Tuesday, 22 May 2018

इसी को तो कहते है असहाय होने का अहसास


इसी को तो कहते है असहाय होने का अहसास
हम सब जानते है कि असहाय होने का अहसास " भूख " के अहसास से ज्यादा घातक और जानलेवा होता है परन्तु कानपुर मे तैनात प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्री अभय तायल और उनकी टीम आम आदमी को इस आशय का अहसास कराने की विशेषज्ञ है ।
एक व्यापारी जितेन्द्र कुमार शाव के विरूद्ध आयकर वसूली अधिकारी श्रीराम भारगव ने जानबूझकर फेक डिमांड बनाई और उसके आधार पर वसूली सर्टिफिकेट जारी करके उनका वित्त पोषित फ्लेट 411 आनन्द ऐश्वर्या 14/87 सिविल लाइन्स कानपुर को अटैच करके एच डी एफ सी की सुपुर्दगी में दे दिया । हाई कोर्ट ने आयकर विभाग की सम्पूर्ण कार्यवाही को फेक पाया और सभी आदेश रद्द कर दिये । श्रीराम भार्गव को क्षेत्राधिकार विहीन आदेश करने का दोषी बताया परन्तु दोषी अधिकारी के विरूद्ध आज तक कोई कार्यवाही नही की गई बल्कि उसे पदोन्नति देकर सहायक आयकर आयुक्त बना दिया गया है ।
श्री जितेन्द्र कुमार मेरे मित्र है इसलिये हाई कोर्ट द्वारा दिनांक 02 अप्रैल 2012 को पारित आदेश की प्रति लेकर मै खुद अप्रैल 2012 के बाद कानपुर मे तैनात सभी प्रधान मुख्य आयकर आयुक्तों से मिला और उनसे फ्लैट वापस करने का अनुरोध किया है। सभी बेशर्मी से स्वीकार करते है कि श्रीराम भार्गव ने अपने पद का दुरूपयोग करके जितेन्द्र कुमार को उतपीङित किया है परन्तु फ्लेट वापस कराने और श्रीराम भार्गव के विरूद्ध कार्यवाही करने के नाम पर अपने आपको असहाय बताते है ।पता चला है कि एच डी एफ सी , बिलडर और आयकर विभाग के कुछ भूत और कुछ वर्तमान अधिकारियों ने आपस मे मिलकर आयकर विभाग की अधिकारिक अनुमति के बिना फ्लेट किसी तीसरे बयकति को बेच दिया है जबकि आयकर अधिनियम के तहत अटैच सम्पत्ति को बेचने की एक निर्धारित प्रक्रिया है । इस मामले मे जानबूझकर बेईमानी पूर्वक प्रक्रिया का पालन नही किया गया है । कानून की पढाई के दौरान प्रथम वर्ष मे " राजा नन्द लाल " का केस पढाया जाता है । अंग्रेज़ों ने राजा नन्द लाल को बेकसूर होने के बावजूद फाँसी की सजा दिला दी थी ।आजाद भारत मे ठीक उसी प्रकार आयकर विभाग ने किसी युक्ति युक्त कारण के बिना जितेन्द्र कुमार से उनका फ्लेट छीन लिया और उनहें उनकी विधिपूर्ण सम्पत्ति से वंचित कर दिया है जबकि अपना संविधान भी इसकी इजाजत नही देता।
मेरी निजी सक्रियता के कारण माननीय वित्त मंत्री जी के हस्तक्षेप के बाद प्रधान प्रमुख आयकर आयुक्त जागे और उनहोंने अपने अधीनस्थ आइ आर एस अधिकारी श्री दुर्गा दाश को जाॅच अधिकारी बनाया । मै आज तक नही समझ पाया , हाई कोर्ट के आदेश के बाद जाॅच का औचित्य क्या है ? फिर भी मैने जाॅच मे भाग लिया परन्तु जाॅच आख्या से मुझे या जितेन्द्र कुमार को अवगत नही कराया गया है । माननीय मंत्री जी ने एक बार फिर नाराजगी दिखायी, तब प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्री अभय तायल की तरफ से उप आयकर आयुक्त ( विजिलेंस) श्री अभिनव प्रकाश ने अपने पत्र दिनांकित 03 अप्रैल 2018 के द्वारा सूचित किया है कि उनके अंडर मे 7000 कर्मचारी काम करते है और यदि उनमे से कोई मिसचीफ करता है तो उसके लिये आयकर विभाग किसी नागरिक को क्षतिपूर्ति नहीं कर सकता जबकि उनहें अचछी तरह मालुम है कि इस प्रकरण मे क्षतिपूर्ति का कोई विवाद प्रश्न गत नही है । केवल मंत्री जी को गुमराह करने के लिए क्षतिपूर्ति का शिगूफा रचा गया है ।अभय तायल और अभिनव प्रकाश दोनो भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी है । आयकर विभाग इसी सेवा के अधिकारियों द्वारा नियंत्रित एवं संचालित होता है। यही लोग वित्त सचिव और सी बी डी टी के चेयरमैन बनते है ।आजाद भारत मे अभय तायल का जवाब बताता है कि अधिकारी आज भी बेखौफ़ है और माननीय मंत्री जी भी उनके धतकरमो के आगे असहाय है । अंग्रेज़ों ने एक नन्द लाल को फांसी दी थी , आजाद भारत के श्रीराम भार्गव जैसे अधिकारी अपने निहित स्वार्थो के लिए अनेक भारतीयों को फांसी देने के लिए तैयार बैठै है और श्री अभय तायल जैसे वरिष्ठ अधिकारी ऐसे लोगो को बचाव के अवसर उपलब्ध कराके विभागीय एक जुटता दिखाने मे तनिक भी शर्म महसूस नही करते ।
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7 टिप्पणियाँ
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Chandra Shekhar Singh नन्द लाल के उदाहरण आज हर जगह कायम है आप को कुछ दम नहीं किसी कुछ दम नहीं, बीजेपी पेंशन बन्द किया खुद बन्द करने वाला पेंशन लेे रहा है क्या कर लेंगे , रंगबाजी हर जमाने में थी थे और जा री रहेगा, बस शिकार बदलते है
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Ajay Sinha ऐसे सभी ज्ञात प्रसंग हमें बांटना चाहिए । जाहिर है, अधिकारियों के बीच बंदरबांट की नीयत से यूनियन की एकता है ।
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Chandra Shekhar Singh अच्छा हुआ झारखंड में अधिकारी नहीं थे जाने कुछ भी हो सकता था??
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Chandra Shekhar Singh इस तरह के अन्याय पर मर जाओ या मार डालो वाली नीति का मै समर्थक हूं
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Prakash Mishra Sarkar bhi lachaar aur Kanoon bhi aam aadmi keval shikar hai
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Prakash Sharma मान्यवर शिव प्रताप जी का सदुपयोग करें?
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Satyavan Singh · 2 आपसी मित्र
sabhi karyalayo ki yahi gumrah Karne wali kary pradali hai aap shor machate rahe sare niyam kanoono ko takh per rakh ker nider bekhauk galat aadeso ko nij hit me parit karte hai
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