Tuesday, 22 May 2018

2014 से पहले की कमियों ने आपको जिताया है


2014 से पहले की कमियों ने आपको जिताया है
गरीबी बेकारी अशिक्षा बीमारी भ्रष्टाचार जैसी समस्याओं से निजात पाने के लिए भारत के लोगों ने प्रधानमंत्री के रूप मे प्रख्यात अर्थ शास्त्री श्री मन मोहन सिंह की विदाई की थी इसलिये हम भारत वासियों को आपकी कापी जाॅचने का अधिकार है परन्तु आप हिन्दू मुस्लिम का बवंडर खड़ा करके अपनी कापी जॅचाये बिना विशेष योग्यता के साथ पास कर देने का दबाव बना रहे है । आप 2014 का घोषणापत्र और विजन डाकयूमेनट लेकर आइये और बताइये कि हमने " जो कहा , सो कर दिया " यदि आपने जमीन पर अपनी घोषणाओं को अमली जामा पहनाया है तो आपको यह कहने की कोई जरूरत नही है कि 2014 के पहले देश मे गरीबी बेकारी अशिक्षा बीमारी भ्रष्टाचार नही था क्या? खुला सच है कि सब कुछ था । हम आप जैसे करोडों लोग इन समस्याओं को लेकर तत्कालीन शासकों को कोसते थे, उनहें भला बुरा कहते थे।
आजादी के बाद दिल्ली की सडकों पर " नेहरू तेरे राज मे, पुलिस डकैती करती है " के नारों के जवाब मे कांग्रेस के कार्य कर्ताओ ने कभी नही कहा कि " अंग्रेजों के जमाने मे डकैती नही पडती थी क्या?" छात्रावास की मेस मे बढी फीस के विरूद्ध शुरू हुआ छात्र आन्दोलन अन्ततः तत्कालीन शासकों के पतन का कारण बना । अब्दुल गफूर की चुनी हुई सरकार को भंग करने की माॅग के लिए हमने जबरदस्त आन्दोलन किये थे । लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व मे ब्यवस्था परिवर्तन की लडाई सारे देश मे लडी गई। आप भूल गये केन्द्र मे मोरारजी देसाई के नेतृत्व मे बनी सरकार इसी आन्दोलन प्रतिफल थी । जनता पार्टी सरकार ब्यवस्था परिवर्तन मे नाकाम सिद्ध हुई। वी पी सिंह के नेतृत्व में फिर भ्रष्टाचार के विरूद्ध एक नई मुहिम शुरू हुई। राजीव गाँधी हट गये , वी पी सिंह प्रधानमंत्री बन गये लेकिन ब्यवस्था परिवर्तन का रास्ता और ज्यादा अवरूद्ध हो गया । ब्यवस्था परिवर्तन की लडाई का शीर्ष नेतृत्व खुद भ्रष्टाचार का लाभार्थी हो गया ।आज देश के सामने छाती ठोंककर कोई राजनेता कह सकता है क्या कि उसने अपने चुनाव मे काले धन का उपयोग नही किया है?
हम आम लोग है , गरीबी बेकारी अशिक्षा बीमारी भ्रष्टाचार से हमारा रोज साबका पडता है । किसी भी सरकारी दफ्तर मे बिना पैसा दिये हमारा काम नही होता । पुलिस के अमानवीय चेहरे मे कोई परिवर्तन नहीं हुआ। कचहरी मे नोट बन्दी के पहले दस रूपया घूस लगती थी , अब बीस रूपये लगने लगी है । 2014 के पहले सरकारी वकील खुलेआम घूस लेकर अभियुक्तों को लाभ पहुँचाते थे , आज भी पहुँचा रहे हैं। सशस्त्र सेनाओं के लिए आपूर्ति मे भ्रष्टाचार कहीं कम नहीं हुआ। सब कुछ जैसा था , वैसा ही आज भी है । केवल चेहरे बदले है , भ्रष्टाचार के तरीके नही । जमीन पर बदलाव दिखना चाहिए और यदि नही दिखेगा तो हमारे जैसे आम लोग आलोचना करेंगे ही एक परीक्षक की तरह कापी जाचेगे और हमे देशद्रोही कहो , पाकिस्तानी कहो या हिन्दू विरोधी, हम नम्बर उतने ही देंगे , जितने कापी बतायेगी ।
टिप्पणियाँ
Prakash Sharma Kaushal Sharmaजी अधीर मत होइए जरूर आएंगे पूरा रिपोर्ट कार्ड लेकर, लेकिन आप भी बिना परीक्षा पूर्ण हुए और उत्तर पुस्तिका बिना जँचे निर्णय मत दिखाइए, आप इतिहास पढ़ा रहे है और हिन्दू मुस्लिम का बवंडर आरोपित करके उपलब्धियों को ढांकना चाहते है तो श्रीमन विरोधियों का अस्त तो हो नही गया है,वो आये न निकल कर सड़क पर रोक ले इस बवंडर को और रवीश कुमार से भी ज्यादा ईमानदारी, जनकारी और छल कपट रहित लिखने वाले और भी हैं कभी उन्हें भी पढ़ लिया कीजिये
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Kaushal Sharma आदरणीय प्रकाश जी 
मेरे पास आपकी प्रतिक्रिया के एक एक शब्द का जवाब है , मै आपके साथ निजी स्तर पर बहस से बच रहा हूँ। ब्यवस्था परिवर्तन की नाकामी पर मेरे विचारों को कांग्रेस बनाम भाजपा की दृष्टि से न देखें। खुद सोचें अपने आसपास के सरकारी विभागों मे भ्रष्टाचार कम हुआ है क्या? या सरकारी अधिकारियों की कार्य संस्कृति मे 2014 की तुलना मे कोई बदलाव आया है क्या? और यदि नही तो इस बदलाव के लिए आपके पास क्या योजना है ?
