मायावती के इस्तीफे का तात्कालीन कारण कुछ भी हो ? लेकिन इससे देश की सर्वोच्च पंचायत मे आपसी सद्भाव का अभाव तो दिखता ही है । याद करें लोक सभा में श्री अटल बिहारी बाजपेयी अपना पहला भाषण दे रहे थे , बात पूरी नहीं हो पाई थी, अध्यक्ष जी ने नियमों के तहत उन्हे बोलने से रोक दिया , सदन मे उपस्थित तबके प्रधानमंत्री पणिड़त जवाहरलाल नेहरू ने खड़े होकर कांग्रेस पार्टी का समय देकर अध्यक्ष जी से अटल जी को बोलने की अनुमति देने का आग्रह किया । कहाँ खो गया संसद का यह सदभाव?
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