आदरणीय प्रकाश जी
प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी
आज आपने फिर मुझ पर अनरगल दोषारोपण किया है और मुझे रतौंदी मुकौंदी कनौंधी का मरीज भी घोषित कर दिया है ।प्रकाश जी आज आप बड़े राजनेता हो । राज्य सभा आपका स्वागत करने के लिए आतुर है लेकिन बड़े गर्व के साथ कह सकता हूँ कि गरीबी बेकारी अशिक्षा बीमारी जैसे आम जन से जुड़े मुद्दों पर मैने आपसे ज्यादा कांग्रेस का विरोध किया है । आपातकाल मे भी मैने सत्याग्रह करने के अपने अपराध को अदालत के सामने स्वीकार करते हुये कहा था " हाँ मै इन्दिरा गाँधी का विरोध करता हूँ परन्तु वे राष्ट्र नहीं है इसलिए मेरे खिलाफ भारतीय रक्षा कानून के तहत कोई अपराध नहीं बनता " मेरी इस संस्वीकृति पर मुझे पाँच माह के सश्रम कारावास से दणड़ित किया गया था । 1977 के चुनाव मे आपकी केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने अमेठी मे हमे पिटवाया भी था । हमारे साथ ड़ाकटर हर्षवर्धन भी पीटे गये थे । अच्छी तरह समझ लो मै उस समय पढाई के साथ एक फैक्ट्री मे मजदूरी भी करता था। आज भी मेहनतकश मजदूर की तरह जीवन जी रहा हूँ इसलिए स्वभाव से वयवस्था विरोधी हूँ और जो मुझे अच्छा लगता है , निषकपट भाव से कह देता हूँ। आँख मूँदकर किसी का भी अनुगमन करना मुझे नहीं सिखाया गया है ।
मेरी किसी भी बात से असहमति रखना आपका अधिकार है और आपके इस अधिकार का मै सम्मान करता हूँ लेकिन आपको मेरी किसी भी बात के लिये मुझे देशद्रोही, वामपंथी कांग्रेसी या मोदी विरोधी बताने का कोई अधिकार नहीं है। अपने विरोधी विचारों को देशद्रोही बताना हिटलरी तरीका है ।इसका प्रयोग इन्दिरा गाँधी भी करतीं थी । उनके समर्थक " निक्सन को कर दो तार , जयप्रकाश की हो गईं हार " का नारा लगाकर जे पी मूवमेंट को अमेरिका द्वारा प्रायोजित बताया करते थे ।अब आप अपने से असहमति रखने वाले हर बयकति को देशद्रोही, हिन्दू विरोधी बताने मे कांग्रेसियो की तरह तनिक भी नहीं शर्माते, यह देखकर दुख होता है ।
प्रकाश जी " मेरा है न तेरा है , देश सबका है , अगर न समझी गई यह बात , तो नुकशान सबका है " अपने हिन्दू होने या देशभक्त होने का हमे कोई प्रमाण पत्र नहीं चाहिए। मेरा करवदध निवेदन है कि आप मुझ पर अनरगल दोषारोपण तत्काल प्रभाव से बन्द करने की कृपा करें ।
प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी
आज आपने फिर मुझ पर अनरगल दोषारोपण किया है और मुझे रतौंदी मुकौंदी कनौंधी का मरीज भी घोषित कर दिया है ।प्रकाश जी आज आप बड़े राजनेता हो । राज्य सभा आपका स्वागत करने के लिए आतुर है लेकिन बड़े गर्व के साथ कह सकता हूँ कि गरीबी बेकारी अशिक्षा बीमारी जैसे आम जन से जुड़े मुद्दों पर मैने आपसे ज्यादा कांग्रेस का विरोध किया है । आपातकाल मे भी मैने सत्याग्रह करने के अपने अपराध को अदालत के सामने स्वीकार करते हुये कहा था " हाँ मै इन्दिरा गाँधी का विरोध करता हूँ परन्तु वे राष्ट्र नहीं है इसलिए मेरे खिलाफ भारतीय रक्षा कानून के तहत कोई अपराध नहीं बनता " मेरी इस संस्वीकृति पर मुझे पाँच माह के सश्रम कारावास से दणड़ित किया गया था । 1977 के चुनाव मे आपकी केन्द्रीय मंत्री श्रीमती मेनका गांधी ने अमेठी मे हमे पिटवाया भी था । हमारे साथ ड़ाकटर हर्षवर्धन भी पीटे गये थे । अच्छी तरह समझ लो मै उस समय पढाई के साथ एक फैक्ट्री मे मजदूरी भी करता था। आज भी मेहनतकश मजदूर की तरह जीवन जी रहा हूँ इसलिए स्वभाव से वयवस्था विरोधी हूँ और जो मुझे अच्छा लगता है , निषकपट भाव से कह देता हूँ। आँख मूँदकर किसी का भी अनुगमन करना मुझे नहीं सिखाया गया है ।
मेरी किसी भी बात से असहमति रखना आपका अधिकार है और आपके इस अधिकार का मै सम्मान करता हूँ लेकिन आपको मेरी किसी भी बात के लिये मुझे देशद्रोही, वामपंथी कांग्रेसी या मोदी विरोधी बताने का कोई अधिकार नहीं है। अपने विरोधी विचारों को देशद्रोही बताना हिटलरी तरीका है ।इसका प्रयोग इन्दिरा गाँधी भी करतीं थी । उनके समर्थक " निक्सन को कर दो तार , जयप्रकाश की हो गईं हार " का नारा लगाकर जे पी मूवमेंट को अमेरिका द्वारा प्रायोजित बताया करते थे ।अब आप अपने से असहमति रखने वाले हर बयकति को देशद्रोही, हिन्दू विरोधी बताने मे कांग्रेसियो की तरह तनिक भी नहीं शर्माते, यह देखकर दुख होता है ।
प्रकाश जी " मेरा है न तेरा है , देश सबका है , अगर न समझी गई यह बात , तो नुकशान सबका है " अपने हिन्दू होने या देशभक्त होने का हमे कोई प्रमाण पत्र नहीं चाहिए। मेरा करवदध निवेदन है कि आप मुझ पर अनरगल दोषारोपण तत्काल प्रभाव से बन्द करने की कृपा करें ।
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