Tuesday, 30 January 2018

गाँधी व्यक्ति नही विचार है जो मर ही नही सकते


गाँधी व्यक्ति नहीं विचार हैं जो मर ही नहीं सकते
30 जनवरी 1976को मै कक्षा 12 का विद्यार्थी था और इन्दिरा गाँधी की इमरजेन्सी के विरोध मे कानपुर जेल मे निरुद्ध था। मेरे साथ मन वचन और कर्म से समर्पित गाँधी वादी विनय भाई भी निरुद्ध थे ।मैने जेल मे " गाँधी वध क्यों " और " गाँधी वध और मैं " किताबे पढी थी। उन्ही दोनो किताबों के प्रभाव मे 30 जनवरी के दिन मैने विनय भाई के सामने गाँधी की हत्या को सही बताने के समर्थन मे अपने तर्क प्रस्तुत किये । विनय भाई ने नाराज हुये बिना गम्भीरता पूर्वक मेरी पूरी बात ध्यान से सुनी और फिर शाम को उनहोंने मुझे प्यारे लाल जी की किताब " पूर्णाहुति पढने के लिए दी । गाँधी पर मुस्लिम पर स्त होने के आरोप पर " पूर्णाहुति " मे चर्चा की गई है और हमसे पूछा गया है कि यदि आपके बच्चे और पडोसी के बच्चे के बीच झगड़ा हो रहा हो , तो आप पहले किसे डाटेंगे ? 30 जनवरी 1976 से आज तक इस प्रश्न का एक ही उत्तर मुझे मिला कि मै पहले अपने बच्चे का डाटूंगा। गाँधी सनातन हिन्दू थे और उनका हिन्दुओं पर मुसलमानो से ज्यादा अधिकार था इसलिए किसी दूसरे को कुछ कहने के पहले वह अपने लोगों को समझाते थे ।अब समझ मे आता है कि गाँधी पर मुस्लिम पर स्त होने का आरोप शुरूआत से ही शरारत भरा निर्मूल आरोप है ।सत्य अहिंसा के बिना मानवता की कल्पना की जा सकती है ? बिल्कुल नही , इसीलिए चार नोबल शान्ति पुरस्कार से नवाजा गये मार्टिन लूथर किंग जूनियर, दलाईलामा, आंग सान सू की , अदोलफो पेरेज एसकिवेल ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि उन्हे अपने मुकाम हासिल करनें मे गाँधी से प्रेरणा मिली है। सम्पूर्ण विश्व मे गाँधी के बारे मे जानकारी हासिल करने वालो की संख्या मे अभूतपूर्व इजाफा हो रहा है ।गूगल सर्च में अपने देश के भीतर 50 प्रतिशत और पूरे विश्व मे 62 प्रतिशत युवाओं ने गाँधी के बारे मे जानकारी प्राप्त की है ।गाँधी की आलोचना या उनके विचारों की अवहेलना करके देश मे स्थायी सुख शान्ति नही लायी जा सकती ।
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10 टिप्पणियाँ
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Ajay Sinha आपकी श्रृद्धांजलि से सहमति और अभिनंदन । आप नेल्सन मंडेला को भूल गए जिनकी बड़ी प्रेरणा गांधी ही थे ।
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जवाब दें10 घंटे
Kaushal Sharma हाँ गलती हुई है ।
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जवाब दें9 घंटे
Paras Nath Pandey विचारो की शून्यता जिनके पास है उन्हें गाँधी या गाँधीवाद से कोई वास्ताता नहीं।भावभीनी श्रद्धाँजली।
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जवाब दें9 घंटे
Suresh Sachan आपके विचारों से पूर्ण सहमति। गाँधी का रास्ता ही दुनिया में शांति ला सकता है।
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जवाब दें8 घंटे
Sanjay Shukla गांधी जी ने सेवा भाव का जो उदाहरण दक्षिण अफ्रीका और विश्व युद्ध के दौरान प्रस्तुत किया वह अपने आप मे वे मिशाल था
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Chandra Shekhar Singh अब धर्मों के उद्देश्य और राष्ट्रीयता के मायने बदल गए हैं इस तरह से गांधी जी को मारना उचित था या नहीं, अब उसको किसी बिवाद में डालने से अच्छा होगा कि देशी उद्योग धंधों को बढावा देने के बारे में वार्तालाप संवाद किया जाए और राष्ट्रीयता की पाठ नेताओं को समझाया जाए
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जवाब दें8 घंटे
Rakesh Bajpai बहुत ही अच्छी विवेचना इसे लेकर काफी चर्चा की जा सकती है और देशहित मे करनी भी चाहिए ।वर्तमान स्थिति बड़ी भयावह है जिसे सरकार सत्तालोभ मे जारी रखने का मंशा रखती है ।
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जवाब दें4 घंटे
Randhir Sishodiya श्रद्धेय शर्मा जी घर फूँक तमाशा देखना अगर शान्ति का आयाम है तो कोई तर्क नहीं जब हम एक पक्ष को सन्तुष्ट करते हैं तब दूसरे पक्ष के असन्तुष्ट होने पर अहिंसा का पालन मेरे विचार से सम्भव नहीं रह पाता है । गाँधी निर्वाण दिवस पर श्रद्धावनत
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जवाब दें3 घंटेसंपादित
Kuldeep Saxena अच्छा और प्रेरणादायक संस्मरण।
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जवाब दें1 घंटे
Rakesh Bajpai व्यक्ति मरता है विचार कभी नही मरते ।गांधी ही ऐसी विचार धारा है।जो दुनिया की समस्याओं का समाधान है।
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