आदरणीय प्रकाश जी, क्षमा करें
गाँधी पर दुराग्रहों को त्याग कर खुले मन से बात करने मे किसी को आपत्ति नहीं है । गाँधी का जीवन पारदर्शी है । संघर्ष और रचनात्मकता उनकी विशिष्टता है परन्तु इन दिनों गाँधी के चरित्र हनन का अभियान काफी तेज हो गया है । गोडसे को महिमामंडित करनेका अभियान भी साथ साथ जारी है । प्रकाश जी इतिहास गवाह है कि शहीद भगतसिंह राजगुरु सुखदेव ने सावरकर
की तरह अपनी रिहाई के लिए अंग्रेज़ों से माफी नही माँगी । उन्होंने गाँधी या किसी से अपने लिए रहम की सिफारिश करने की अपेक्षा नहीं की । इस मुद्दे पर आप गोडसे के बयान पर नही , खुद भगतसिंह द्वारा पंजाब के गवर्नर को लिखे पत्र पर विश्वास करे जिसमें उनहोंने खुद को सरेआम गोली मारकर फाँसी देने की माँग की थी । आप सब गाँधी के अन्ध विरोध मे भगतसिंह के साथ माफी की बात जोड़ कर गाँधी का नहीं शहीद भगतसिंह राजगुरु सुखदेव का अपमान करते है । जहाँ तक विभाजन मे गाँधी के दोष का सवाल है , उसके लिए यदि आप भाजपा नेता जसवंत सिंह की किताब और डाक्टर राम मनोहर लोहिया की किताब पढी ले , तो स्थिति साफ हो जायेगी । राजनैतिक कारणों से आप माने या न माने लेकिन सच यही है कि देश विभाजन के लिए पटेल और नेहरू बराबर के दोषी है और दोनों ने गाँधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाकर उन्हे अपमानित किया था ।आपने प्रात: स्मरणीय लोगों की सूची मे गाँधी का नाम शामिल भी कर रखा है और उनका चरित्र हनन भी करते है , यह दोहरा मापदण्ड है । भाजपा खुद गाँधीवादी समाजवाद की बात करती है और इससे गाँधी की श्रेष्ठता स्थापित होती है ।
गाँधी पर दुराग्रहों को त्याग कर खुले मन से बात करने मे किसी को आपत्ति नहीं है । गाँधी का जीवन पारदर्शी है । संघर्ष और रचनात्मकता उनकी विशिष्टता है परन्तु इन दिनों गाँधी के चरित्र हनन का अभियान काफी तेज हो गया है । गोडसे को महिमामंडित करनेका अभियान भी साथ साथ जारी है । प्रकाश जी इतिहास गवाह है कि शहीद भगतसिंह राजगुरु सुखदेव ने सावरकर
की तरह अपनी रिहाई के लिए अंग्रेज़ों से माफी नही माँगी । उन्होंने गाँधी या किसी से अपने लिए रहम की सिफारिश करने की अपेक्षा नहीं की । इस मुद्दे पर आप गोडसे के बयान पर नही , खुद भगतसिंह द्वारा पंजाब के गवर्नर को लिखे पत्र पर विश्वास करे जिसमें उनहोंने खुद को सरेआम गोली मारकर फाँसी देने की माँग की थी । आप सब गाँधी के अन्ध विरोध मे भगतसिंह के साथ माफी की बात जोड़ कर गाँधी का नहीं शहीद भगतसिंह राजगुरु सुखदेव का अपमान करते है । जहाँ तक विभाजन मे गाँधी के दोष का सवाल है , उसके लिए यदि आप भाजपा नेता जसवंत सिंह की किताब और डाक्टर राम मनोहर लोहिया की किताब पढी ले , तो स्थिति साफ हो जायेगी । राजनैतिक कारणों से आप माने या न माने लेकिन सच यही है कि देश विभाजन के लिए पटेल और नेहरू बराबर के दोषी है और दोनों ने गाँधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाकर उन्हे अपमानित किया था ।आपने प्रात: स्मरणीय लोगों की सूची मे गाँधी का नाम शामिल भी कर रखा है और उनका चरित्र हनन भी करते है , यह दोहरा मापदण्ड है । भाजपा खुद गाँधीवादी समाजवाद की बात करती है और इससे गाँधी की श्रेष्ठता स्थापित होती है ।
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