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CA Sukhdev Singh निश्चित तौर से कोई बदलाव नहीं
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Prakash Sharma आदरणीयKaushal Sharmaजी मैं आपके प्रत्येक तार्किक उत्तर की प्रतीक्षा में रहता हूँ,न कभी व्यक्तिगत लिखा न लिखूंगा, लेकिन एक वर्ष पूर्व ही आप रिपोर्ट कार्ड देखना चाह रहे है और जिन्ना के चित्र के लगाए रखने का मौन समर्थन करते हुए यह लिखना चाहते हैं कि उसकी आड़ में नाकामियों को छिपाया जा रहा है, आप जरूर उपलब्धियों पर कटाक्ष कीजिये लेकिन बाकी बातों को भी षड्यंत्र या बवंडर नही बताना चाहिए
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Kaushal Sharma आदरणीय प्रकाश जी 
समस्या यही है , आपको केवल जिन्ना का चित्र दिखता है , ग्यारह माह से वेतन न मिलने के कारण आर्थिक बहाली का शिकार अपने कानपुर मे लाल इमली के मजदूर नही दिखते ।कब तक इनकी दुर्दशा के लिए कांग्रेस को दोष देते रहें गे? अब आप सत्ता मे इस मिल क
ो चलवाना और श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराना आपकी जिम्मेदारी है । जमीनी बदलाव जिन्ना की फोटो हटने या न हटने से नहीं आयेगा , जमीनी बदलाव रोजगार के अवसरों को बढाने से ही आयेगा और इसके लिए अपने कानपुर के आसपास कुछ नया हुआ हो , तो बतायें।
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Rakesh Chaurasia मेरे प्यारे बुद्बजीवी बडे़ भाईयों जिन्ना हो अन्ना हो या खेत में उगा गन्ना हो सब बीते कल की बाते हैं अगर कुछ अनुभव किया हो तो आइये फेसबुक से निकलकर जमीन में और दूर कीजिए देशवासियों का दुख दर्द जाईये एक-एक घर में और पूछिये कि आज तो जैसे-तैसे बीत गया आने वाले कल में क्या करना है जो बीत गया उसकी तू-तू मैं-मैं से न तो आप लोगो का भला होगा न देश के लोगों का भला होगा अगर वाकई में आप लोगो के पास लोगो के जीवन में आने वाले कल की कोई योजना है तो बताईये सबको और निभाईये सबसे ताकि लोग उबर सकें घटिया वातावरण से और ये आप लोग नहीं देश की राजनीति करने वाली सभी पार्टीयों के नेताओं ने अर्नगल बयानबाजी से आजादी की शुरुआत से आज तक हमेशा देश का माहौल खराब ही किया है कभी हिन्दू ,मुसलमान,सेकुलर,दलित,सिख,ईसाई,कसाई,अगडा़,पिछडा़,मन्दिर,मस्जिद,भाषा,प्रान्त और मेरा-तेरा के नाम पर कोई न कोई आडम्बर खडा़ रहता है अब सीधी सच्ची राह पर देश को दिशा देने का काम सभी बुद्बजीवी देशवासियों को करना चाहिए जिससे मेहनत कश इन्सान,नौजवान गाँव का किसान खुशहाल हो सके,ये अमर शहीदों के त्याग और बलिदान की आजादी अमर हो सके ?माना की बहुत किताबें पढ़ कर लोग शिक्षित हुए लेकिन यथार्थ का प्रशिक्षण बाकी है जिसके चलते स्वार्थ हमेशा हावी रहता है आखिर परमार्थ भी तो ईश्वरीय वरदान है इसका सभी ध्यान क्यों नही रखते,स्वामी विवेकान्दजी ने अपने चिन्तन और अध्ययन से हम सभी को संदेश दिया जो आज भी कारगर है,कि उठो-जागो और आगे बढो़ कभी उन जैसे महापुरुषो ने ये कभी नहीं कहा कि पीछे हटो या झांको हमेशा आगे बढ़ कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की सीख ही दी है और आज हमारा लक्ष्य है संगठित देश मजबूत भारत.जय हिंद जय भारत
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Ramu Shukla बिलकुल सटीक विश्लेषण....
