानव इतिहास में उसका एक विशेष स्थान है जो अमिट है।
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6 जुलाई को 11:10 पूर्वाह्न बजे
Anurag Vijai Agnihotri बिल्कुल सर गांधी कोई व्यक्ति नहीं एक विचार है और विचार सदैव अमर रहते है...
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6 जुलाई को 11:42 पूर्वाह्न बजे
Ashwani Tripathi Bade Bhai yadi aap nishpaksha hokar Gandhi ji k vivechan karenge to aap payenge ki Gandhi ji Hindu samaj k liye purwagrahon w kunthaon se grasit the. Unhone hamesha Hindu samaj me bhedbhaw ko badaya w Jane kin anuwanshik karno se deshvirodhi musalmano k himayti rahe.Gandhi ji ki loktantrik padhati me bheee aastha nahi thee WO apni baat manwane k liye tanashah ho jate or dusro ko jhuthe updesh dete the
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6 जुलाई को 03:53 अपराह्न बजे
Nareshhs Sharma गाँधी वादी समाजवाद केवल किताबों में रह गया ,अब उसके अवशेष भी नहीं मिलेंगे I
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6 जुलाई को 04:43 अपराह्न बजे
Narendra Kumar Yadav माननीय अटलजी ने पंच निष्ठा औ में सकारात्मक गांधी वादी , समाजवाद को जोडा था।
गांधी को दुनियां मान रही है शोध हो रहे हैं अहिंसा के द्धारा संगीनो से लैस गोरो को मजबूर कर दिया फलत: उन्हें भारत छोडना पडा। गांधी पर अशोभनीय टिप्पणी करना राष्ट्रीय अपमान है।
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6 जुलाई को 08:54 अपराह्न बजे
Ashwani Tripathi Suresh ji aisa nahi ha tamam Pakistani British mansikta k log Gandhi brand chadar ood kar apni dukan chala rahe ha. Ye sachchai ha
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जवाब दें6 जुलाई को 09:52 अपराह्न बजे
Suresh Yadav त्रिपाठी जी, अगर आप मेरे पूरे पोस्ट को देखें तो गांधी ब्रांड चादर ओढ़ा हुआ तो मैं भी दिखाई दूंगा और एकदम दिल की गहराइयों से ओढ़ा हूँ। मगर मैं तो हिंदुस्तानी हूँ।
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6 जुलाई को 10:00 अपराह्न बजे
Prakash Sharma कौशल जी जरूरी तो नही की जो आप कह रहे है या जिनका उद्धरण आप दे रहे है उन्होंने जो लिखा हो व्ही अंतिम सत्य है आपकी यह पोस्ट भी यही दर्शाती है की ७० सालो में सत्ता के प्रभाव नरे गाँधी को जैसा गढ़ दिया इससे इतर कुछ भी नही है मै आपका आह्वान करता हु रखिय्र ऐस...और देखें
Peeyush Mishra · Ashwani Tripathi का मित्र
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जवाब दें6 जुलाई को 10:18 अपराह्न बजे
Kaushal Sharma आदरणीय प्रकाश जी 
गाँधी पर पूरे विश्व मे चर्चा परिचर्चा हो रही है । आप उसे सुनना ही नही चाहते है। डाक्टर लोहिया को आप किस रूप मे देखते है , मै नही जानता लेकिन पूरा देश उनका और उनके विचारों का सम्मान करता है । संघशिक्षा वर्ग मे भी गुरूजी के दौर मे उन्हे
...और देखें
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जवाब दें6 जुलाई को 11:20 अपराह्न बजे
Kuldeep Saxena इनके हर झूठ को जनता के सामने लाने का प्रयास होना चाहिए।
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6 जुलाई को 11:25 अपराह्न बजे
Prakash Sharma यही मैं आपसे कह रहा हु जिसे दबाव प्रभाव से सत्य का ओढ़ना ओढ़ा दिया गया है आप उसे सच्चाई मान कर थोपना चाहते है मैं तो सिर्फ खुली chrcha की बात कर रहा हु जिसमे सभी विचारो को सुना जाय ये ना हो कि मीठा मीठा गप्प कडुआ कडुआ थू
