Friday, 25 August 2017

मजदूरों की वजह से कोई कारखाना बन्द नही हुआ


मजदूरों की वजह से कोई कारखाना बन्द नहीं हुआ
कानपुर मे निजी क्षेत्र के सभी कारखाने खुद उनके मालिकों ने अपने कारणों से बन्द किये हैं और एन टी सी के सभी कारखाने सरकार की आर्थिक नीतियों के कारण बन्द हुये है । इसमे मजदूरों , मजदूर नेताओं विशेषकर वामपंथी मजदूर यूनियनो का कोई दोष नहीं है ।
मयोर मिल , विकटोरिया मिल , लक्ष्मी रतन, अथरटन मिल और फिर स्वदेशी काटन मिल को उनके मालिकों के कुप्रबनध के कारण सरकार ने अपने नियंत्रण मे ले लिया था । इन मिलो मे सैन्य जरूरतों के लिए कैनवास और आम जनता के लिए सस्ते दर के कपड़े का उत्पादन होता था इसलिए लाभ कमाने का उददेश्य कहीं नहीं था परन्तु बाद मे नरसिंह राव जी के प्रधानमंत्रितव काल मे निजी क्षेत्र को बढावा देने की अपनाई गई आर्थिक नीतियों के कारण इन मिलों मे उत्पादन बन्द करा दिया गया था । बाद मे अटल जी की सरकार ने भी नरसिंह राव जी की आर्थिक नीतियों को हूबहू लागू किया और उनकी सरकार ने मजदूरों को वी आर एस का झुनझुना पकड़ाकर मिलो को बन्द कर दिया और सारी जमीन निजी क्षेत्र के बिल्ड़रो को बेच दी । इस बन्दी को असहायता मे मजदूरों ने स्वीकार किया था । श्रमिकों ने तो इन मिलों को चलाने के लिए एक दिन के लिए पूरा शहर बन्द कराया था । मिल बन्दी के लिए मजदूरों को दोषी बताना सरासर अन्याय है
लाल इमली अपने इस शहर की शान है ।इसे भी सरकारी नीतियों के तहत निजी क्षेत्र के लिए बलिदान किया जा रहा है । मिल में मजदूरों की कोई हड़ताल नहीं है । उत्पादन खुद सरकार ने बन्द करा रखा है । कपड़ा मंत्री के नाते श्री संतोष गैंगवार जी ने खुद मिल का निरीक्षण किया था । उनके हटते ही सब कुछ फिर से यथावत् हो गया । इसमें मजदूर कर ही क्या सकता है ? वर्तमान सरकार की आर्थिक नीतियों और नरसिंह राव जी की आर्थिक नीतियों मे कोई अन्तर नही है इसलिए मजदूरों को अब टाटा बिड़ला, अड़ानी, अंबानी की कृपा पर जिन्दा रहना होगा ।
12 टिप्पणियाँ
टिप्पणियाँ
Aditya Tripathi भूखे मरते लोगों की किसे चिंता है चाचा जी.....या बेरोजगार नौजवान के भविष्य के लिये कौन सोचता है.....भूखे पेट देश(देश मतलब एक चाय वाले और दूसरे बाबा ) भक्त बने रहो बस ।वरना मुँह खोला तो देश द्रोही....
प्रबंधित करें
Jai Shankar Bajpai सरकार की आर्थिक उदारीकरण नीति कीमती ज़मीनों को हथियाने की नीति के कारण श्रमिकों को आइडिल घोषित कर दिया गया, श्रमिकों को बिना काम के बेतन देकर आंदोलन की धार कुंद कर दी गई तथाकथित श्रमिक नेता अपने हितों को साधने में लग गए परिणाम स्वरूप आंदोलन विखर गया वी.आर.एस. न लेने पर कुछ न मिलने की ख़बर फैलाई गई। भयग्रस्त मजदूर फ़िर भी कुछ ईमानदार नेताओं के साथ संघर्ष करता रहा लेकिन मजदूरों की कम होती जा रही संख्या व नेताओं के दृष्टिकोण में बदलाव आया कि कहीं आंदोलन से श्रमिकों का अहित न हो जाए वो किनारे हो गये। मजदूर के लिए अनेक कानून थे । कारखानों के औद्योगिक कब्र गाह बनने के लिए सरकारी नीतियां व श्रमिकों को सही नेतृत्व न मिलना ही है।
प्रबंधित करें
Asit Kumar Singh Best
बेहतरीन
अपने आप अनुवाद किया गया
प्रबंधित करें
Chandra Shekhar Singh आज बहुत दिन बात किसी ने मेरे दिल की बात कह दी , सारा दोष मजदुर का क्यों की उसके पास वह ताकत नही है मालिक और हरामी नेता ही मिल को बंद कारवाते है . दुनिया आज तक किसी मजदुर के कारण कोयी भी कारखाना बंद नही किया गया है , 
साले नेता 18रूपया किलो चीनी export त करता है और 36 रूपया किलो import करता है ऐसी नितियां ही चीनी मिलो को खत्म कर दिती हैं ,
प्रबंधित करें
Narendra Kumar Yadav कानपुर के मिलो की बंदी की लड़ाई कानपुर के किसी भी दल के नेताओं ने नहीं लडी क्योंकि सारे नेताओं की गिध दरषिट इन मिलो की जगह को खरीदने खरीदवाने पर लग गयी और कुछ आर्दश बघारने वाले नेताओं ने पावर हाउस की जगह खरीद भी ली जो कानपुर मानचेषटर आफ इंडिया कहा जाता था वो आज उधोग विहीन हो गया।जो मिल कारखाने कानपुर के गौरव थे वो आज कानपुर के लिए कानपुर के शर्महो गये।
प्रबंधित करें
Chandra Shekhar Singh अगर मुझको सामने आना होता तो खुन की नादिया वह जाती पर मिल नही बंद होता
प्रबंधित करें
Narendra Kumar Yadav मजदूर रोजगार विहीन हो गया पलायन को मजबूर हो गया।
प्रबंधित करें
Suresh Sachan दक्षिण पंथी यूनियनों ने वामपंथी आंदोलन को कमजोर करने के लिए और पूंजीपतियों ने स्वार्थ के वामपंथी यूनियनों को बदनाम करने का काम किया। बिकाऊ मीडिया इसमे उनका बराबर का सहयोगी रहा।
प्रबंधित करें
Rajiv Batia
अंग्रेज़ी से अनुवाद किया गया
Kaushal Sharma ji
क्या हमारे पास श्रमिकों का वास्तविक डेटा है वास्तव में पीड़ित और बेरोजगार हैं?.
वे बूढ़े हो सकते हैं लेकिन परिवार अभी भी पीड़ित हैं?
मूल देखें
प्रबंधित करें
Rajiv Batia Vidhikjan Kalynsamiti

Do you have details ?
Vidhikjan Kalynsamiti

क्या आपके पास विवरण है?
अपने आप अनुवाद किया गया
प्रबंधित करें

No comments:

Post a Comment