Friday, 25 August 2017

नेहरू को बेशक गाली दो, लेकिन उनकी प्रतिबद्धताओं से कुछ सीखों भी


नेहरू को बेशक गाली दो, लेकिन उनकी प्रतिबद्धताओं से कुछ सीखो भी
आजकल देश की प्रत्येक समस्या के लिए नेहरूकाल को कोसने का अभियान जारी है। भाई लोग भूल जाते है कि सैकड़ों वर्षों की गुलामी के विरुद्ध सदियों के अनवरत संघर्ष के बाद आजादी मिली और नेहरू को आम देशवासियों के सपनों का भारत बनाने का अवसर मिला। उन्होंने अपनी नाकामियों के लिए कभी विदेशी शासन का रोना नही गाया बल्कि जो साधन उपलब्ध थे, उन्हीं साधनों के बल पर आधुनिक भारत का निर्माण किया। नेहरू ने आजादी के तत्काल बाद 1948 में भाखड़ा नागल बाँध की परियोजना शुरु कर दी थी। उन्होंने सत्ता संभालने के 3 वर्षो के अन्दर सार्वजनिक क्षेत्र में हिन्दुस्तान एयरोनाॅटिक्स लिमिटेड, भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, खड़गपुर में आई.आई.टी., अहमदाबाद में आई.आई.एम., चण्डीगढ़ जैसा बेहतरीन शहर, पंजाब में कृषि विश्वविद्यालय और ओ.एन.जी.सी. जैसे कई आधारभूत परियोजनाओं की शुरुआत कर दी थी। सार्वजनिक क्षेत्र के इन प्रतिष्ठानों के बारे में वे कहा करते थे कि इन्हें मन्दिर कहें, गुरुद्वारा कहें या फिर मस्जिद, यह सब हमारी शासन व्यवस्था और आत्मसम्मान को हौसला देते है और आप सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों को विनिवेश के नाम पर बन्द करने का अभियान चला रहे है। आर्डनेन्स फैक्ट्रियाँ और इण्डियन एयरलाइन्स उसका ताजा उदाहरण है। नेहरू ने निजी क्षेत्र के टाटा बिड़ला जैसे उद्योगपतियों की हौसला आफजाई करके कई उद्योगधन्धें लगवायेेें जिससे रोजगार के अवसर बढ़े और देश का आर्थिक विकास भी हुआ है। भइया आप लोगों के कार्यकाल का 3 वर्ष व्यतीत हो चुका है परन्तु आप आज भी गाय, गोबर, लव जिहाद, शमसान कब्रिस्तान, मन्दिर मस्जिद और पिछले शासन को कोसने में उलझे हो। भाई आपकी भी आत्मा जानती है कि इन सबसे ”सबका साथ सबका विकास“ नही होगा। नेहरू की तरह देश के पिछड़े हिस्सों में नई नई रोजगारपरक परियोजनाओं की शुरुआत करने से गरीबी, बेकारी, अशिक्षा, बीमारी को देश से भगाया जा सकेगा। 2 वर्ष बचे है अब चुनावी मोड़ से बाहर आकर कुछ सार्थक शुरुआत करो अन्यथा आपके शासन और यू.पी.ए. के शासन में अन्तर ही क्या रह जायेगा ?
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
टिप्पणी करें
29 टिप्पणियाँ
टिप्पणियाँ
Robby Sharma You are correct in this respect but you firgot to mention that newer and newer ways of corruption were also started in nehru era and touched all time high under indira and manmohan and continuing in present government.
आप इस सम्मान में सही हैं, लेकिन आप इस बात का उल्लेख करते हैं कि नए के नये और नए तरीकों से नेहरू के युग में भी इंदिरा और मनमोहन के पास भी आ गये और वर्तमान सरकार में भी जारी.
