इस्तीफा मायावती का ,याद राजनारायण की कई दशक बाद आज राज्य सभा में अपनी बात कहने का अवसर न मिलने से नाराज सुश्री मायावती ने सदन से इस्तीफा देकर समाजवादी नेता राजनारायण की याद दिला दी । राजनारायण जी प्रायः मजदूरों किसानों की बात किया करते थे लेकिन कांग्रेस का राक्षसी बहुमत उन्हे बोलने नहीं देता था और मार्शल का सहारा लेकर जबरन उन्हे सदन से बाहर फिकवा देता था परन्तु राजनारायण जी कभी विचलित नहीं होते थे । वे कहा करते थे हमने अपना शरीर आम जनता को समर्पित कर रखा है इसलिए सदन से मै नही आम जनता फेंकती जाती है ।मायावती या आज के अधिकांश नेताओं ने सड़क पर संघर्ष की राजनीति नही की , पुलिस की लाठी नहीं खाई , 60 - 70 के दशक मे संसद मे सड़क पर संघर्ष करने वाले राजनैतिक कार्य कर्ता चुन कर आते थे और वे नियमों का सहारा लेकर अध्यक्ष जी से अपनी बात कहने का अवसर ले ही लेते थे । अब तो कोई पढना ही नही चाहता ।
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