कानपुर बार एसोसिएशन का कोई भी पद लाभ का पद नहीं है फिर क्यों अनाप शनाप खर्चा किया जा रहा है? इतने पैसे आते कहाँ से हैं ? भाई , कोई माने या ना माने लेकिन सच यही है कि कचहरी मे मुकदमें लड़ने की वकालत करके सामान्य अधिवक्ता दस लाख रूपये वार्षिक से ज्यादा की आय अर्जित नहीं कर पाते और यहाँ एक चुनाव मे दस लाख से ज्यादा खर्चा हो जाता है । मुहल्लो तक होरड़िंग लगाने और कई बड़े भोज आयोजित करने की प्रतिद्वंदिता के कारण चुनाव बेहद मँहगा हो गया है और हमारे आप जैसे सामान्य अधिवक्ता चुनाव लड़ने की सोच भी नहीं सकते । मँहगे चुनाव कचहरी के लोकतंत्र के हित मे नहीं है । निर्मम तटस्थता के साथ हम सबको यह सोचना चाहिए कि आखिर अपनी कचहरी को हुआ क्या है ? जिन कीटाणुओं विषाणुओं के कारण हमारा मन सड़ गया है , उन्हें दूर करने के उपायों पर गमभीरता से विचार करना हम सबकी निजी और सामूहिक जिम्मेदारी है । मित्रों अभी समय है , स्थितियाँ खराब है लेकिन उन्हें नियंत्रित किया जा सकता है । एक बार सोचिये कि आप खुद बदलाव के लिए अपने स्तर पर क्या कर सकते हैं?
No comments:
Post a Comment