Friday, 12 January 2018

आदरणीय सुरेश भाई


आदरणीय सुरेश भाई
कानपुर की एक भी मिल श्रमिकों की हड़ताल के कारण बन्द नहीं हुई है। एन टी सी , बी आई सी की मिलों मे खुद सरकार ने उत्पादन बन्द करा दिया था और जे के काटन ,जे के रेयन , जे के प्लास्टिक, जे के मैनयूफैकचरस, आयरन एण्ड स्टील, सिंह इंजीनियरिंग , गणेश फ्लावर मिल खुद उनके मालिकों ने अपने कारणों से बन्द की है ।जे के जूट मिल और जे के काटन आपके सामने है । इन दोनो मिलो का संकट खुद मालिकों के अपने झगड़ो का परिणाम है ।श्रमिक कहीं से दोषी नहीं हैं। आपको याद हो तो आप बतायें , कानपुर की कौन सी मिल मे लाल झण्डे वालो द्वारा कराई गई हड़ताल के कारण बन्द हुई है। आप बतायें जरूर, हमे अपनी जानकारी अपडेट करनी है ।
टिप्पणियाँ
Jai Shankar Bajpai कानपुर औद्योगिक कब्र गाह बना सरकार की गलत नीतियों तथा कथित नेताओं के गठजोड़ के कारण जिनकी रुचि उद्योगों को चलाने में नहीं इनकी जमीनों को हथियाने की थी।जिसकी शुरुआत मिलों में कर्मचारियों को बिना काम के औसत बेतन दिया जाने लगा जब मजदूरों ने इसके बिरुद्ध आवाज उठाई और कच्चा माल व काम की मांग की तो कहा गया कि बेतन तो मिल रहा है फिर बिरोध किस बात का । मिल बंदी के और भी कारण हैं पर मज़दूर हरगिज नहीं।
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Rakesh Bajpai कारण कुछ भी हो ।श्रमिकों के साथ अन्याय हुवा ।कहीं ना कहींखोट तो जरूर है।
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Rekha Sharma मजदूरों के साथ ही नही पूरे कानपुर के साथ अन्याय हुवा है देश ही नही विदेशो में भी कानपुर की मिलो के चर्चे हुवा करते थे वही मिले आज बन्द पड़ी है मैं भी इससे दो चार हो चुकी हूं मेरे परिवार से भी कई सदस्य मिलो में काम करते थे मिल बंद होने से मैने उन परिवारो की पीड़ा देखी है।
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Rakesh Bajpai पीड़ा न्याय की गुहार करतीहै।
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Indrapal Singh Chauhan मिले हमारे लाल झण्डे वालो के नेताओ की गन्दी राजनीति के कारण एक एक कर बन्द होती चली गई।
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