अपने आप अनुवाद किया गया
प्रबंधित करें
Jai Shankar Bajpai भाई जी नेहरू के बाद इंदिरा जी २०प्वांइट प्रोग्राम, गरीबी हटाओ,राजीव जी टेक्नोलॉजी, नरसिम्हा राव ने आर्थिक उदारीकरण,अटल जी पोखरण, मनमोहन जी मनरेगा आर.टी.आई.आधार, मोदी जी भृष्टाचार मुक्त,आतकं वाद मुक्त और अंत में कांग्रेस मुक्त नया भारत बनाने का नारा ।
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
2
20 अगस्त को 10:13 पूर्वाह्न बजे
प्रबंधित करें
Suresh Sharma बिलकुल सच्चाई है ।सहमत हूं राष्ट्रवाद की आंधी में नेहरू को कोसने का जो फैशन चल पड़ा उसका मकसद ही इस हकीकत पर पर्दा डालना है भाई जी ।
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
5
20 अगस्त को 10:13 पूर्वाह्न बजे
प्रबंधित करें
Kamal Sharma ये सारे कार्य नेहरु जी ने नहीं, बल्कि मोदी जी ने पिछले जन्‍म में जो आइडिया दिया था उसे नेहरु जी ने चुरा लिया था।
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
6
20 अगस्त को 10:26 पूर्वाह्न बजे
प्रबंधित करें
Adv Manharan Gopal Awasthi शर्मा जी सुप्त व दिग्भर्मित आत्माओं को यथार्थसे साक्षात्कार करा कर उन्नत भारत की ओर उन्मुख कराने का प्रयास सराहनीय ह।आज जो लोग आपके इन विचारों से असहमत हैं हो सकता है समयकाल उपरांत वो इस पर खेद करें।
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
5
20 अगस्त को 10:26 पूर्वाह्न बजे
प्रबंधित करें
Chandra Shekhar Singh अच्छा है, रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तभी आगे विकास होगा
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
1
20 अगस्त को 11:46 पूर्वाह्न बजे
प्रबंधित करें
Sanjay Shukla इस सरकार के शपथ ग्रहण के समय से एक प्रचार किया जा रहा है कि पिछले 67 सालो मे देश मे कोई भी उन्नती नही हुई जो भी देश का विकास हुआ वह इन 3 सालो के मोदी जी की सरकार मे ही हुआ ,जबकि मनमोहन सिंह के द्वारा किये गये कार्यो के ही फीते काट रहे है । यह सरकार और उनके भक्त नेहरू जी को तो छोडिये अटल जी के पोखरण विस्फोट चत॔भुज सड़क योजना सहित अन्य योजनाओ मे पर्दा डालने का काम कर रहे है
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
3
20 अगस्त को 12:40 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Bittu Mehra · Mukesh Vissarwal Insan का मित्र
Sahi baat h
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
1
20 अगस्त को 01:12 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Anil Sharma वर्तमान समय में सरकार के संरक्षण में हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों को कलंकित व अपमानित करने का एक सुनियोजित षड्यंत्र चल रहा है। इसमें विशेष तौर पर गांधी जी व नेहरू जी शामिल हैं इसमें भी नेहरु जी को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। वह भी सिर्फ इसलिए कि कांग्रेस पार्टी को बदनाम किया जा सके । और नेहरू जी के वंशजों को अपमानित किया जा सके । नेहरू जी के बारे में मनघड़ंत व घटिया बातों को इतिहास के रूप में पेश कर कर नई पीढ़ी को बरगलाया जा रहा है । दरअसल नेहरू जी अपनी आधुनिक सोच और दृष्टि में संघ से कोसों आगे थे यह लोग नेहरु जी के कार्यों वा दूरदृष्टि की बराबरी नहीं कर सकते हैं । यह लोग अपनी ओछी मानसिकता के चलते नेहरू जी के नाम को धीरे धीरे देश से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं । इसके अनेकों उदाहरण मिल जाएंगे जिसका ताजा उदाहरण राजस्थान की पाठ्यपुस्तकों में मिल जाएगा। जिसमें देश के पहले गृहमंत्री का नाम तो है पर प्रधानमंत्री का नाम हटा दिया गया है । आने वाली पीढ़ी को हम कैसी शिक्षा दे रहे हैं । यह सोचने का विषय है सोचने का विषय है ?
