हमारी सुरक्षा हमारा अधिकार कहना भी अपराध है
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र नाथ पांड़े सहित कई केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक बी एच यू छात्र संघ की उपज हैं। उन सबने कुलपति कालू लाल श्रीमाली की तानाशाही झेली है । आपातकाल के दौरान परिसर स्थित स॔घ कार्यालय ढहा दिया गया था । श्रीमाली जी को छात्र राजनीति अराजकता का पर्याय दिखती थी । वर्तमान सांसद भरत सिंह को कुलपति ने बी एच यू से निषकासित किया था । वे और उनके आका ( तत्कालीन केन्द्र सरकार) दमन करके छात्रों की आवाज को कुचलना चाहते थे लेकिन छात्रों ने " दम है कितना दमन मे तेरे , देख लिया और देखेंगे " का उदघोष करके सत्ता परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त कर दिया था इसलिए चुनावी जीत से बौराओ मत । छात्राओं को सुरक्षा देना आपकी संवैधानिक प्रतिबद्धता है । सुरक्षा देने की जगह निहत्थी छात्राओं को लाठी से पिटवाकर आपने अपनी तानाशाही का परिचय दिया है । अभी समय है , अपना छात्र जीवन याद करो , परिसर मे आकर छात्राओं से बात करो , उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराओ अन्यथा आने वाली पीढी आपको भी क्षमा नहीं करेगी और इतिहास मे लिखा जायेगा कि असहमति को कुचलना कांग्रेस की तरह आपका भी प्रिय शगल है ।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेन्द्र नाथ पांड़े सहित कई केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक बी एच यू छात्र संघ की उपज हैं। उन सबने कुलपति कालू लाल श्रीमाली की तानाशाही झेली है । आपातकाल के दौरान परिसर स्थित स॔घ कार्यालय ढहा दिया गया था । श्रीमाली जी को छात्र राजनीति अराजकता का पर्याय दिखती थी । वर्तमान सांसद भरत सिंह को कुलपति ने बी एच यू से निषकासित किया था । वे और उनके आका ( तत्कालीन केन्द्र सरकार) दमन करके छात्रों की आवाज को कुचलना चाहते थे लेकिन छात्रों ने " दम है कितना दमन मे तेरे , देख लिया और देखेंगे " का उदघोष करके सत्ता परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त कर दिया था इसलिए चुनावी जीत से बौराओ मत । छात्राओं को सुरक्षा देना आपकी संवैधानिक प्रतिबद्धता है । सुरक्षा देने की जगह निहत्थी छात्राओं को लाठी से पिटवाकर आपने अपनी तानाशाही का परिचय दिया है । अभी समय है , अपना छात्र जीवन याद करो , परिसर मे आकर छात्राओं से बात करो , उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराओ अन्यथा आने वाली पीढी आपको भी क्षमा नहीं करेगी और इतिहास मे लिखा जायेगा कि असहमति को कुचलना कांग्रेस की तरह आपका भी प्रिय शगल है ।
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