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जवाब दें7 जुलाई को 12:03 पूर्वाह्न बजे
Prakash Sharma मेरे लिए भगवान से कुछ न मांगिये मुझे भगवान जो देगा हंस कर स्वीकार है1अगर कुछ करना ही है तो एक बड़ी डिबेट करवा दीजिये जिसमे गांधी के अंध भक्त और अंध विरोधियों दोनो को सुना जाय निर्णय जनता को करने दीजिए
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जवाब दें7 जुलाई को 12:08 पूर्वाह्न बजे
K Vikram Rao Dear Kaushal ji I fully endorse your views and thoughts on BAPU.अनुवाद देखें
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7 जुलाई को 05:52 पूर्वाह्न बजे
Dayakrishna Kandpal गाँधी जी से पहले प्रसिद्ध आर्य नेता लाला लाजपत राय काग्रेश के बडे नेता थे ।अगेजो द्वारा लाला की गर्दन पर पैहार को सरदार भगत सिह बर्दास्त नही कर सके गाँधी ना तो पहले स्वतन्त्रता सेनानी थे ना आखिर 1857से 1930तक आर्य समाज के नेता अग्रणी पक्ति मे थे
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जवाब दें7 जुलाई को 07:46 पूर्वाह्न बजे
Ashwani Tripathi Gandhi brand chadar aajkal pak parast angrej parast or Islamic atankwad k tathakathit intellectual pahrue oode hue ha Suresh ji. Aap fir vichar Karen or Gandhi brand chadar utar kar maa Bharti brand chadar pahne jise desh k wastawik azadi k nayko desh k veer sainiko or desh k aamjanmanas pahanta ha.
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जवाब दें7 जुलाई को 08:34 पूर्वाह्न बजे
Anjani Kumar Mishra अश्वनी त्रिपाठी जी, लगता है कुंठा से तो आप पीड़ित हो, क्या RSS अंग्रेज परस्त थी और है ? RSS ने तो गाँधी जी के नेतृत्व में चले राष्ट्रीय आन्दोलन को आन्दोलन माना नहीं वे तो अंग्रेज विरोध को देशभक्ति मानते ही नहीं थे वह तो मानते थे अंग्रेजी राज कानून का राज है अपने गुरू जी की रचनाएँ पढ़ लीजिए समझ में आ जायेगा
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7 जुलाई को 10:56 पूर्वाह्न बजे
Anjani Kumar Mishra प्रकाश जी, खुली चर्चा तो RSS वाले पसन्द ही नहीं करते उन्हे तो एक दूसरे के कान में फुसफुसाना ही पसन्द है बहर हाल आप खुली चर्चा चाहते हैं तो प्रबन्ध करिए मैं कौशल जी को साथ लेकर अवश्य भाग लूंगा
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7 जुलाई को 11:06 पूर्वाह्न बजे
Ashwani Tripathi Anjani ji pranam kabhee puri baat pad liya Karen. Kewal choton ko daten nahi. Gandhi ji ne bahut kiya uska samman karana ha to Jo desh or samaj k nuksan kiya ha us par bheee charcha Karen jisse bhawishya me galtiyon ka dohraw n ho.
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जवाब दें7 जुलाई को 12:34 अपराह्न बजे
Ashwani Tripathi Or khuli charcha to jab aap jahan batayen ham taiyar ha. Kutark n kariyega n bhagiyega. Mera wishwas ha k apse hame bahut sikhne ko milega.
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7 जुलाई को 12:35 अपराह्न बजे
Kaushal Sharma अशवनी जी आपने शालीनता से अपना पक्ष प्रस्तुत किया । सहमति असहमति अपनी जगह है , बातचीत मे एक दूसरे का सम्मान बना रहना चाहिए और यही लोकतंत्र की विशेषता है ।
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7 जुलाई को 03:54 अपराह्न बजे
एक मित्र टिप्पणी लिख रहा है...

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