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
2
20 अगस्त को 08:28 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Suresh Yadav नेहरू-गांधी परिवार का चरित्र हनन कर ये बौने सिर्फ अपने मन की भंडास और कुण्ठे निकाल सकते हैं और इसी में इनका सारा समय निकल जायेगा। मॉडर्न इंडिया के बुनियाद के तौर पर 1956 का इंडस्ट्रियल पालिसी रिजलुशन पढ़ने से तत्कालीन नेतृत्व की सर्वसमावेशी सोच और नीतिगत दूरदर्शिता समझ में आती है। आज का आत्ममुग्ध नेतृत्व सिर्फ low hanging fruits तोड़ने में व्यस्त है और जनता भी मस्त है।
ड्राइंग रूम के दीवाल से नेहरू-गांधी का फोटो हटा देने से उनकी हैसियत कम नहीं होती।
प्रबंधित करें
Anil Sharma आपने अपनी टिप्पणी मे सारे विषयों को समेट कर उनका संक्षेप में सटीक उत्तर दे दिया है । अब इसके बाद इस विषय पर बात करने के लिए ज्यादा कुछ रह नहीं जाता है । ईश्वर मतिभ्रम लोगों को बुद्धि प्रदान करें । उंहें अच्छे बुरे का ज्ञान दे । और भारत के वास्तविक महापुरुषों की पहचान कराएं तथा उन्हें अंधभक्ति की अंधकारमयी गुफा से बाहर निकाल कर उजाला रुपी ज्ञान प्रदान करें ।
प्रबंधित करें
Suneet Kanoujia · Sagar Saxena का मित्र
2019 मे कांग्रेस कीही सरकार बने गी
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
1
20 अगस्त को 08:49 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Nareshhs Sharma आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू जी के योगदान से इंकार नहीं किया जा सकता किन्तु आजकल ऐसा लग रहा है जैसे देश का पूरा बुनियादी ढांचा मात्र साढ़े तीन साल में खड़ा किया गया हो I रही बात गलतियों की तो किसी भी सरकार की गलतियां उसके उठने के बाद ही सामने आती हैं I
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
3
20 अगस्त को 09:13 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Akhtar Ali Farooqui Yes,Pt. Nehru was a visionary and Architect of Modern India....
हाँ, पीटी. नेहरू आधुनिक भारत के एक दूरदर्शी और वास्तुकार थे....
अपने आप अनुवाद किया गया
प्रबंधित करें
Suresh Yadav कौशल शर्मा साहब, मैं आपको को सलाम करता हूँ। नेहरू जी को कोस-कोस कर ये बौने सिर्फ अपने मन की भंडास और कुण्ठे निकाल सकते हैं और इसी में इनका सारा समय निकल जायेगा। मॉडर्न इंडिया के बुनियाद के तौर पर 1956 का इंडस्ट्रियल पालिसी रिजलुशन पढ़ने से तत्कालीन नेतृत्व की सर्वसमावेशी सोच और नीतिगत दूरदर्शिता समझ में आती है। आज का आत्ममुग्ध नेतृत्व सिर्फ low hanging fruits तोड़ने में व्यस्त है और जनता भी मस्त है।
ड्राइंग रूम के दीवाल से नेहरू-गांधी का फोटो हटा देने से उनकी हैसियत कम नहीं होती।
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
2
20 अगस्त को 09:14 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Prakash Sharma कौशल जी अंतर जमीन आसमान का हैआपको दिखेगा ही नही,आंखों पर पट्टी चढ़ी है मोदी, बीजेपी विरोध की
