Wednesday, 13 September 2017

बच्चोें को देखो, उनका व्यवहार समझो


बच्चों को देखो, उनका ब्यवहार समझो
बच्चों के साथ यौन दुराचार की किसी घटना के बाद हफ्ते दस दिन तक हम सब अपने बच्चों को लेकर चिंतित रहते हैं, फिर भूल जाते हैं और बच्चों को बस चालक, स्कूल के चपरासी, आया और कोठी के नौकरों के सहारे छोड देते हैं। हमें मानकर चलना चाहिए कि हमारे बच्चों को हर हाल में हमारी सतर्कता की जरूरत रहती है। बच्चों का अचानक चुप रहने लगना, चिड़चिड़ा हो जाना, स्कूल, बुआ, मौसी, चाची मामा या किसी अंकल आंटी के यहाँ जाने से कतराना, वहाँ से लौट कर उदास हो जाने जैसे आचरण को गंभीरता से देखने की जरूरत है। 13 साल की एक बच्ची को उसका अधेड़ पडोसी कई महीनों से सेक्सुअली उतपीडित कर रहा था। आयु का बडा अंतर होने के कारण माता पिता को शक नहीं हुआ। बच्ची ने
" मम्मी मारेंगी " के डर से घर में कुछ नहीं बताया। हमें अपने बच्चों केसाथ दोस्तो की तरह पेश आने की आदत डालनी चाहिए। हम उन्हें विश्वास दिलाये रखें कि कुछ भी हो, हम उन्हें गलत नहीं मानेंगे, उनके साथ हर हाल मे खडे होंगे। हमें लगता है कहने की जरूरत क्या है? जरूरत है, हम सब भी तो डर के कारण घर में सब कुछ कहाँ बताते थे?
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10 टिप्पणियाँ
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Chandra Shekhar Singh अच्छा सलाह है लोग को मानना चाहिए
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9 सितंबर को 04:29 अपराह्न बजे
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Jai Shankar Bajpai सारगर्भित नेक सलाह ।अच्छी पैरेन्टिंग का सूत्र
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9 सितंबर को 05:41 अपराह्न बजे
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Surendra Pratap Singh छोटे बच्चों के माता पिता को ये डर खाये जा रहा है | कितना शिक्षित कर पाएंगे आप अपने इस छोटे से बच्चे को रफ्तार तेज? सात आठ घंटे मां बाप अपने बच्चे को स्कूल बस और स्कूल के हवाले कर निश्चिंत हो जाते रहे लेकिन अब तो ड्रैकुला चारों तरफ घूम रहे हैअब माँ बाप क्या करें ?
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9 सितंबर को 07:58 अपराह्न बजे
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Jaya Sharma Bhaut aacha lekh. Sir isme pure galti maa ki h ki aapka bacha aapko kuch batane se darta h.
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9 सितंबर को 08:19 अपराह्न बजे
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Kaushal Sharma सवाल गलती का नही है, बच्चे को समझने का है। किसी के भी पास अपने बच्चे को बहुत देर के लिए अकेला छोड़ देना नुकसानदेह होता है और यदि बच्चा वहाँ जाने से कतरा रहा हो तो हमें उसका कारण जानने का प्रयास करना चाहिए। यही वह छण है जहाँ हमें अपने बच्चे के अलावा किसी और की बात सुननी ही नहीं चाहिए।
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Shamim Khan सहमत सर बिल्कुल अब सचेत रह कर ही हम अपने बच्चों की सुरक्छा सुनिश्चित कर सकते है वरना ऐसी घटना कभी भी घट सकती है ।
दुःखद ।।
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9 सितंबर को 09:04 अपराह्न बजे
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DN DwivediAdvocate Good advice
अच्छी सलाह
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Pradeep Shukla Very good subject in current time, Take care fully your childrens..
वर्तमान समय में बहुत अच्छा विषय, अपने बच्चों को पूरा रखो..
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Adv Shree Prakash Tiwari बच्चों के प्रति सतर्कता बहुत जरूरी है
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10 सितंबर को 09:50 पूर्वाह्न बजे
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