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Sanjay Kumar Singh कौशल भैया आज हमें एक बात समझ में आ गई प्रकाश शर्मा जी व आप सदैव एक दूसरे के दिलो दिमाग में बसते हैं जरूरी नही प्रत्येक इंसान आपका प्रशंसक ही हो किन्तु आपके अधिकाधिक पोस्ट पर उनका मत आना ये दर्शाता है कि वे आपके दिल के काफी करीब हैं उन्हें आज मैं दिल से बधाई इस बात के लिये देना चाहता हूँ कि वे अब अपनी भाषा शैली पर नियंत्रण रखकर ही आपको जवाब देते हैं। ये अच्छी बात है ....
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Kaushal Sharma आदरणीय प्रकाश जी 
हमारे शुभ चिन्तक है और हम दोनों लोग निजी स्तर पर " निनदक नियरे राखिये, ऑगन कुटी छवाय " की अवधारणा का सम्मान करते है और उसका अनुकरण भी करते है।
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Kamlesh Singh बात दरिद्र नारायण की करके सत्ता पाई काम लक्छमी नारायण का हो रहा है भाई ये वैष्णो जनो की पीर क्या जाने।प्रभुता अहंकार भी पैदा करती है।
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Deepak Sootha कौशल जी बदलाव आपको दिख नही रहा। मुझे तो दिखता है । हमारा पीएम पहले कहाँ पहन पाता था 10/15 लाख का डिजायनर सूट। पानी मे उतरने वाला वायुयान किसने किया इस्तेमाल? लालकिले को बहु उपयोगी और लाभ अर्जित करने वाला प्रकल्प कौन बना पाया। ऐसी असंख्य उपलब्धि से देश के नागरिकों को मालामाल करने वाला पीएम : न भूतो न भविष्यते! केवल विप्लव देव में संभावना नज़र आ रही है।
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Shashi Banka Indulia बदलाव को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता
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Suresh Yadav दीपक जी, क्या बात है!!!
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Shikha Singh अंकल गर्त में ले गए यह तो देश को। सोचा था बदलाव आएगा यह लोग तो मध्यकाल ले आए।
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Akarshan Tiwary
इस मूल मूल को हर संघी को समझाया जाना चाहिए क्योंकि वे सत्ता में कभी नहीं होते हैं इसलिए वे आलोचकों का अर्थ समझ नहीं पाते हैं
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Shikha Singh Very true.
बहुत सही.
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अपने आप अनुवाद किया गया
2 सप्ताह
Suresh Yadav It takes time to get trained. Hope their probation period ends faster.
प्रशिक्षित करने के लिए समय लगता है. आशा है कि उनकी परिवीक्षा अवधि तेजी से समाप्त होती है ।
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अपने आप अनुवाद किया गया
2 सप्ताहसंपादित
Rakesh Bajpai कबीर वाणी जैसा निस्पक्ष कथन है ।
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Advo Sushil Kumar Pandey देश का बटवारा ही हिन्दू मुस्लिम बवण्डर से हुआ था , तो फिर आज के बवण्डर से आपको क्यों परेशानी हो रही है |
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Prakash Sharma यही तो समस्या हैKaushal Sharmaजी आपको सिर्फ और सिर्फ लाल इमली ही दिखती है, वैचारिक दृष्टि से राष्ट्र गुलाम हो जाये बस रोटी मिलती रहे, मिले तो अंग्रेजी हुकूमत में सबसे उन्नत थी तो उन्हें ही राज करने दिया जाता,वैसे मैं बताता नही हूँ लेकिन मजदूर संघ के लोगो से पता कीजियेगा अनेक बार लाल इमली कर बारे में प्रयास किया है और अभी भी जितना अपेक्षित होता है करता हूँ आगे भी करुंगा,लेकिन लाल इमली की समस्या इन चार वर्षों में ही नही हुई है,जब वामपंथियों के द्वारा मीलें बन्द कराने की बात आती है तो आप स्वीकार नहीं करते,लाल इमली बन्द होने की प्रक्रिया तब से हो गयी थी जब बीजेपी की दूर दूर तक कोई औकात नही थी बस यही दोहरा मापदंड कष्ट देता है
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Ramesh Trivedi Bilkul. Aur meri janchai me toh inhe 3rd division hi milegi. Bhoosa jyada daana kam.
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Anil Chauhan Bilkul shi baat bhai saheb copy kanchi jayegi no upalabdhiyon sur prabhavi bhrastachar ke aadhar pr hi diye jayenge bhai saheb
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Arvind Kumar सही कहा है आपने कौशल जी।
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