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें20 अगस्त को 09:40 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Kaushal Sharma मेरी आँखों पर कोई पट्टी नहीं चढी और न मैं मोदी विरोधी हूँ । समस्या आपमे है ।आप और इन्दिरा गाँधी के अन्ध भक्तों मे कोई अन्तर नहीं है । दोनों को अपना नेता अपरिहार्य दिखता है । वे कहते थे इन्दिरा इज इंड़िया और आप कहते हो , मोदी भूतो न भविष्यति , यह दोनों बातें चाटुकारिता की इन्तेहा है । पिछ्ले तीन वर्षो मे एक भी रोजगारपरक परियोजना का नाम बताओं जिसका लाभ 2019 के चुनाव के पहले जनता को मिलने वाला हो । एक बात समझ लो , चाटुकार कार्य कर्ता लोकतंत्र के लिए घातक होता है इसलिए चाटुकारिता त्यागो और दल की नीतियों के भक्त बनो । 2014 के पहले सरकार का विरोध लोकतांत्रिक अधिकार माना जाता था , अब आप उसे देशद्रोह मानते हो । कभी किसी बन्द हो गई मिल के मजदूरों की बस्ती मे जाओ । वहाँ की गरीबी बेकारी अशिक्षा बीमारी का साक्षात्कार करो , तब समझ मे आयेगा कि मिल खुलने और बन्द होने का अन्तर क्या होता है । भूख की तड़पन किताब पढकर समझ मे नहीं आती । हम लाल इमली के मजदूरों को रोज देखते है , जिनकी जिन्दगी मे परिवर्तन गाय गोबर लव जिहाद मन्दिर मस्जिद से नहीं आयेगा , परिवर्तन केवल हर महीने वेतन मिलने से आयेगा और यही स्थति पूरे देश मे लागू होती है । हमको मोदी विरोधी या देशद्रोही न बताओ , खुद को किसी बयकति का नही , भाजपा की विचारधारा और नीतियों का समर्थक बनाओ , तभी देश और लोकतंत्र मजबूत होंगा ।
प्रबंधित करें
Vijayendra Tripathi अंधभक्त किसी भी पार्टी के हों वे उस पार्टी को गर्त मे ले जाने मे बहुत सहायता करते हैं
प्रबंधित करें
Bijen Agrawal · 15 आपसी मित्र
कांग्रेस का इतिहास कैसा है कभी समय मिले तो बात रहियेगा फुरसत में सत्यता
प्रबंधित करें
Prakash Sharma आप100 प्रतिशत पट्टी बंधे है आपको फोबिया हो गया है मोदी का रखिये कोई ओपन डिबेट सब बताऊंगा मोदी ने क्या किया और आपके मसीहा नेहरू ने क्या गोंडा लेकिन आप वामपंथ और समाजवाद के मिश्रण के अवैध नशे में चूर हैं आपको कुछ दिखेगा ही नही,मेरी एक भी पोस्ट भूतों न भविष्यत अगर आप दिखा दोगे तो दोबारा आपकी किसी पोस्ट पर टिप्पणी नही करूँगा लेकिन आपको मोदी में कुछ भी अच्छा दिखता ही नही खराब ही खराब मैं तो चाटुकारिता नही कर रहा आप एडविना के दलाल और नेता जी को तोजो का कुत्ता कहने वाले वामपंथियों का चरणचुम्बन जरूर करते है रोज अपनी अधिकतर पोस्ट्स में,मैं भाजपा की ही बात करता हु लेकिन उस भाजपा का नेतृत्व मोदी जी और अमित भाई कर रहे है, रोजगार तो अंग्रेज ने बहुत दिया क्या जरूरत थी आजादी की,क्यों ताज बंधे घूमते है हत्यारे नेहरू के सर पर आजादी की सुबह का, धन्य भाग क्रांतिकारियों के आप जैसे समर्थक नही हुए उस समय नही बेचारे फांसी झूलने के बजाय सत्ता की दलाली करके जिंदा बने रहते,रोजगार ढूंढते रहते, फिर बुला लेते गोरी और गजनी को करवा देते हिन्दुओ सामूहिक कत्लेआम, और मंदिर तुड़वा देते रोटी मिलती रहती,और जिस लाल इमली का रोना आप रो रहे है उसको आपके आका लॉक सलाम वालोंने बर्बाद किया इन फैक्ट लाल इमली ही क्यों पूरे कानपुर के औद्योगिक चरित्र को खत्म किया आपके लाल सलाम वाले आकाओ ने और उस दौरान आपके आदर्श नेहरू की कांग्रेस ही सत्ता में रही जबसे आप fb पर सक्रिय हो आज तक इसको अड्रेस करने वाली आपकी कोई पोस्ट आज तक पढ़ी नही,अकबता मोदी को गरियाने की वाली एक पोस्ट जरूर देखता हूं इस फोबिया से बाहर आइये
