Monday, 18 September 2017

अमानवीयता का पर्याय है भारतीय जेल


अमानवीयता का पर्याय है भारतीय जेल
सर्वोच्च न्यायालय ने एक बार फिर जेलों मे सुधार के लिए दिशा निर्देश जारी किये है । इसके पहले भी इसी प्रकार के दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है लेकिन किसी राज्य सरकार ने उनका अनुपालन नहीं किया । एक विदेशी युवती ने 1977 -78के दौरान" भारतीय जेलों मे मेरे तेरह वर्ष " किताब लिखी थी । बेनज़ीर भुट्टो ने भी अपनी आत्म कथा " मै बेनज़ीर " मे जेलों मे विचाराधीन बन्दियो के साथ की जा रही अमानवीयता का हृदयविदारक विवरण प्रस्तुत किया है। आपात कालके दौरान विचाराधीन बन्दी का जीवन मैने भी जिया है । जेल अधिकारी अपने आपको अंग्रेज शासक और बन्दियो को गुलाम मानने की मानसिकता से उबर नहीं सके है । जेल का भोजन किसी भी दशा में खाने योग्य नहीं होता । बन्दियो से अमानवीय स्थितियों मे जबरन काम कराना , उन्हे हर क्षण अपमानित करना आम बात है। एक बैरक मे 50 लोगों के रहने की जगह है लेकिन 150-200 लोग उसमे रखे जाते है । एक बैरक मे एक शौचालय , सोचिए कया स्थिति होती होंगी? माहवारी के दिनों मे महिलाओं की दशा के बारे मे सोचते ही रोंगटे खड़े हो जाते है और दूसरी ओर जिनके पास पैसा है ,राजनैतिक रसूखदारों है ,वे जेल मे भी राजसी जीवन जीते है । जिला जजों को जेल का आकस्मिक निरीक्षण करने का अधिकार मिला हुआ है और वे भी निरीक्षण की औपचारिकता निभाते है । आज तक किसी जिला जज को जेल मे कोई कमी नहीं मिली इसलिए सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों से मुझे सुधार की कोई उम्मीद नहीं दिखती ।
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संध्या कुलकर्णी ख़ास लोगों के लिए ख़ास सेल भी होते हैं मैंने सुना है ।
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16 सितंबर को 08:39 पूर्वाह्न बजे
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Chandra Shekhar Singh खास अपराधी की खास सुविधा होरी है
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K Vikram Rao Kaushal bhai. Aapne bilkul sach likha. Mujhe bhi paanch jails ka Anubhav hai. Tihar se Bengaluru aur Baroda tak kaa.
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16 सितंबर को 09:47 पूर्वाह्न बजे
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Prem Kumar Tripathi शर्मा जी आपने पोस्ट मे यथार्थ लिख दिया क्या इस स्थिति मे सुधार के लिये सुप्रीमकोर्ट कोर्ट मे कोई याचिका नही लगाई जा सकती है ।
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16 सितंबर को 04:39 अपराह्न बजे
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Kaushal Sharma सुप्रीम कोर्ट के हालिया दिशा निर्देशों का अनुपालन यदि राज्य सरकारे करा दे,तो सुधार होसकता है ।
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Prem Kumar Tripathi यदि सरकारें हीला हवाली करती है तो क्या किया जा सकता है ।
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Mahesh Gupta Jab ek nyayalay ka adesh dusra saman nyayalay nahi manta to burecrat se kya ummid pahle apna charitr sudharna ho ga
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16 सितंबर को 07:13 अपराह्न बजे
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