आजादी की लडाई की जीत के समकक्ष कुछ भी नहीं जी एस टी एक बडा कर सुधार है और उसे आजादी की लडाई की जीत के समकक्ष नही माना जा सकता। आजादी की लडाई मे असंख्य भारतीयों ने कुर्बानी दी थी । जी एस टी के लिए किसी ने कोई कुर्बानी नहीं दी बल्कि आज के शासक जी एस टी का पुरजोर विरोध करते रहे हैं इसलिए जब वे लोग उसे आजादी की लड़ाई के समकक्ष बताते है तो लगता है कि वे आजादी की लडाई मे असंख्य भारतीयों के बलिदान का महत्व कम करना चाहते है । वे चाहते है कि वर्तमान पीढी आजादी की लडाई के इतिहास की चर्चा न करें । जमींदारी उन्मूलन, बैंको का राष्ट्रीयकरण, राजा रजवाड़ों के प्रीवीपरस की समाप्ति के काम आजाद भारत के बडे आर्थिक सुधार है । नरसिंह राव के कार्यकाल मे समाजवाद का परित्याग करके आर्थिक उदारीकरण का मार्ग अपनाकर अपने समाजवादी गणराज्य को पूँजीवादी गणराज्य मे बदलने का नीतिगत बदलाव किया गया था लेकिन उस समय जश्न नहीं मनाया गया। ठोस काम किये गये जिससे देश का गिरवी रखा सोना वापस आ सका । जी एस टी कर सुधार की एक नई प्रक्रिया है , आर्थिक नीतियों के बदलाव का कोई नया माडल नहीं है । सामान्य कर सुधारों को आजादी की लडाई की जीत के समकक्ष बताकर सरकार ने एक गलत परम्परा की शुरुआत की है
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