प्रबंधित करें
Kaushal Sharma मुझे कोई फोबिया नहीं है और न नशे मे चूर हूँ । हाँ मै गरीब हूँ, पैदायशी मजदूर हूँ, बेकारी अशिक्षा बीमारी को भोगा है । किसी भी सरकार का मूल्यांकन इन मोरचो पर उनके काम से करता हूँ । आप खुद बताओ अपने कानपुर या उत्तर प्रदेश में ऐसी कौन-सी परियोजना शुरू की गई है जिससे उस क्षेत्र मे लोगों को 2019 के पहले रोजगार मिलने वाला हो । भाई आपने मेरी किसी बात का जवाब नहीं दिया । केवल एक नया आरोप मढते दिया । चुनाव जीतने लेने से यदि परिवर्तन आता होता तो इन्दिरा गाँधी ने तो कई चुनाव जीते थे , उन्हे तो आपके अटल बिहारी बाजपेयी माँ दुर्गा का अवतार बताते थे । परिवर्तन के लिए कुछ करना होता है और आपने अभी कुछ् शुरू ही नहीं किया इसलिए आलोचना से चिढते हो । कहा गया है " भूखे भजन न होय घोटाला " गाय गोबर छोड़ कर अब भूख को मिटाने के लिए भी अभियान चलाओ तभी आम आदमी सुखी हो पायेगा ।
प्रबंधित करें
Kaushal Sharma प्रकाश जी
आपने आज मुझ पर कई तरह का अनरगल दोषारोपण किया है । मैंने उनका जवाब दूँगा , चिढियेगा नहीं, मित्र मै कांग्रेस का समर्थक कभी नहीं रहा । मैंने उन कुछ लोगों मे एक हूँ जिसने अदालत के सामने इन्दिरा गाँधी के विरोध की बात स्वीकार की और पाँच माह के सश्
रम कारावास की सजा भोगी । नाम नहीं लिखूँगा , आपके कई आदर्शो ने उस समय माफी माँगी थी । कानपुर की सभी सरकारी मिलो को बन्द करने का निर्णय अटल जी की सरकार ने लिया था । प्रकाश जी आपने अपने दल को नीति गत दस्तावेज भी नही पढा जो गाँधी के समाजवाद का सपना दिखाता है । मैंने फिर कहता हूँ कि अपने शुरूआती तीन वर्षो मे नेहरू ने जितना काम कर दिखाया था , उसका अंश मात्र भी आप अपने तीन वर्षो मे नहीं कर सके हो । अभी समय है , कुछ काम जमीन पर शुरू करो । आलोचना से चिढो मत उसका सम्मान करो । चाटुकारिता तत्काल बन्द कर दो और किसी भी नेता को अपना भगवान न बनाओ । कल्याण सिंह भी भगवान थे लेकिन कुसुम राय प्रकरण मे आप सबने उन्हे भाजपा से बाहर का रास्ता दिखाया ही था । बंगारू लक्ष्मण घूस लेते पकड़े ही गये थे ।
प्रबंधित करें
Paramjeet Singh · 5 आपसी मित्र
Kaushal ji mai aapki post se puri tarah sehmat hu, jo log aankhe hote hue bhi andhe hone ka dhong kare unka koi ilaaz nahi hai
प्रबंधित करें
Prakash Sharma कौशल जी अपने मुझ पर चाटुकारिता का गलत आरोप लगाया था अब मैन कुछ सत्य उद्घाटित कर दिया तो बिलबिला गए,रटी रटाई कांग्रेसी वामपंथी बातो से मुझे लांछित मत किये ये सारे दुर्गा भवानी माफी दराफी वाली बाटे अप्रासंगिक हो गयी है बहुत दिनों तक अपने समाज को फुसला लि...और देखें
प्रबंधित करें
Anil Sharma नेहरू एक हजारों साल के बाद आज़ाद हुए एक देश के pm बने और आधुनिक भारत के निर्माता बने !!मोदी विश्व के चौथी महाशक्ति के pm बने ,उपलब्धि बतानी नही पड़ेगी 3 साल की !!
नेहरू 60 साल पहले मर कर आज भी प्रासंगिक हैं !
#शास्त्री जी शायद मोदी जी से कम दिन pm रहे, आज भी देश के दिल मे हैं,

#कुल मिला कर लोगो में लोकप्रिय होना ,और T .V screen पर लोकप्रिय होना ,दोनों में फर्क तो होता है!
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
4
21 अगस्त को 01:32 पूर्वाह्न बजे
प्रबंधित करें
Suresh Yadav बहुत सही बात। 

दौड़ की प्रतियोगिता में जब प्रतियोगियों का starting point एक होता है और प्रतियोगिता की अन्य सारी परिस्थितियां भी सबके लिए एक समान होती हैं तब उन प्रतियोगियों के काबिलियत की तुलना हो पाती है कि कौन किससे बेहतर है और कौन पीछे है। तुलना हमे
शा समसामयिक ही सही तुलना होता है।

उपरोक्त उदाहरण के सार्थकता पर अगर एक बार गौर करें तो नेहरू जी, शास्त्री जी, इंदिरा जी या अन्य किसी भी भूतपूर्व प्रधान मंत्रियों से वर्तमान प्रधानमंत्री जी की तुलना बेमानी लगती है। क्योंकि ना तो उनका स्टार्टिंग पॉइंट एक है ना ही परिस्थितियां एक समान हैं।

इसलिए भक्तजनों से निवेदन है कि थोड़ा धैर्य रखें और अब से 50 साल बाद जब मोदी जी भी इतिहास का हिस्सा बन जाएं फिर तुलना करना कि भूतपूर्व प्रधान मंत्रियों में से कौन कितने पानी में था।
(नोट - मैं किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थक या विरोधी नहीं हूं)
प्रबंधित करें
Nareshhs Sharma नेहरू जी या किसी को भी कोसना बड़ा आसान है किन्तु यदि उपलब्धियों की दृष्टि से तुलना करें तो नेहरू जी के खाते में गिनाने के लिए एक लम्बी लिस्ट है जबकि मोदी जी के खाते में केवल प्रोपेगंडा है I
प्रबंधित करें
Chandra Shekhar Singh सभी प्रधान मंत्री के अपने राग होते हैं पर ये गरीब लोग गरीबी रेखा के में ही रहते हैं
प्रबंधित करें
Chandra Shekhar Singh नेहरू जी की तुलना किसी से भी नही की जा सकती है और वे परिस्थितिया आज नही हैं . वे भी राष्ट्र के लिये बहुत कुछ किये .
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
2
21 अगस्त को 07:48 पूर्वाह्न बजे
प्रबंधित करें
Ashwani Prakhar Prakash Sharma भाईसाहब करारा जवाब...
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें21 अगस्त को 08:02 पूर्वाह्न बजे
प्रबंधित करें
Kaushal Sharma आदरणीय प्रकाश जी 
अपनी पोस्ट पर अपने विरूद्ध आपके अनरगल दोषारोपण को पढकर बरबस मेरे मन मे आया , यार कौशल, देश बदल रहा है , अब मत कहो आकाश में कुहरा घना है, यह भी किसी की बयकतिगत आलोचना है ।
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें21 अगस्त को 08:46 पूर्वाह्न बजे
प्रबंधित करें
Suresh Yadav शर्मा साहब, दिमाग और नज़र का कनेक्शन अगर सही हो तो आदमी को जो दिखता है वही समझ में आता है। लेकिन अगर नज़र और दिमाग के कनेक्शन में short circuit हो जाय या वह disconnet हो जाय तो दिखता कुछ और है और समझ में कुछ और ही आने लगता है। आजकल यह बीमारी बहुत फैली हुई है। इसलिए कनेक्शन ठीक होने का इंतजार करना पड़ेगा।
प्रबंधित करें
Prakash Sharma यादव जी मैं अपरिचित लोगो पर सामान्यतया टिप्पणी नही करता कौशल जी से मेरे व्यक्तिगत सम्बन्ध इस स्तर के है कि हम एक दूसरे को मर्यादा में किसी भी सीमा तक लिख सकते हैआप अनवयशयक उनकी चाटुकारिता कर रहे है आपकी एक उंगली मेरी तरफ तो तीन खुद आपकी ओर है
प्रबंधित करें
Prakash Sharma ये बात कुछ देर तक स्वयम पर भी लागू कीजिये मान्यवर
प्रबंधित करें
Suresh Yadav आजकल सोशल मीडिया पर वार्तालाप में प्रचलित hop & jump का ट्रेंड देखते हुए मैने एक आम टिप्पणी किया था। आप इसे अपने ऊपर मत लीजिए। अगर मेरे अंदर ऑब्सेशन है यह मेरे ऊपर भी उतना ही लागू होता है। जहाँ तक मेरे टिप्पणी में चाटुकारिता के समावेश का सवाल है यह तो अपनी अपनी नजरिया है। वैसे भविष्य में इस बात का ध्यान जरूर रखूंगा।
प्रबंधित करें
Naresh Tripathi Kaushal.ji.modi.ji.yogi.mansik.devale.ho.chuke.h
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
1
21 अगस्त को 02:06 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Kaushal Sharma आपको मेरी बातों से असहमत होने का पूरा अधिकार है और मै आपके इस अधिकार का सम्मान करता हूँ लेकिन आपको मेरे विचारों से असहमति जताने के लिए मुझे कांग्रेसी कहने का कोई अधिकार नहीं है । मुझे कई बार प्रतीत होता है कि आप मेरी बातों से चिढकर मुझ पर दोषारोपण करते हैं । मेरा प्रशिक्षण रामबहादुर राय के सानिध्य मे हुआ है इसलिए सत्ता पर कोई भी हो , उसे आइना दिखाना मै अपना कर्तव्य मानता हूँ । नेहरू के शुरूआती तीन वर्षों की तुलना मोदी के शुरूआती तीन वर्षों से करना समय की जरूरत है । इस जरूरत को रेखांकित करने के कारण यदि मुझे मोदी विरोधी या कांग्रेसी बताया जाता है तो मैं इसे सरासर लोकतंत्र विरोधी आरोप मानता हूँ ।
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
1
21 अगस्त को 09:45 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Prakash Sharma yahi aarop maae aap par bhi laga sakta hu,जरूरत के बिना ही आइना क्यों दिखाना,आप अपनी पोस्ट से जो दीखते हो वाही तो कहा जायेगा असहमति दुर्भावना पूर्ण नही होना चाहिए आप नेहरु को कुछ भी मानो मेरा मन्ना है नेहरु का नाम भी लेना जरूरी नही आप उन्हें कुछ भी मनो लेकिन मुझ पर मत थोपिए मैंने आपको कांग्रेसी या वामपंथ समर्थक बाद में कहा आपने मुझे चाटुकार पहले कहा
प्रबंधित करें
Anil Sharma कौशल जी जब भाजपाइयों के पास कोई उत्तर नहीं होता तो वह सामने वाले को कांग्रेसी कहते हैं । दरअसल कांग्रेस का भूत सपने में भी डराता है । 60 साल की कांग्रेस की दहशत उनके दिल में बैठ गई है । दरअसल आजकल अगर कोई भाजपा का विरोध करें तो वो कांग्रेसी । जो इन का समर्थन करें वह देश भक्त कहलाता है । आजकल देशभक्ति का सर्टिफिकेट भारतीय जनता पार्टी और संघ के कार्यालय से ही मिलता है । इसलिए आप चिंता ना करें मुझे तो रोज कम से कम 8 10 बार यही बात सुनने को मिलती है । आपको अपने विचार लिखने का पूरा अधिकार है । कोई आपसे सहमत हो या नहीं यह उसकी परेशानी है । हमें अपने विचारों और सिद्धांतों के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए । ना कि अवसरवाद की नाव पर सवार होकर कभी पीडीपी और कभी नीतीश कुमार की नाव की सवारी करें ।।
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
2
21 अगस्त को 09:50 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Dr-Nirupama Varma सत्य वचन । शुभकामना आप को
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
2
22 अगस्त को 12:49 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Prakash Sharma Kaushal Sharmaजी लीजिये अपने प्यारे नेहरू जी की कुछ उपलब्धि क्या आपको पता है की भारत की आजादी के बाद वैश्विक सम्बन्धों के हिसाब से सबसे महत्वपूर्ण देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन और रुस में भारतीय राजदूत के तौर पर पंडित नेहरु ने अपने बहन विजयलक्ष्मी पंडित, अपने भांजे ब्रज कुमार नेहरु और मित्र कृष्णा मेनन को ही नियुक्त किया था और किसी अन्य को इन महत्वपूर्ण देशों में घुसने भी नहीं दिया।
उससे महत्वपूर्ण बात यह की पंडित नेहरू भले निर्गुट आन्दोलन के मुखिया थे बावजूद उसके उनका झुकाव रुस की तरफ ज्यादा था और अमेरिका के तरफ कम था। लेकिन 1962 युद्ध के दौरान रुस ने भारत को मिग 21 देने के अपने समझौते को तोड़ दिया जिससे युद्ध के दौरान भारतीय सेना की कमर टूट गयी। और उसके बाद नेहरू ने लगभग गिड़गिड़ाते हुए नवम्बर 1962 में एक ही दिन दो पत्र अमेरिकी राष्ट्रपति जान एफ केनेडी को लिखा और सहायता मांगी। अमेरिका ने ब्रिटेन के साथ मिलकर अपने थाईलैंड बेस से भारतीय सेना को कोलकाता बेस पर लगातार हथियार मुहैया कराया और भारत की सहायता की।
इसी विदेश नीति का कुछ लोग दिनरात गुणगान करते हैं।
डॉ भूपेंद्र सिंह की वाल से
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
1
23 अगस्त को 06:36 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें
Kaushal Sharma भाई अभी दाल रोटी में उलझा हूँ। थोड़ी देर बाद जवाब दूंगा।
प्रबंधित करें
Kaushal Sharma आदरणीय प्रकाश जी 
मै कांग्रेस का प्रवक्ता नहीं हूँ । लेकिन यह सच है कि आप किसी तर्क संगत बात का तर्क संगत जवाब नहीं देते । आप अपनी ही बातें बताकर सच स्थापित करना चाहते है जो श्रेयसकर नहीं है । मैंने नेहरू सरकार के शुरूआती तीन वर्षों की तुलना मोदी सरकार
 के तीन वर्षो से की थी । उसका आपने कोई जवाब दिये बिना उनकी विदेश नीति पर किसी और की टिप्पणी आपने लिख मारी । मूल प्रश्न तो अनुत्तरित बना हुआ है । आप खुद जानते है कि नेहरू के शुरूआती तीन वर्ष आपकी सरकार के तीन वर्षो की तुलना मे जयादा बेहतर रहे हैं । आपके तीन वर्षो मे रोजगार के अवसर कम हुये , बयापार चौपट हुआ लेकिन आप चुनाव जीतने रहे हैं इसलिए आपको घमणड़ हो गया है । याद करे लो राजीव गाँधी ने आपको केवल दो की संख्या मे समेट दिया था । उन्हे भी घमणड़ हो गया था । अब आपको घमणड़ हो रहा है । असहमति के प्रत्येक स्वर को कुचल देना चाहते हो । आपसे असहमति रखने वाला हर बयकति देशद्रोही है । केवल आप सच बोलते है और सब झूठ । नेहरू के शुरूआती तीन वर्षों की तुलना मे कुछ भी ज्यादा काम किया हो , तो उसका तर्क संगत जवाब दीजिये ।
प्रबंधित करें
Prakash Sharma मैने छिपाया नही है कि ये किसी और ne उद्घाटित किया है आप भी बहुत से शेयर और फॉरवर्ड करते हो इसका मतलब ये नही की तथ्य गलत है और हा इधर चलते फिरते ही लिख रहा हु फुरसत होने दीजिए तीन क्योंव47 से 64 तक लिखूंगा
पसंद करेंऔर प्रतिक्रियाएँ दिखाएँ
जवाब दें
1
23 अगस्त को 10:40 अपराह्न बजे
प्रबंधित करें

No comments:

Post a Comment